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Primitive Tribal Groups: विलुप्तप्राय बिरहोर जनजाति के कई लोग बीमार, मदद के लिए आगे आए लोगों ने बांटे ड्राई फ्रूट्स

आदिम जनजाति समूह के बिरहोर जनजाति पर विलुप्त खतरा मंडरा रहा है. हाल ही में दो और लोगों की मौत हो गई है. खूंटी में बिरहोर जनजाति के 44 लोग ही बचे हैं. इनमें से अधिकतर एनीमिया और कुपोषण से ग्रस्त हैं. ETV BHARAT ने इस खबर को प्रमुखता से उठाया तो प्रशासन ने कई बिरहोर को अस्पताल भिजवाया. इसके साथ ही निजी संगठन भी मदद के लिए आगे आए हैं.

primitive tribes of jharkhand  birhor tribe of jharkhand
खूंटी में बीमार बिरहोर लोगों को ड्राई फ्रूट्स बांटे
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Published : Dec 4, 2021, 5:40 PM IST

Updated : Dec 4, 2021, 8:19 PM IST

खूंटीः विलुप्तप्राय बिरहोर जनजाति की मदद के लिए खूंटी के लोगों ने कदम बढ़ाए हैं. ETV BHARAT और निजी संस्था सेवा वेलफेयर सोसाइटी की पहल पर खूंटी के डीसी शशि रंजन और उद्योगपति रोशनलाल शर्मा ने इनके लिए अड़की प्रखंड के बिरहोर कॉलोनी तेलंगाडीह में पोषणयुक्त खाद्य पदार्थ पहुंचवाया. इसमें चना, मूंग दाल, गुड़, छुहारा, काजू, किशमिश समेत कई ड्राई फ्रूट्स शामिल हैं.

ये भी पढ़ें-खूंटी की बीमार बिरहोर महिलाएं रांची रेफर, पथरी और सर्वाइकल कैंसर से हैं पीड़ित

बिरहोर जनजाति के कई लोग बीमार

दरअसल, अड़की प्रखंड के बिरहोर कॉलोनी तेलंगाडीह में इस जनजाति के 20 परिवार रहते हैं. इनमें कुल 44 सदस्य हैं. इनमें से अधिकतर कुपोषण और एनीमिया से ग्रस्त हैं. यहां बमुश्किल गुजर बसर कर रहे आदिम जनजाति बिरहोर के लोग कई अन्य बीमारियों से भी जूझ रहे हैं. इसी बीच पिछले एक महीने में दो बिरहोर, पलटन बिरहोर और सुखराम बिरहोर की मौत गंभीर बीमारियों से हो चुकी है. कई अन्य लोग भी विभिन्न बीमारियों से जूझ रहे हैं.

देखें पूरी खबर

तेलंगाडीह में स्वास्थ्य जांच शिविर

इसको लेकर बीते दिनों ETV BHARAT ने प्रमुखता से खबर प्रकाशित किया था और प्रशासन के साथ समाज के दूसरे तबकों का ध्यान खींचा था. इस खबर के बाद निजी संस्था सेवा वेलफेयर सोसाइटी ने पहल की है और केएस गंगा हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के एमडी डॉ. अंजीवन नयन की टीम के साथ तेलंगाडीह में स्वास्थ्य जांच शिविर लगाया. चिकित्सकों की टीम ने तेलंगाडीह कॉलोनी पहुंचकर 31 बिरहोरों के ब्लड, यूरिन की जांच की और उनका ईसीजी किया. इसमें से 18 बिरहोर एनीमिया, हार्ट, किडनी समेत अन्य बीमारियों से पीड़ित पाए गए. पूरी जांच रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंपा गया. इसके बाद प्रशासन जागा और स्वास्थ्य विभाग की टीम तेलंगाडीह पहुंची. यहां के चार गंभीर मरीजों को खूंटी के सदर अस्पताल में भर्ती कराया.

ये भी पढ़ें-बीमार बिरहोर महिलाएं गंभीर हालत में सदर अस्पताल में भर्ती, विलुप्त होते बिरहोरों को नहीं मिल रही सरकारी मदद

मंजू बिरहोर का आयुष्मान भारत योजना से इलाज

खूंटी के सदर अस्पताल में भर्ती मंजू बिरहोर गॉलब्लाडर स्टोन की समस्या से जूझ रही थी, जिसे गुरुवार को ही जिला प्रशासन की ओर से रांची के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. आयुष्मान भारत योजना से मंजू बिरहोर का ऑपरेशन कराया गया, उसे रविवार को अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी. इधर सदर अस्पताल में संभावित कैंसर से जूझ रही सुमति बरहोर को अटेंडेंट नहीं किया जा सका, इससे उसे रांची भेजने में समस्या हो रही है. सुमति की बेटी दुखनी का इलाज सदर अस्पताल में चल रहा है.

primitive tribes of jharkhand  birhor tribe of jharkhand
विलुप्तप्राय बिरहोर जनजाति की मदद के लिए आगे आए लोग

बिरहोर समुदाय की यह है चाहत

तेलंगाडीह गांव में मैट्रिक पास बिरहोर युवक युवतियों ने सरकार से उम्मीद लगाई है कि उन्हें वर्तमान सरकार रोजगार उपलब्ध कराएगी. साथ ही बिरहोर बच्चों की बेहतर शिक्षा की भी व्यवस्था करेगी. लेकिन इस दिशा में कुछ नहीं हो सका. मैट्रिक उत्तीर्ण युवतियों ने बताया कि वे कम्प्यूटर की पढ़ाई करना चाहती हैं और गांव के अन्य बच्चे बच्चियों को भी कम्प्यूटर प्रशिक्षण देना चाहती हैं. कुछ युवा पुलिस में बहाल होने की मंशा भी रखते हैं. गांव के जागरूक बिरहोर युवा चाहते हैं कि वे भी अन्य लोगों की तरह बिरहोर समुदाय को विकास की धारा में आगे बढ़ता देखना चाहते हैं.

बांटी गई राहत सामग्री

इधर बिरहोर जनजाति की खराब स्थिति की जानकारी पर उद्योगपति सह समाजसेवी रोशनलाल शर्मा खाद्य-सामग्री लेकर शशि पाण्डेय, सेवा वेलफेयर सोसाइटी के प्रतिनिधियों के साथ बिरहोर कॉलोनी पहुंचे. यहां उन्होंने जेएसएलपीएस की जाम्बी सोना, मानकी मुंडा की मदद से सामग्री जरूरतमंद बिरहोरों के बीच बांटी. बिरहोरों को बांटने के लिए चना, मूंग दाल, गुड़, छुहारा, काजू, किशमिश लाए गए थे.

ये भी पढ़ें-आज भी नहीं बदली बिरहोर जनजाति की स्थिति, जंगली जीवन जीने को हैं मजबूर

सिखाई जीने की कला

इस मौके पर मौदूद उद्योगपति रोशन लाल शर्मा ने बिरहोरों को जीने की कला सिखाई. उन्होंने कहा कि मांग कर हम कभी अमीर नहीं बन सकते. जीवन में आगे बढ़ने के लिए मेहनत करके कमाना जरूरी है. एक दूसरे की मदद और एकजुटता से ही समाज का विकास संभव है. उन्होंने बिरहोरों को खेती-बारी, पशुपालन, रस्सी और पत्तल निर्माण करने की सलाह दी. साथ ही बेरोजगार युवक-युवतियों को अपनी फैक्ट्री में नौकरी देने का भी आश्वासन दिया.

बच्चों को पढ़ाने के लिए दी जाएगी प्रोत्साहन राशि

शशि पाण्डेय ने बिरहोर कॉलोनी के छोटे-छोटे बच्चों को घंटे-दो घंटे पढ़ाने का जिम्मा एक मैट्रिक पास बिरहोर युवती को दिया. उन्होंने कहा कि बदले में उसे डेढ़ हजार रुपये प्रति माह प्रोत्साहन राशि दी जाएगी.

एनीमिया के लक्षण

इंसान के शरीर में खून की कमी होना एक बीमारी है. मेडिकल टर्म में इसे एनीमिया कहते हैं. इसके प्रमुख लक्षणों में सांस लेने में दिक्कत होना, थकान महसूस करना, हाथ-पैर ठंडा होना, त्वचा में पीलापन आना, कमजोरी, सिरदर्द, चक्कर आना, दिल की धड़कन अनियमित होना आदि है.

खूंटीः विलुप्तप्राय बिरहोर जनजाति की मदद के लिए खूंटी के लोगों ने कदम बढ़ाए हैं. ETV BHARAT और निजी संस्था सेवा वेलफेयर सोसाइटी की पहल पर खूंटी के डीसी शशि रंजन और उद्योगपति रोशनलाल शर्मा ने इनके लिए अड़की प्रखंड के बिरहोर कॉलोनी तेलंगाडीह में पोषणयुक्त खाद्य पदार्थ पहुंचवाया. इसमें चना, मूंग दाल, गुड़, छुहारा, काजू, किशमिश समेत कई ड्राई फ्रूट्स शामिल हैं.

ये भी पढ़ें-खूंटी की बीमार बिरहोर महिलाएं रांची रेफर, पथरी और सर्वाइकल कैंसर से हैं पीड़ित

बिरहोर जनजाति के कई लोग बीमार

दरअसल, अड़की प्रखंड के बिरहोर कॉलोनी तेलंगाडीह में इस जनजाति के 20 परिवार रहते हैं. इनमें कुल 44 सदस्य हैं. इनमें से अधिकतर कुपोषण और एनीमिया से ग्रस्त हैं. यहां बमुश्किल गुजर बसर कर रहे आदिम जनजाति बिरहोर के लोग कई अन्य बीमारियों से भी जूझ रहे हैं. इसी बीच पिछले एक महीने में दो बिरहोर, पलटन बिरहोर और सुखराम बिरहोर की मौत गंभीर बीमारियों से हो चुकी है. कई अन्य लोग भी विभिन्न बीमारियों से जूझ रहे हैं.

देखें पूरी खबर

तेलंगाडीह में स्वास्थ्य जांच शिविर

इसको लेकर बीते दिनों ETV BHARAT ने प्रमुखता से खबर प्रकाशित किया था और प्रशासन के साथ समाज के दूसरे तबकों का ध्यान खींचा था. इस खबर के बाद निजी संस्था सेवा वेलफेयर सोसाइटी ने पहल की है और केएस गंगा हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के एमडी डॉ. अंजीवन नयन की टीम के साथ तेलंगाडीह में स्वास्थ्य जांच शिविर लगाया. चिकित्सकों की टीम ने तेलंगाडीह कॉलोनी पहुंचकर 31 बिरहोरों के ब्लड, यूरिन की जांच की और उनका ईसीजी किया. इसमें से 18 बिरहोर एनीमिया, हार्ट, किडनी समेत अन्य बीमारियों से पीड़ित पाए गए. पूरी जांच रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंपा गया. इसके बाद प्रशासन जागा और स्वास्थ्य विभाग की टीम तेलंगाडीह पहुंची. यहां के चार गंभीर मरीजों को खूंटी के सदर अस्पताल में भर्ती कराया.

ये भी पढ़ें-बीमार बिरहोर महिलाएं गंभीर हालत में सदर अस्पताल में भर्ती, विलुप्त होते बिरहोरों को नहीं मिल रही सरकारी मदद

मंजू बिरहोर का आयुष्मान भारत योजना से इलाज

खूंटी के सदर अस्पताल में भर्ती मंजू बिरहोर गॉलब्लाडर स्टोन की समस्या से जूझ रही थी, जिसे गुरुवार को ही जिला प्रशासन की ओर से रांची के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. आयुष्मान भारत योजना से मंजू बिरहोर का ऑपरेशन कराया गया, उसे रविवार को अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी. इधर सदर अस्पताल में संभावित कैंसर से जूझ रही सुमति बरहोर को अटेंडेंट नहीं किया जा सका, इससे उसे रांची भेजने में समस्या हो रही है. सुमति की बेटी दुखनी का इलाज सदर अस्पताल में चल रहा है.

primitive tribes of jharkhand  birhor tribe of jharkhand
विलुप्तप्राय बिरहोर जनजाति की मदद के लिए आगे आए लोग

बिरहोर समुदाय की यह है चाहत

तेलंगाडीह गांव में मैट्रिक पास बिरहोर युवक युवतियों ने सरकार से उम्मीद लगाई है कि उन्हें वर्तमान सरकार रोजगार उपलब्ध कराएगी. साथ ही बिरहोर बच्चों की बेहतर शिक्षा की भी व्यवस्था करेगी. लेकिन इस दिशा में कुछ नहीं हो सका. मैट्रिक उत्तीर्ण युवतियों ने बताया कि वे कम्प्यूटर की पढ़ाई करना चाहती हैं और गांव के अन्य बच्चे बच्चियों को भी कम्प्यूटर प्रशिक्षण देना चाहती हैं. कुछ युवा पुलिस में बहाल होने की मंशा भी रखते हैं. गांव के जागरूक बिरहोर युवा चाहते हैं कि वे भी अन्य लोगों की तरह बिरहोर समुदाय को विकास की धारा में आगे बढ़ता देखना चाहते हैं.

बांटी गई राहत सामग्री

इधर बिरहोर जनजाति की खराब स्थिति की जानकारी पर उद्योगपति सह समाजसेवी रोशनलाल शर्मा खाद्य-सामग्री लेकर शशि पाण्डेय, सेवा वेलफेयर सोसाइटी के प्रतिनिधियों के साथ बिरहोर कॉलोनी पहुंचे. यहां उन्होंने जेएसएलपीएस की जाम्बी सोना, मानकी मुंडा की मदद से सामग्री जरूरतमंद बिरहोरों के बीच बांटी. बिरहोरों को बांटने के लिए चना, मूंग दाल, गुड़, छुहारा, काजू, किशमिश लाए गए थे.

ये भी पढ़ें-आज भी नहीं बदली बिरहोर जनजाति की स्थिति, जंगली जीवन जीने को हैं मजबूर

सिखाई जीने की कला

इस मौके पर मौदूद उद्योगपति रोशन लाल शर्मा ने बिरहोरों को जीने की कला सिखाई. उन्होंने कहा कि मांग कर हम कभी अमीर नहीं बन सकते. जीवन में आगे बढ़ने के लिए मेहनत करके कमाना जरूरी है. एक दूसरे की मदद और एकजुटता से ही समाज का विकास संभव है. उन्होंने बिरहोरों को खेती-बारी, पशुपालन, रस्सी और पत्तल निर्माण करने की सलाह दी. साथ ही बेरोजगार युवक-युवतियों को अपनी फैक्ट्री में नौकरी देने का भी आश्वासन दिया.

बच्चों को पढ़ाने के लिए दी जाएगी प्रोत्साहन राशि

शशि पाण्डेय ने बिरहोर कॉलोनी के छोटे-छोटे बच्चों को घंटे-दो घंटे पढ़ाने का जिम्मा एक मैट्रिक पास बिरहोर युवती को दिया. उन्होंने कहा कि बदले में उसे डेढ़ हजार रुपये प्रति माह प्रोत्साहन राशि दी जाएगी.

एनीमिया के लक्षण

इंसान के शरीर में खून की कमी होना एक बीमारी है. मेडिकल टर्म में इसे एनीमिया कहते हैं. इसके प्रमुख लक्षणों में सांस लेने में दिक्कत होना, थकान महसूस करना, हाथ-पैर ठंडा होना, त्वचा में पीलापन आना, कमजोरी, सिरदर्द, चक्कर आना, दिल की धड़कन अनियमित होना आदि है.

Last Updated : Dec 4, 2021, 8:19 PM IST
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