खूंटीः जिले में जल संरक्षण के प्रति समाज के हर तबके के लोग आगे आ रहे हैं. इसका उदाहरण गुरुवार को देखने को मिला. पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री सह विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा, बीडीओ कुमार देवेश द्विवेदी, प्रमुख रूकमिला देवी, ग्रामसभा के सदस्यों सहित लगभग 350 लोगों ने जलसंरक्षण के लिए मदइत (श्रमदान) किया. देखते ही देखते महज तीन घंटे में चार बोरीबांध बनकर तैयार हो गए. बोरीबांध जिला प्रशासन, सेवा वेलफेयर सोसाइटी और क्षेत्र के ग्रामसभाओं की ओर से संयुक्त रूप से जनशक्ति से जलशक्ति अभियान के तहत बनाये जा रहे हैं. गुरुवार को खूंटी के डड़गमा, कर्रा के कुदा और मानपुर गांवों में बोरीबांध बनाये गए.
मानपुर में बोरीबांध निर्माण में मदद करने के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए नीलकंठ सिंह मुंडा ने जलसंरक्षण की दिशा में सेवा वेलफेयर सोसाइटी की ओर से किये जा रहे कार्यों की काफी सराहना की. उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकार की मंशा थी ऐसे बांध बनाने की लेकिन अब जहां सरकार नहीं पहुंच पा रही है, वैसे स्थानों पर सोसाइटी के लोग पहुंचकर ग्रामसभाओं के साथ मिलकर बोरीबांध बनाने का काम कर रहे हैं, जो काफी सराहनीय है.
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उन्होंने इस कार्य में भरपूर सहयोग करने की बात करते हुए कहा कि इस बाबत वे मदद के लिए जिला प्रशासन के साथ भी बातचीत करेंगे. उन्होंने कहा कि यह काफी खुशी की बात है कि जिले के लोग जलसंरक्षण को लेकर जागरूक हुए हैं. यही कारण है कि एक-एक दिन में तीन-तीन सौ लोग श्रमदान कर रहे हैं.
बीडीओ कुमार देवेश द्विवेदी ने भी सेवा वेलफेयर सोसाइटी की प्रसंशा करते हुए कहा कि कर्रा में इस वर्ष बोरीबांध बनाने की शुरूआत हुई है. अभी कई गांवों से बोरीबांध के प्रस्ताव आये हैं. जल्द ही अभियान को तेज कर काफी संख्या में बोरीबांध का निर्माण किया जाएगा. इससे किसान कई फसल उगाकर अपनी आय को दोगुनी कर सकेंगे.
इन लोगों ने भी किया श्रमदान
प्रखंड कल्याण पदाधिकारी सुरेंद्र भगत, बीपीओ जयप्रकाश मानकी, कृषि पदाधिकारी चंद्रशरण सिंह, रविंद्र कुमार, लक्ष्मण भगत, प्रखंड समन्वयक, होली ऐंजेल मुंडू, सुभाष मिंज, भिखारी उरांव, धनेश्वरी उरांईन, चंदा उरांव, जीतू उरांव, जागरण उरांव, सुरेश उरांव, जिदान और पिया फाउंडेशन की सावित्री महली, फलमनी बरहा, शेख एजाज, अनिल धान, धीरज संगा, चूरामनी देवी मानपुर गांव के बिरसा उरांव, जयंती देवी, गोपाल उरांव, करमा उरांव, कुदा गांव के मंगरा मुंडा, पुना होरो, प्रताप सिंह, सुखदेव प्रशान, सुकरा होरो, डड़गमा गांव के बा सिंह मुंडा, रीड़ा वृंगराज, गोमेया मुंडा, कमल पाहन, सनिका पाहन, शीतल मुंडा समेत साढ़े तीन सौ ग्रामीण शामिल रहे.