खूंटी: जिले के प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को आईआईटी इंजीनियरिंग, मेडिकल की परीक्षाओं की तैयारी के लिए जिला प्रशासन सपनों की उड़ान कार्यक्रम का विस्तार करने जा रही है. इसके तहत बहुत जल्द 'खूंटी 100' की शुरुआत होनेवाली है. इसके जरिए जिला प्रशासन सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों के 100 प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को मेडिकल और इंजीनियरिंग की तैयारी के लिए दो वर्षों तक निःशुल्क कोचिंग कराएगी. नक्सल और सुदूरवर्ती क्षेत्रों के बच्चों को आवासीय सुविधा के साथ-साथ भोजन की व्यवस्था भी की जाएगी.
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डीसी शशि रंजन ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की छात्राओं को मेडिकल और इंजीनियरिंग की तैयारी के लिए सपनों की उड़ान कार्यक्रम के तहत विशेष कोचिंग दी जा रही थी, जिसका काफी सुखद परिणाम आ रहा है. गरीब आदिवासी किसान से लेकर वैसे बच्चे मेडिकल और इंजीनियरिंग की परीक्षा निकाल रहे हैं, जिसके बारे में कल्पना नहीं की जा सकती थी. जिले के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की छात्रा सुचिता सुरीन ने जेईई एडवांस की परीक्षा पास कर जहां सपनों की उड़ान कार्यक्रम को सार्थकता दी है. वहीं अन्य छात्र-छात्राओं के लिए एक नजीर भी पेश की है.
निशुल्क होगी खूंटी 100 में तैयारी: डीसी ने कहा कि सुचिता सुरीन की सफलता को देखते हुए अन्य स्कूलों के छात्र-छात्राओं के लिए भी इस तरह के कार्यक्रम चलाने का निर्णय जिला प्रशासन द्वारा लिया गया है. इसके तहत खूंटी के तमाड़ रोड स्थित बिरसा मुंडा पुस्तकालय के बगल में खूंटी 100 नाम से प्लस टू उत्तीर्ण छात्रों के लिए कोचिंग शुरू की जाएगी. उन्होंने बताया कि यह कोचिंग पूरी तरह निःशुल्क होगी और सुदूरवर्ती इलाकों के छात्रों के रहने और खाने की भी पूरी व्यवस्था की जाएगी.
जुलाई के अंत में हो सकती है कोचिंग की शुरुआत: डीसी ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा आयोजित करियर काउंसिलिंग कार्यक्रम में जनजातीय क्षेत्रों के बच्चों में इंजीनियरिंग और मेडिकल के क्षेत्र में करियर बनाने को लेकर खासा रुझान देखा जा रहा था. ऐसे बच्चों को सही प्लेटफार्म देने के लिए जिला प्रशासन सपनों की उड़ान कार्यक्रम का विस्तार करते हुए खूंटी 100 कोचिंग कार्यक्रम की शुरुआत करने जा रही है. खूंटी 100 कोचिंग जुलाई के अंत या अगस्त के प्रारंभ में शुरू कर दिया जायेगा. उन्होंने बताया कि इससे खूंटी जैसे जनजातीय बहुल इलाकों में बड़ी संख्या में छात्र मेडिकल और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में सफलता हासिल कर पाएंगे. डीसी शशि रंजन ने बताया कि पहले सिर्फ कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय कालामाटी में 12वीं में साइंस की पढ़ाई होती थी, लेकिन छात्राओं की विज्ञान विषयों में रुचि को देखते हुए एक अन्य कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में भी साइंस की पढ़ाई शुरू करने की तैयारी की जा रही है.