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जामताड़ाः लॉकडाउन में फंसे मजदूर पैदल घर जाने को मजबूर, जिले की सीमा में लगातार हो रही आवाजाही

जामताड़ा जिले में लॉकडाउन का लगातार उल्लंघन हो रहा है. जिले की सीमा में प्रवासी मजदूरों के आने का क्रम जारी है. प्रवासी मजदूरों का धनबाद से जिला जामताड़ा में प्रवेश करना खतरे से खाली नहीं है .

मजदूर
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Published : Apr 25, 2020, 10:37 AM IST

Updated : Apr 25, 2020, 11:45 AM IST

जामताड़ाः लॉकडाउन में जामताड़ा में प्रवासी मजदूरों का लगातार आना जारी है. प्रवासी मजदूर अपने घर पैदल ही जाने को मजबूर हैं कोरोना वायरस को लेकर पूरे देश में लॉकडाउन लागू है. जामताड़ा जिले की सीमा को सील कर दिया गया है. वहीं सीमा सील रहने के बावजूद भी सीमा पार कर प्रवासी मजदूरों का लगातार आना जारी है.

मजदूर पैदल घर जाने को मजबूर.

सरकार द्वारा प्रवासी मजदूरों को खाते में पैसे देने, उन्हें राशन देने खाने पीने की व्यवस्था करने के बावजूद भी मजबूरन प्रवासी मजदूर भूखे प्यासे पैदल ही घर जाने को मजबूर हो रहे हैं. जानकारी के अभाव में सरकार की सुविधा उन तक नहीं पहुंच पा रही है. इन्हें तो बस एक ही चिंता है. किसी तरह अपने घर परिवार के पास पहुंच जाएं .

इसी क्रम में धनबाद गोविंदपुर से पैदल चार-पांच की संख्या में मजदूर जामताड़ा सीमा प्रवेश कर दुमका रामपुरहाट की ओर जा रहे थे. रास्ते में कहीं कुछ खाने को मिला तो खा लिया, नहीं तो पैदल ही चलते जा रहे थे.

कहीं पेड़ के नीचे थकान होने पर सुस्ता भी रहे थे, लेकिन ऐसे प्रवासी मजदूरों को यह भी भय सता रहा था कि कहीं उन्हें कोई रोक न ले . काफी प्रयास करने के बाद प्रवासी मजदूरों ने बताया कि धनबाद गोविंदपुर में काम की तलाश में गए थे, लेकिन लॉकडाउन होने के बाद फंस गए. काम भी नहीं मिला और ठेकेदार द्वारा न राशन न पैसा दिया गया. भूखे प्यासे मजबूरन उन्हें पैदल ही घर वापस जाने को मजबूर होना पड़ा है.

कोविड-19 को लेकर लगाए गए लॉकडाउन से जहां-तहां अन्य जिलों देश के दूसरे राज्यों में काफी संख्या में प्रवासी मजदूर फंसे हुए हैं. काफी संख्या में मजदूर अपने घर पैदल ही जाने को मजबूर हो रहे हैं.

वैसे तो झारखंड सरकार ने प्रवासी मजदूरों को उनके खाते में ₹1000 देने की योजना बनाई है, लेकिन अधिकतर मजदूरों को इसकी जानकारी नहीं है. ऐसे में सभी मजदूरों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. मजदूरों को बस एक ही चिंता है कि किसी तरह वह अपने घर जाकर सुरक्षित रहें .

यह भी पढ़ेंः धनबाद: क्वॉरेंटाइन सेंटर में भर्ती रहे डिलीवरी ब्वॉय की मौत, जांच के लिए सैंपल भेजा

वहीं जामताड़ा जिला को पूरी तरह सीमा को सील करने के बाद भी सीमा से मजदूर प्रवेश कर रहे हैं .धनबाद हॉटस्पॉट में आ चुका है. धनबाद में पॉजिटिव मामले पाये जा चुके हैं.

बावजूद जामताड़ा जिले में ऐसे प्रवासी मजदूरों का धनबाद से जिला जामताड़ा में आना खतरे से खाली नहीं है. जामताड़ा जिले में प्रशासन द्वारा सीमा को सील कर दिया गया है और प्रशासन ने सभी को चेताया भी है. बावजूद इसके जिला प्रशासन के आदेश की धज्जियां उड़ रही हैं.

जामताड़ाः लॉकडाउन में जामताड़ा में प्रवासी मजदूरों का लगातार आना जारी है. प्रवासी मजदूर अपने घर पैदल ही जाने को मजबूर हैं कोरोना वायरस को लेकर पूरे देश में लॉकडाउन लागू है. जामताड़ा जिले की सीमा को सील कर दिया गया है. वहीं सीमा सील रहने के बावजूद भी सीमा पार कर प्रवासी मजदूरों का लगातार आना जारी है.

मजदूर पैदल घर जाने को मजबूर.

सरकार द्वारा प्रवासी मजदूरों को खाते में पैसे देने, उन्हें राशन देने खाने पीने की व्यवस्था करने के बावजूद भी मजबूरन प्रवासी मजदूर भूखे प्यासे पैदल ही घर जाने को मजबूर हो रहे हैं. जानकारी के अभाव में सरकार की सुविधा उन तक नहीं पहुंच पा रही है. इन्हें तो बस एक ही चिंता है. किसी तरह अपने घर परिवार के पास पहुंच जाएं .

इसी क्रम में धनबाद गोविंदपुर से पैदल चार-पांच की संख्या में मजदूर जामताड़ा सीमा प्रवेश कर दुमका रामपुरहाट की ओर जा रहे थे. रास्ते में कहीं कुछ खाने को मिला तो खा लिया, नहीं तो पैदल ही चलते जा रहे थे.

कहीं पेड़ के नीचे थकान होने पर सुस्ता भी रहे थे, लेकिन ऐसे प्रवासी मजदूरों को यह भी भय सता रहा था कि कहीं उन्हें कोई रोक न ले . काफी प्रयास करने के बाद प्रवासी मजदूरों ने बताया कि धनबाद गोविंदपुर में काम की तलाश में गए थे, लेकिन लॉकडाउन होने के बाद फंस गए. काम भी नहीं मिला और ठेकेदार द्वारा न राशन न पैसा दिया गया. भूखे प्यासे मजबूरन उन्हें पैदल ही घर वापस जाने को मजबूर होना पड़ा है.

कोविड-19 को लेकर लगाए गए लॉकडाउन से जहां-तहां अन्य जिलों देश के दूसरे राज्यों में काफी संख्या में प्रवासी मजदूर फंसे हुए हैं. काफी संख्या में मजदूर अपने घर पैदल ही जाने को मजबूर हो रहे हैं.

वैसे तो झारखंड सरकार ने प्रवासी मजदूरों को उनके खाते में ₹1000 देने की योजना बनाई है, लेकिन अधिकतर मजदूरों को इसकी जानकारी नहीं है. ऐसे में सभी मजदूरों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. मजदूरों को बस एक ही चिंता है कि किसी तरह वह अपने घर जाकर सुरक्षित रहें .

यह भी पढ़ेंः धनबाद: क्वॉरेंटाइन सेंटर में भर्ती रहे डिलीवरी ब्वॉय की मौत, जांच के लिए सैंपल भेजा

वहीं जामताड़ा जिला को पूरी तरह सीमा को सील करने के बाद भी सीमा से मजदूर प्रवेश कर रहे हैं .धनबाद हॉटस्पॉट में आ चुका है. धनबाद में पॉजिटिव मामले पाये जा चुके हैं.

बावजूद जामताड़ा जिले में ऐसे प्रवासी मजदूरों का धनबाद से जिला जामताड़ा में आना खतरे से खाली नहीं है. जामताड़ा जिले में प्रशासन द्वारा सीमा को सील कर दिया गया है और प्रशासन ने सभी को चेताया भी है. बावजूद इसके जिला प्रशासन के आदेश की धज्जियां उड़ रही हैं.

Last Updated : Apr 25, 2020, 11:45 AM IST
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