खूंटीः नक्सली हमारे आपके जैसे ही आम इनसान हैं, बस रास्ता भटक गए हैं. सरकार और प्रशासनिक अमला की लगातार कोशिश है कि भटके हुए तमाम लोगों को मुख्यधारा में वापस लेकर आए. इसके लिए तमाम प्रयास किए जा रहै हैं. सरेंडर पॉलिसी से लेकर सोशल पुलिसिंग सबकुछ अपनाया जा रहा है. कुछ ऐसी ही नीति नक्सल प्रभावित खूंटी जिले में भी अपनाया जा रहा है.
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नक्सली के परिजनों से की मुलाकातः खूंटी के तपकारा थाना प्रभारी विक्रांत कुमार ने एक लाख के इनामी नक्सली सुखराम गुड़िया के परिजनों से मुलाकात की. उन्हें समझाया कि वो अपने बेटे को सरेंडर करने के लिए कहे. सरकार की सरेंडर पॉलिसी का लाभ उठाए, इससे पूरे परिवार का भला होगा. जंगल में भटकने से बेहतर है कि सरेंडर करके परिवार के साथ जीए.
एक सप्ताह का दिया मौकाः थानेदार ने कुख्यात नक्सली के परिजनों को बताया कि सरकार ने उसके सिर पर एक लाख का इनाम रखा है. एक सप्ताह नहीं लगेगा उसे खोजकर मार गिराने में. उसे सरेंडर करने को कहें, आपको एक सप्ताह का मौका दिया जाता है. दोबारा यह न कहिएगा कि आपने मौका ही नहीं दिया. सरकार की सरेंडर पॉलिसी में वह जी खा लेगा. जंगल-जंगल भटकने से बेहतर है कि परिवार के करीब रहे.
परिजनों को समझा रही पुलिसः तोरपा प्रखंड क्षेत्र में पीएलएफआई का वजूद खत्म होने की कगार पर है, लेकिन संगठन के कुछ लोग क्षेत्र का माहौल खराब करने की जुगत कर रहे हैं. पीएलएफआई पर नकेल कसने और बचे नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है. पुलिसिया कार्रवाई से पहले पुलिस नक्सलियों के परिजनों को समझाने के लिए बुलाया था.
पुलिस की पहल का दिखा असरः एक लाख के इनामी सुखराम गुड़िया के माता-पिता, पत्नी और भाई को थाने में बैठाकर चाय पिलाते हुए उनका मन बदलने की पूरी कोशिश की गई. कुछ हद तक तपकारा के थाना प्रभारी विक्रांत कुमार अपने मकसद में कामयाब भी रहे. मोस्ट वांटेड सुखराम के परिवार ने थानेदार को वादा किया कि वह सुखराम को आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर करेंगे. थाने में सुखराम के पिता दुगन गुड़िया, भाई दुता गुड़िया, मां और पत्नी को बुलाया गया था. बातचीत होने तक वह सुखराम के बच्चे को गोद में खेलाते रहे.
परिजनों ने बताई परेशानीः पीएलएफआई नक्सली सुखराम की पत्नी ने कहा कि उसका पति यदि जेल चला गया, तो उसे बाहर कैसे निकालेंगे, पैसे नहीं हैं. इधर थानेदार ने समझाते हुए कहा कि सरकार द्वारा घोषित इनाम भी परिवार को मिलेगा और अन्य सुविधाएं भी मिलेंगी. उन्होंने कहा कि अपको जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा निःशुल्क कानूनी सहायता मिलेगी. इस पर सुखराम के परिजन संतुष्ट नजर आए और कहा कि वो सरेंडर के लिए प्रेरित करेंगे, ताकि वह समाज की मुख्यधारा में शामिल हो सके.