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डहू गांव में सरना स्थल के पास खाई खोदने के मामले ने पकड़ा तूल, ग्रामीणों ने की शुद्धिकरण की मांग - sarna site in dahu village of khunti

खूंटी के डहु गांव में वनविभाग की ओर से डहू गांव में सरना स्थल के पास बुल्डोजर से खाई खोदने के मामले ने तूल पकड़ लिया है. इससे नाराज सरना आदिवासियों ने बैठक कर वन विभाग की टीम पर धर्मस्थल को अपवित्र करने का आरोप लगाया है. साथ ही उसे शुद्ध कराने की मांग की है.

sarna society hurt due to bulldozers being fired at sarna site in khunti
आंदोलन
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Published : Apr 3, 2021, 8:53 AM IST

Updated : Apr 3, 2021, 9:25 AM IST

खूंटी: जिले के रनिया प्रखंड अंतर्गत डहु गांव में वन विभाग की ओर से सरना स्थल के पास ट्रेंचिंग का मामला तूल पकड़ने लगा है. इसको लेकर शुक्रवार को ग्रामीणों ने डहु गांव में ग्रामसभा कर वन विभाग के खिलाफ नाराजगी जताई. बैठक में डहु मौजा समेत आसपास के ग्राम प्रधान और ग्रामीणों का जुटान हुआ. जहां ग्राम सभा ने फैसला लेते हुए ऐलान किया कि वन विभाग ने सरना स्थल को अपवित्र कर दिया है और जबतक इसका शुद्धिकरण नहीं कराया जाता तबतक सरना समाज विभाग के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का ऐलान करता है.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें- गुमला: खेल-खेल में तीन साल के बच्चे ने लगाई आग, झुलसने से मौत, चार बहनों का इकलौता भाई था

सरना स्थल को अशुद्ध करने का आरोप

आदिवासियों का कहना है कि एक सप्ताह पहले वन विभाग के अधिकारियों की ओर से जबरन सरना स्थल पर ट्रेंचिंग (खाई खोदना) की गई. ग्रामीणों का कहना है कि बुल्डोजर चलाने से सरना स्थल अशुद्ध हो गया है. जिससे गांव में कई तरह की समस्याएं आने लगी हैं. डहु मौजा समेत कई गांवों के ग्राम प्रधान की मौजूदगी में ग्राम सभा ने अपना कहा कि वन विभाग की ओर से सरना समाज के सरना स्थल को नुकसान पहुंचाए जाने से समाज मे कई तरह की आपदाएं आने लगी हैं. गांव में बकरी बैलों की मौत होने लगी है. जिसका जिम्मेदार वनविभाग है. अगर समय रहते इसका शुद्धिकरण नहीं कराया गया तो कार्रवाई करेंगे.

सरना स्थल के लिए वनपट्टा देने की मांग

गांवों के ग्राम प्रधानों ने कहा कि जिस तरह विभाग के अधिकारियों ने ग्रामीणों को कानून का भय दिखा कर सरना स्थल पर ट्रेंचिंग कराई है, उसी तरह स्थल का शुद्धिकरण कराए नहीं तो समाज आंदोलन करने को मजबूर होगा. ग्राम सभा ने बताया कि मामले की जानकारी मुख्यमंत्री को दे दिया है. ग्राम सभा के ग्राम प्रधानों ने बताया कि सरहुल पर्व से पहले सरना स्थल का शुद्धिकरण नहीं होता है तो मुख्यमंत्री से मिलकर इसे शुद्धिकरण करवाने और सरना स्थल के लिए वनपट्टा देने की मांग करेंगे.

आदिवासी समाज को ठेस पहुंचाने का आरोप


वन विभाग की ओर से सरना स्थल पर ट्रेंच कटिंग कर आदिवासी समाज को काफी ठेस पहुंचाया है. घटनास्थल का वन पट्टा ग्रामीणों के नाम देकर सरना स्थल को ग्रामीणों के नाम करने को लेकर जल्द ही मुख्यमंत्री से मिलेंगे और इस समस्या से अवगत कराएंगे. इस बैठक में जुबेर अहमद ने कहा कि वन विभाग की ओर से खोदे गए गड्ढे को भरवाने को लेकर बार-बार ग्रामीणों की ओर से वन विभाग के कर्मियों को से बात की गई. लेकिन अब तक खोदा गया गड्ढा नहीं भरवाया गया.

कई लोग रहे मौजूद

बैठक में झारखंड मुक्ति मोर्चा की जिला अध्यक्ष जुबेर अहमद, तोरपा विधानसभा क्षेत्र के पूर्व प्रत्याशी सुदीप गुड़िया, उदय चौधरी, प्रदीप केसरी, डहु के ग्राम प्रधान पतरस कडुलना, केडे पहान, ग्राम पुजार मंगरा महतो, डाकू पंचायत के मुखिया रिमिस कंडुलना, भोला भुईया, देवनाथ मधईया के साथ बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीण और ग्राम सभा के कई ग्राम प्रधान मौजूद थे.

खूंटी: जिले के रनिया प्रखंड अंतर्गत डहु गांव में वन विभाग की ओर से सरना स्थल के पास ट्रेंचिंग का मामला तूल पकड़ने लगा है. इसको लेकर शुक्रवार को ग्रामीणों ने डहु गांव में ग्रामसभा कर वन विभाग के खिलाफ नाराजगी जताई. बैठक में डहु मौजा समेत आसपास के ग्राम प्रधान और ग्रामीणों का जुटान हुआ. जहां ग्राम सभा ने फैसला लेते हुए ऐलान किया कि वन विभाग ने सरना स्थल को अपवित्र कर दिया है और जबतक इसका शुद्धिकरण नहीं कराया जाता तबतक सरना समाज विभाग के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का ऐलान करता है.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें- गुमला: खेल-खेल में तीन साल के बच्चे ने लगाई आग, झुलसने से मौत, चार बहनों का इकलौता भाई था

सरना स्थल को अशुद्ध करने का आरोप

आदिवासियों का कहना है कि एक सप्ताह पहले वन विभाग के अधिकारियों की ओर से जबरन सरना स्थल पर ट्रेंचिंग (खाई खोदना) की गई. ग्रामीणों का कहना है कि बुल्डोजर चलाने से सरना स्थल अशुद्ध हो गया है. जिससे गांव में कई तरह की समस्याएं आने लगी हैं. डहु मौजा समेत कई गांवों के ग्राम प्रधान की मौजूदगी में ग्राम सभा ने अपना कहा कि वन विभाग की ओर से सरना समाज के सरना स्थल को नुकसान पहुंचाए जाने से समाज मे कई तरह की आपदाएं आने लगी हैं. गांव में बकरी बैलों की मौत होने लगी है. जिसका जिम्मेदार वनविभाग है. अगर समय रहते इसका शुद्धिकरण नहीं कराया गया तो कार्रवाई करेंगे.

सरना स्थल के लिए वनपट्टा देने की मांग

गांवों के ग्राम प्रधानों ने कहा कि जिस तरह विभाग के अधिकारियों ने ग्रामीणों को कानून का भय दिखा कर सरना स्थल पर ट्रेंचिंग कराई है, उसी तरह स्थल का शुद्धिकरण कराए नहीं तो समाज आंदोलन करने को मजबूर होगा. ग्राम सभा ने बताया कि मामले की जानकारी मुख्यमंत्री को दे दिया है. ग्राम सभा के ग्राम प्रधानों ने बताया कि सरहुल पर्व से पहले सरना स्थल का शुद्धिकरण नहीं होता है तो मुख्यमंत्री से मिलकर इसे शुद्धिकरण करवाने और सरना स्थल के लिए वनपट्टा देने की मांग करेंगे.

आदिवासी समाज को ठेस पहुंचाने का आरोप


वन विभाग की ओर से सरना स्थल पर ट्रेंच कटिंग कर आदिवासी समाज को काफी ठेस पहुंचाया है. घटनास्थल का वन पट्टा ग्रामीणों के नाम देकर सरना स्थल को ग्रामीणों के नाम करने को लेकर जल्द ही मुख्यमंत्री से मिलेंगे और इस समस्या से अवगत कराएंगे. इस बैठक में जुबेर अहमद ने कहा कि वन विभाग की ओर से खोदे गए गड्ढे को भरवाने को लेकर बार-बार ग्रामीणों की ओर से वन विभाग के कर्मियों को से बात की गई. लेकिन अब तक खोदा गया गड्ढा नहीं भरवाया गया.

कई लोग रहे मौजूद

बैठक में झारखंड मुक्ति मोर्चा की जिला अध्यक्ष जुबेर अहमद, तोरपा विधानसभा क्षेत्र के पूर्व प्रत्याशी सुदीप गुड़िया, उदय चौधरी, प्रदीप केसरी, डहु के ग्राम प्रधान पतरस कडुलना, केडे पहान, ग्राम पुजार मंगरा महतो, डाकू पंचायत के मुखिया रिमिस कंडुलना, भोला भुईया, देवनाथ मधईया के साथ बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीण और ग्राम सभा के कई ग्राम प्रधान मौजूद थे.

Last Updated : Apr 3, 2021, 9:25 AM IST
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