जामताड़ा: कोविड-19 के नियंत्रण और संक्रमण से बचाव को लेकर लगाए गए इस लॉकडाउन की स्थिति में कोई गरीब परिवार भूखा नहीं रहे. इसे लेकर सरकार सभी को राशन उपलब्ध कराने का काम कर रही हैं. कोई भूखा नहीं रहे इसलिए दाल-भात योजना से लेकर मुख्यमंत्री दीदी किचन कार्यक्रम चलाया जा रही है. बावजूद इसके जिले में गरीब परिवार को राशन मुहैया नहीं कराया जा रहा है, उन्हें राशन से वंचित रहना पड़ रहा है .
ऐसा ही एक का मामला सामने आया है. जामताड़ा दुलाड़ीह पंचायत के गांव में रहने वाले पुतल माझी नाम का गरीब परिवार जिसके घर में भुखमरी की स्थिति बनती जा रही है. घर में बेटा एकमात्र कमाने वाला है. लेकिन लॉकडाउन में कामकाज बंद हो जाने के कारण रोजी रोजगार नहीं हो पा रहा है. घर में अनाज भी नहीं है. किसी तरह मांग कर काम चला रहे हैं. घर के लोगों का कहना है कि रोजी रोजगार नहीं है, बेटा ही काम करके मजदूरी करके कमाता खाता था. लेकिन लॉकडाउन में काम धंधा बंद हो गया है. गरीब परिवार वालों ने कहा कि राशन कार्ड नहीं है और राशन नहीं मिल रहा है और जब मुखिया के पास बोले भी लेकिन कोई इसका असर नहीं हुआ.
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बता दें कि सरकार और जिला प्रशासन गरीबों को जिसका राशन कार्ड है और जिसका राशन कार्ड नहीं है उसे भी राशन उपलब्ध कराने की बात करती हैं. बावजूद इसके गरीब परिवार को राशन नहीं मिल रहा है. वहीं, गरीब परीवार के लोगों का कहना है कि अगर ऐसी ही स्थिति रही तो हमे खाना कहां से मिलेगा.