खूंटीः झारखंड के नक्सली प्रभावित जिले खूंटी के किसान मोती की खेती करेंगे. अड़की के सिंदरी वन धन समूह के किसानों को मोती की खेती का प्रशिक्षण दिया गया. इसके बाद इन किसानों ने भारत सरकार की मदद से मोती की खेती करना शुरू कर दिया, इसका उद्घाटन केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने किया है.
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बिरसा मुंडा के धरती से अवैध अफीम की खेती से किसानों को छुटकारा मिले और भटके किसान मोती की खेती कर करोड़ों रुपये की आमदनी कर सकें इसके लिए अड़की के किसानों को मोदी की खेती की ट्रेनिंग दी गई है. इससे पहले कई किसान अवैध अफीम की खेती करते थे. वे किसान जितनी मेहनत अफीम की खेती के लिए करते थे उससे ज्यादा उन्हें पुलिस का खौफ रहता था. हालांकि, अब किसान मोती की खेती कर अच्छी आमदनी कर सकेंगे. भगवान बिरसा मुंडा के गांव से 10 किमी दूर अड़की गांव से मोती की खेती की शुरुआत की गई है. केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पूर्व लोकसभा उपाध्यक्ष कड़िया मुंडा, उपायुक्त शशि रंजन और ट्राइफेड के पदाधिकारी उद्घाटन समारोह में उपस्थित थे. अड़की के वनधन समूह की ओर से विभिन्न तालाबों में मोती की खेती शुरू की गई है. इसको लेकर किसानों को विधिवत प्रशिक्षण दिया गया है.
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि मोती का बड़ा कारोबार है. राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मोतियों की मांग है. इस कारोबार से खूंटी जिले के किसानों को ट्राइफेड के माध्यम से तकनीकी प्रशिक्षण और बाजार उपलब्ध करवाया जाएगा, ताकि यहां के किसान अपने छोटे बड़े तालाबों में मोती की खेती कर सके. उन्होंने कहा कि विभिन्न राज्यों में अलग अलग खेती का बढ़ावा दिया जा रहा है. किसानों को उचित मूल्य मिले. इसको लेकर ट्राइफेड जनजातीय मंत्रालय के साथ मिलकर काम कर रही है. उन्होंने कहा कि राज्य के विभिन्न जिले में कहीं बांस की खेती, साग सब्जी की खेती, लौंग इलायची की खेती, लाह की खेती के साथ साथ अब मोती की खेतीं को बढ़ावा देना है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मोती की तरह ही खूंटी जिला को चमकाना है.