खूंटी: पिछले साल के मुताबिक इस साल ज्यादा अवैध अफीम की खेती की गई है. खूंटी मुख्यालय से महज 2 किमी की दूरी पर तिरला और बुदुडीह समेत आसपास के कई गांवों में सड़क किनारे कई एकड़ में अफीम के खेते लहलहा रहे हैं. सूत्रों की मानें तो शहर में लगे अफीम के खेत पुलिस के ही मुखबिरों ने लगाई है. जिले के मुरहू,अड़की और खूंटी प्रखंड क्षेत्रों के सड़क किनारे से लेकर, नदियों के किनारे,जंगलों के बीचों बीच सिर्फ अफीम की खेती ही दिखाई देती है, लेकिन जिला प्रशासन को अभी इसके बारे में जानकारी नहीं है. अवैध अफीम की खेती की बात की जाए तो झारखंड में चतरा के बाद खूंटी आता है लेकिन पिछले तीन सालों से खूंटी जिले ने सबको पीछे छोड़ दिया है. खूंटी के जिन इलाकों में अफीम की खेती की गई है, वहां पूरा परिवार अफीम निकालने में जुट जाता है.
ये भी पढ़ें- जामताड़ा में साइबर अपराधों पर कसेगा शिकंजा, राज्यस्तरीय ज्वाइंट इंवेस्टिगेशन टीम करेगी जांच
जिला प्रशासन मामले से अनजान
खूंटी पुलिस की ओर से लगातार अफीम के खिलाफ अभियान चलाने के बावजूद रोक नहीं लगाई जा सकी है. अफीम तस्कर पहले ग्रामीण और सुदूरवर्ती इलाकों में अफीम की खेती कराते थे लेकिन अब शहरी इलाकों में भी अफीम तस्कर सक्रिय हो गए हैं. अफीम की फसल खूंटी मुख्यालय से महज 2-3 किलोमीटर की दूरी पर आराम से देखने को मिल सकती है. जानकारी के मुताबिक अब तक खूंटी पुलिस ने 600 एकड़ से ज्यादा अफीम की फसलों को नष्ट किया लेकिन अब ये सवाल उठता है कि पुलिस प्रशासन इस मामले पर चुप कैसे है. बहरहाल अफीम की फसल को जल्द ही नष्ट किए जाने की बात कही गई है.