जामताड़ाः कोरोना महामारी के कारण लंबे समय से स्कूल बस का परिचालन ठप है. नतीजतन स्कूल बस खड़े खड़े जंग खा रहे हैं. बस मालिक को नुकसान उठाना पड़ रहा है. इससे जुड़े लोगों का रोजी रोजगार भी छिन गया है.
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स्कूल बस खड़े खड़े हो रहे हैं खराब
कोरोना महामारी का सबसे ज्यादा प्रभाव शिक्षण संस्थान और इससे जुड़े लोगों के रोजगार पर पड़ रहा है. कोरोना महामारी के कारण स्कूल में चलने वाले बस लंबे समय से बंद हैं. स्कूल बस का परिचालन नहीं हो रहा है. स्कूलों में छोटे-छोटे बच्चों की पढ़ाई बंद है. ऑनलाइन क्लास चल रहे हैं. स्कूल बस लंबे समय से खड़े हैं. इससे जुड़े रोजगार भी खत्म हो हो गये हैं. किसी तरह दूसरा रोजगार कर अपना परिवार को ये लोग पाल रहे हैं.
क्या कहते हैं बस मालिक
बस मालिकों का कहना है कि स्कूल बस चलती थी तो उनकी आमदनी होती थी और ड्राइवर, खलासी के पास भी रोजगार होता था. लेकिन कोरोना महामारी के कारण स्कूल बस बंद है. लेकिन टैक्स और इंश्योरेंस देना पड़ रहा है. कोई रोजगार नहीं हो पा रहा है. ड्राइवर, खलासी भटक गए हैं और दूसरा रोजगार कर परिवार चलाना पड़ रहा है.
दर्जनों स्कूल बस चलती थी, सैकड़ों लोगों का जुड़ा था रोजी रोजगार
जामताड़ा में सैकड़ों की संख्या में स्कूल बस का परिचालन होता था. प्राइवेट स्कूलों में बच्चों को ले जाने, घर छोड़ने को लेकर स्कूल बस चलती थी. इससे दर्जनों लोगों का रोजी रोजगार भी जुड़ा हुआ था. जिनका परिवार चलता था. कोरोना की वजह से बच्चों के स्कूल जाने पर पर फिलहाल रोक है. कई लोगों का रोजगार छिन गया. बस मालिकों को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है. ऐसे में भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष चंदन मिश्रा ने सरकार से ध्यान देने की मांग की है.
बहरहाल स्कूल बसों का परिचालन नहीं होने से इससे जुड़े लोगों का रोजगार छिन गया है. जिसके कारण दूसरा धंघा कर वो परिवार चलाने को मजबूर हो रहे हैं. वहीं बस मालिकों को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है. जरूरत है सरकार को इस दिशा में पहल करने की.