जामताड़ा: देश भर में साइबर अपराध से जुड़ रहे जामताड़ा के नाम ने शहर के समाजसेवियों, बुद्धिजीवियों और आम लोगों को चिंतित कर दिया है. शहर के बढ़ती बदनामी से अब इन्हें युवाओं से अपराध का रास्ता छोड़ने के लिए अपील करना पड़ रहा है. शहर के बुद्धिजीवियों और समाजसेवियों ने अपनी चिंताओं को ईटीवी भारत की टीम के साथ साझा किया है. वहीं पुलिस से इस मामले में सख्ती की अपील की है. साथ ही युवाओं को साइबर अपराधियों के चंगुल में न फंसने के लिए जागरूक करने पर जोर दिया है.
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बदनामी से जनता हुई बेचैन
हाल ही में राजस्थान में साइबर अपराध के तार जामताड़ा से जुड़ने के बाद शहर की बदनामी को लेकर स्थानीय लोग चिंतित हैं. समाजसेवियों का कहना है कि राजस्थान कैडर के वरीय आईपीएस पुलिस अधिकारी के रिश्तेदार को यहां के अपराधियों ने साइबर ठगी का शिकार बना लिया था. इसे लेकर जामताड़ा साइबर थाना में मामला दर्ज है. राजस्थान साइबर थाना पुलिस ने जामताड़ा साइबर थाना पुलिस के सहयोग से साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया. साथ ही एक आरोपी के घर से साइबर ठगी के 14 लाख रुपये बरामद हुए. यह तो एक मामला है, आए दिन देश के किसी न किसी राज्य की पुलिस साइबर अपराधियों की तलाश में आ रही है. इससे यहां की जनता की बदनामी हो रही है. जामताड़ा के समाजसेवियों ने यहां साइबर अपराधियों के नेक्सस को तोड़ने के लिए पुलिस से कड़े कदम उठाने की अपील की.
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मां-बाप पर उठाए सवाल
जामताड़ा के बुद्धिजीवियों ने अपराध से जुड़ रहे बच्चों के लिए उनके मां-बाप पर भी सवाल उठाए हैं. कई बुद्धिजीवियों ने कहा कि बच्चों की सही परवरिश में मां-बाप और अभिभावक की भूमिका बड़ी है. वो बच्चे का सही से लालन-पालन करेंगे तो बच्चा सही गलत की पहचान कर पाएगा. बुद्धिजीवी अनवर अंसारी करमाटांड़ थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं और जामताड़ा कोर्ट के एक वरिष्ठ अधिवक्ता भी हैं. इनका इलाका साइबर अपराध के लिए अधिक बदनाम है. उनका कहना है कि मां-बाप को बच्चों पर ध्यान देने की जरूरत है. बच्चे कोई भी गलत हरकत करें तो उन्हें मना करें. साथ ही साइबर अपराध के अर्जित संपत्ति, महंगी गाड़ी और ठाट बाट से दूरी बनाएं. उन्होंने कहा कि आजकल तमाम बच्चे शॉर्टकट से अमीर बनने के फेर में साइबर अपराध से जुड़ रहे हैं. मां-बाप इसके लिए टोंकते भी नहीं, जो बच्चों के लिए प्रोत्साहन का काम करता है. इनका कहना है कि ऐसे अभिभावकों और मां-बाप को भी समझाने की जरूरत है और इनको भी जिम्मेदार ठहराने की जरूरत है.
जागरुकता पर जोर
शहर के समाजसेवियों ने साइबर अपराध से जुड़े युवाओं से शहर की प्रतिष्ठा की खातिर अपराध का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होने की अपील की है. बुद्धिजीवी सागर अपराध बढ़ने के पीछे अभिभावकों को भी जिम्मेदार ठहराते हैं. साथ ही उन्होंने प्रशासन से बढ़ते साइबर अपराध के मामले में युवाओं को जागरूक करने और कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है.