जामताड़ाः जामताड़ा जिले को कागजों में खुले में शौच मुक्त घोषित कर दिया गया है. लेकिन हकीकत इसके बरक्स है. अगर हुक्मरान बनवाए शौचालयों की ओर एक बार रूख कर लें तो असलियत सामने आ जाएगी. इसकी एक वजह तो ये भी हैं. कहीं बगैर पानी की व्यवस्था किए शौचालय बनाए जाते हैं. लेकिन जनता के लिए शौचालय बनवाना था तो पानी की व्यवस्था की ओर किसी ने सोचा ही नहीं. इसी से अब अफसर इन शौचालयों की ओर रूख ही नहीं करते कि जो शौचालय बनवाए थे, उनका क्या हुआ. इधर, ग्रामीणों ने भी जैसे को तैसा कर दिखाया, ग्रामीण सरकार की ओर से बनवाए गए शौचालय को लकड़ी रखने की जगह बना दी.
जामताड़ा जिले को खुले में शौच मुक्त बनाने के लिए स्वच्छता अभियान के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में करोड़ों खर्च कर शौचालय बनाए गए. लेकिन ग्रामीण इसमें गोईंठा और जलावन की लकड़ी रख रहे हैं. हालांकि इसकी एक बड़ी वजह शौचालयों में पानी की व्यवस्था न होना है.
ये भी पढ़ें- सरगुजा में शौचालय निर्माण के नाम पर फर्जीवाड़ा, ऐसे हुआ खुलासा !
बता दें कि ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालय बनवा दिए गए. लेकिन अब भी लोग खुले में ही शौच कर रहे हैं. ग्रामीण या तो नदी पोखरा की तरफ जाते हैं या आसपास कहीं. ग्रामीण जनता का कहना है कि शौचालय तो जैसे तैसे बना दिया गया. लेकिन पानी की व्यवस्था नहीं की गई. इससे लोगों को खुले में शौच करना पड़ता है. जिले में बनाए गए ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालय की गुणवत्ता पर भी सवाल उठते रहे हैं.