खूंटी: झारखंड कैडर के आईपीएस अधिकारी सह खूंटी जिला के पूर्व एसपी आलोक का निधन 51 साल की उम्र में हो गया. वे कैंसर से पीड़ित थे. वह 2010 बैच के आइपीएस थे. आलोक का जन्म 28 जुलाई 1969 में हुआ था और आलोक संयुक्त बिहार में डीएसपी थे. बिहार से झारखंड अलग होने के बाद आलोक झारखंड कैडर में आ गये थे. 1 मार्च 2016 में आलोक को आइपीएस रैंक में प्रोन्नति मिली थी. उन्हें 2010 का बैच भी मिला था. झारखंड में वो खूंटी, गढ़वा में बतौर एसपी सेवा दे चुके थे. खूंटी एसपी रहने के दौरान आलोक की तबीयत खराब होने की वजह से छुट्टी पर चले गये थे.
एसपी आलोक के नाम से डरते थे नक्सली
खूंटी में 23 नवंबर 2018 को अलोक जिले का कमान संभाले थे. जिले के बतौर एसपी अलोक के नाम से ही नक्सलियों में खौफ आ जाता था. एक लाख का इनामी नक्सली प्रभु सहाय और उसके चार सहयोगियों को पुलिस ने ढेर किया था. उसके बाद से ही एसपी आलोक के नाम से ही नक्सली डर कर इलाका छोड़ दिया था. उस मुठभेड़ में एक नाबालिग नक्सली को घायल अवस्था में गिरफ्तार किया गया था और उस दौरान प्रभु सहाय के ठिकानों से पुलिस ने भारी संख्या में हथियार बरामद किया था.
कई नक्सलियों को मार गिराया
- प्रभु सहाय को मार गिराने के बाद पुलिस ने रनिया के जंगल से दस लाख के ईनामी नक्सली विक्रम टोपनो को भी मुठभेड़ में मार गिराया था और उसके पास से पुलिस ने एके 56 जैसी अत्याधुनिक विदेशी रायफल भी बरामद की थी.
- मुठभेड़ के कुछ ही दिनों बाद गुमला जिले के कामडारा के जंगलों से पुलिस ने दस लाख का इनामी नक्सली गुज्जु गोप और उसके दो सहयोगियों को मुठभेड़ में मार गिराया था.
- एक लाख के ईनामी नक्सली संतोष यादव भाग गया था लेकिन कुछ ही दिनों बाद घायल अवस्था में रांची से गिरफ्तार किया गया था.
- कामडारा में हुए मुठभेड़ के बाद से प्रतिबंधित नक्सली संगठन पीएलएफआई की कमर टूट गई थी और जबतक आलोक जिले में बतौर एसपी थे तो नक्सलियों का जत्था जिले से बाहर निकल चुका था.
भारी संख्या में हथियार किए थे बरामद
बता दें कि कामडारा में हुए मुठभेड़ के बाद चले सर्च अभियान के दौरान पुलिस ने चार एके 47, एक जर्मन मेड ऑटोमेटिक राइफल, विदेशी पिस्टल के साथ भारी संख्या में हथियार और कारतूस बरामद किए गए थे.
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एसपी ने 9 लोगों का किए थे इनकाउंटर
पुलिस कप्तान के कार्यकाल में आलोक ने नौ लोगों का इनकाउंटर किए थे. जिसमें 12 से अधिक ईनामी नक्सली गिरफ्तार किए गए थे और सभी मुठभेड़ 29 जनवरी और 13 फरवरी 2019 के बीच हुई थी.
चर्चित दंपति मर्डर केस का किया था खुलासा
एसपी अलोक ने एक चर्चित दंपति मर्डर केस का खुलासा किया था. जिसमे पांच लोगों की गिरफ्तारी हुई थी. जिले के पूर्व एसपी आलोक के कार्यकाल के दौरान नक्सलियों के साथ-साथ नशे के कारोबारियों में भी खौफ का माहौल था.
अफीम माफियाओं का खातमा
वहीं, एसपी अलोक ने वृहद् पैमाने पर नशे के धंधे से जुड़े अफीम माफियाओं को जेल भेजा था और उनके करोड़ो रुपए जब्त किये थे. इसके साथ ही उन्होंने सैकड़ों एकड़ में लगी अवैध अफीम की फसलों को भी नष्ट किया था.