खूंटी: जिले के सदर अस्पताल में एक मरीज की मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया. परिजनों ने अस्पताल में तोड़ फोड़ भी की. उन्होंने पुरुष वार्ड के दरवाजा पर लगी शीशे को तोड़ दिया और फिर वहां से चलते बने. सूचना मिलने के बाद पहुंची पुलिस मामले की जांच में जुट गई है.
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दरअसल, तोरपा थाना क्षेत्र के कसमार गांव के एक 70 वर्षीय मरीज नकुल मांझी को देर शुक्रवार रात लगभग 12 बजे सदर अस्पताल मे एडमिट कराया गया था. अस्पताल में भर्ती कराने के बाद डॉक्टरों ने जांचोपरांत उसे रिम्स रेफर कर दिया. लेकिन परिजन उसे रिम्स नहीं ले गए. क्योंकि मरीज बेहोशी की हालत में था, इसलिए रांची रेफर किये जाने के बाद परिजन उसे रिम्स ले जाने के बजाए डॉक्टर से सदर अस्पताल में ही इलाज कराने की गुजारिश करने लगे. जिसके बाद डॉक्टरों ने परिजनों से कागज पर उनकी सहमति लिखवा कर दर्ज करा ली.
इसी बीच धीरे-धीरे मरीज की तबीयत ज्यादा बिगड़ने लगी और दोपहर 12 बजे के करीब उसकी मौत हो गई. मौत के बाद परिजन आग बबूला हो गए और उन्होंने जमकर हल्ला हंगामा ओर तोड़फोड़ की. बाद में अस्पताल प्रबंधन ने इसकी सूचना पुलिस को दी. पुलिस ने जांच शुरू कर दी है.
एंबुलेंस नहीं मिलने पर परिजनों ने किया हंगामा: डॉक्टर रघुनंदन भगत ने बताया कि जब मरीज को लाया गया था, उस वक्त मरीज बेहोश था. जांच करने के बाद मरीज का ऑक्सीजन लेवल भी कम था और शुगर भी बढ़ा हुआ था. जिसके बाद डॉक्टरों ने मरीज को रेफर करने की सलाह दी, लेकिन उनके परिजन पुरुषोत्तम मांझी ने लिखकर दिया कि उनका यहीं इलाज कराया जायेगा.
शनिवार सुबह परिजनों ने मरीज को दूसरे अस्पताल ले जाने की मांग की और एंबुलेंस ढूंढने लगे. लेकिन एंबुलेंस दूसरे मरीजों को लेकर कहीं गया था, जिसके कारण समय पर एंबुलेंस नहीं मिल पाया. जिसके कारण परिजनों ने अस्पताल पर लापरवाही समेत कई आरोप लगाए और तोड़फोड़ की. हालांकि, मरीज के परिजनों ने डॉक्टरों के साथ किसी तरह का कोई दुर्व्यवहार नहीं किया है.