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जामताड़ा के साइबर अपराध का राजस्थान से कनेक्शन, कई आईपीएस अधिकारी भी हो रहे शिकार

राजस्थान कैडर के एक वरीय आईपीएस पुलिस पदाधिकारी(ips police officer) के रिश्तेदार और एक अन्य व्यक्ति साइबर अपराध(Cyber ​​crime) का शिकार हुए हैं. जामताड़ा पहुंची राजस्थान पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है.

Jamtara cyber crime connection with Rajasthan
जामताड़ा के साइबर अपराध का राजस्थान से कनेक्शन, कई आईपीएस अधिकारी भी हो रहे शिकार
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Published : Jul 4, 2021, 6:08 PM IST

Updated : Jul 4, 2021, 10:53 PM IST

जामताड़ा: अगर आप इंटरनेट पर किसी कंपनी के कस्टमर केयर(customer care) का नंबर सर्च कर रहे हैं, तो साइबर अपराधी(cyber crime) अपको शिकार बना सकते हैं. ठीक ऐसा ही करने में राजस्थान के वरीय आईपीएस कैडर(Senior IPS Cadre of Rajasthan) के पुलिस पदाधिकारी को खामियाजा भुगतना पड़ा. हाल ही में राजस्थान कैडर के एक वरीय आईपीएस पुलिस पदाधिकारी के रिश्तेदार और एक अन्य व्यक्ति इसका शिकार हो गए. जामताड़ा पहुंची राजस्थान पुलिस ने छापामारी की और 14 लाख रुपए, मोबाइल समेत एटीएम और पासबुक भी बरामद किए.

देखें पूरी खबर

इसे भी पढ़ें- जामताड़ा से राजस्थान में साइबर ठगी, एक आरोपी के घर से बरामद हुए 14 लाख


क्या है पूरा मामला
राजस्थान साइबर थाने(rajasthan cyber police station) में दो अलग-अलग मामले दर्ज किए गए, जिसमें एक राजस्थान कैडर के वरीय पुलिस पदाधिकारी का तो दूसरा एक नेवीस्कर नाम के व्यक्ति का बताया जाता है. राजस्थान कैडर के वरीय पुलिस पदाधिकारी के रिश्तेदार की ओर से अमेजन(amazon) कंपनी से ऑनलाइन शॉपिंग(shopping online) की गई. प्रोडक्ट पसंद नहीं आने पर रिटर्न कर दिया गया और उसके स्थान पर दोबारा समान नहीं मिलने पर सर्च इंजन पर जाकर कंपनी के कस्टमर केयर के नंबर को ढूंढा. कस्टमर केयर के नंबर की जगह साइबर ठग ने अपना नंबर फिट कर रखा था. जिस नंबर से संपर्क करने पर क्विक एप(quick app) के जरिए 10 रुपए का ट्रांजैक्शन(transaction) करने को कहा गया. उसके झांसे में परिवादी आ गए और उनके खाते से करीब ₹10 लाख गायब हो गए. कुछ इसी तरह का मामला नेवीस्कल का भी है इन्होंने अपने रिश्तेदार को एक कुरियर किया लेकिन वह पार्सल रिश्तेदार के यहां नहीं पहुंचा. इसके बाद उन्होंने कुरियर कंपनी का कस्टमर केयर नंबर जानने के सर्च इंजन पर जाकर ढूंढा. साइबर फ्रॉड(cyber fraud) की ओर से ₹10 ट्रांजैक्शन यूपीआई लिंक(upi link) भेजकर करने को कहा गया और दूसरे लिंक पर जैसे ही ₹10 ट्रांजैक्शन किया गया, नेवीस्कर के खाते से कुल ₹99,000 बारी-बारी से निकाल लिया गया. इसे लेकर दोनों का मामला राजस्थान जयपुर साइबर थाना में दर्ज किया गया.

Jamtara cyber crime connection with Rajasthan
14 लाख रुपए, मोबाइल, एटीएम, पासबुक भी बरामद

ठगी किए जाने का खुलासा होने पर राजस्थान पुलिस पहुंची जामताड़ा

दोनों ही मामलों में राजस्थान साइबर थाना की पुलिस अनुसंधान के दौरान जामताड़ा से साइबर ठगी के जाने का खुलासा होने पर साइबर अपराधी की तलाश में जामताड़ा पहुंची. साइबर थाना ने राजस्थान पुलिस के सहयोग से करमाटांड़ थाना क्षेत्र के पिनडारी गांव में छापामारी की, जहां से कलीम अंसारी नाम के शख्स के घर से ठगी का 14 लाख रुपए कैश समेत 18 सिम कार्ड, 18 मोबाइल, 3 बैंक के पासबुक बरामद किए गए. बताया जाता है कलीम अंसारी तो भागने में सफल रहा, लेकिन एक विकास मंडल का साइबर अपराधी पकड़ा गया. जामताड़ा पुलिस की ओर से साइबर अपराध के खिलाफ अब तक ये सबसे बड़ी कार्रवाई बताई जा रही है.

Jamtara cyber crime connection with Rajasthan
साइबर ठग गिरफ्तार


मामले का ऐसे हुआ खुलासा

मामले में खुलासा हुआ है कि जिस सिम से साइबर ठगी का काम किया गया, वो सिम पश्चिम बंगाल से फर्जी निर्गत किया गया है. इसका यूज जामताड़ा के साइबर अपराधी ने किया. बताया गया कि ठगी का पैसा 8 राज्यों के अलग-अलग बैंक के खातों में फर्जी नाम से ट्रांसफर किया गया और पैसे की निकासी की गई, जो कि पुलिस के लिए परेशानी बन गई है. साइबर ठग पूरे देश भर में अपना नेटवर्क फैला चुके हैं.

Jamtara cyber crime connection with Rajasthan
वरीय आईपीएस अधिकारी हुए साइबर ठगी का शिकार

इसे भी पढ़ें- पिछले एक साल में मारे गए 160 नक्सली, दंडकारण्य में सबसे ज्यादा 101 की मौत, अब झारखंड-बिहार को बनाएंगे आधार क्षेत्र


क्या कहते हैं संथाल परगना के डीआईजी

संथाल प्रगना और जामताड़ा में साइबर के गढ़ पर नकेल कसने को लेकर पुलिस कार्रवाई कर रही है. चर्चा करते हुए संथाल परगना के डीआईजी(DIG of Santhal Pargana) सुदर्शन मंडल का कहना था कि किसी तरह से बेवकूफ बनाकर लोगों को पैसा ठगने का काम साइबर अपराधी करते हैं. इसमें पढ़े-लिखे लोग यहां तक कि पुलिस पदाधिकारी और राजनेता भी शिकार हो रहे हैं. डीआईजी का कहना था पुलिस लगातार साइबर अपराध के खिलाफ कार्रवाई कर रही है. उन्होंने बैंक की भूमिका को साइबर अपराध रोकने में काफी महत्वपूर्ण बताया. पुलिसिया कार्रवाई में बैंक का सहयोग अपेक्षाकृत नहीं होने पर नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा कि बैंक यदि साथ दे तो काफी हद तक साइबर अपराध पर लगाम लग सकता है. डीआईजी ने बताया कि साइबर अपराध को रोकने को लेकर दो-तीन राज्यों को मिलाकर एक एक्सपर्ट पुलिस की टीम बनाई गई है, जो इसका अनुसंधान(research) साइबर को नकेल कसने का काम करेगी.

जामताड़ा: अगर आप इंटरनेट पर किसी कंपनी के कस्टमर केयर(customer care) का नंबर सर्च कर रहे हैं, तो साइबर अपराधी(cyber crime) अपको शिकार बना सकते हैं. ठीक ऐसा ही करने में राजस्थान के वरीय आईपीएस कैडर(Senior IPS Cadre of Rajasthan) के पुलिस पदाधिकारी को खामियाजा भुगतना पड़ा. हाल ही में राजस्थान कैडर के एक वरीय आईपीएस पुलिस पदाधिकारी के रिश्तेदार और एक अन्य व्यक्ति इसका शिकार हो गए. जामताड़ा पहुंची राजस्थान पुलिस ने छापामारी की और 14 लाख रुपए, मोबाइल समेत एटीएम और पासबुक भी बरामद किए.

देखें पूरी खबर

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क्या है पूरा मामला
राजस्थान साइबर थाने(rajasthan cyber police station) में दो अलग-अलग मामले दर्ज किए गए, जिसमें एक राजस्थान कैडर के वरीय पुलिस पदाधिकारी का तो दूसरा एक नेवीस्कर नाम के व्यक्ति का बताया जाता है. राजस्थान कैडर के वरीय पुलिस पदाधिकारी के रिश्तेदार की ओर से अमेजन(amazon) कंपनी से ऑनलाइन शॉपिंग(shopping online) की गई. प्रोडक्ट पसंद नहीं आने पर रिटर्न कर दिया गया और उसके स्थान पर दोबारा समान नहीं मिलने पर सर्च इंजन पर जाकर कंपनी के कस्टमर केयर के नंबर को ढूंढा. कस्टमर केयर के नंबर की जगह साइबर ठग ने अपना नंबर फिट कर रखा था. जिस नंबर से संपर्क करने पर क्विक एप(quick app) के जरिए 10 रुपए का ट्रांजैक्शन(transaction) करने को कहा गया. उसके झांसे में परिवादी आ गए और उनके खाते से करीब ₹10 लाख गायब हो गए. कुछ इसी तरह का मामला नेवीस्कल का भी है इन्होंने अपने रिश्तेदार को एक कुरियर किया लेकिन वह पार्सल रिश्तेदार के यहां नहीं पहुंचा. इसके बाद उन्होंने कुरियर कंपनी का कस्टमर केयर नंबर जानने के सर्च इंजन पर जाकर ढूंढा. साइबर फ्रॉड(cyber fraud) की ओर से ₹10 ट्रांजैक्शन यूपीआई लिंक(upi link) भेजकर करने को कहा गया और दूसरे लिंक पर जैसे ही ₹10 ट्रांजैक्शन किया गया, नेवीस्कर के खाते से कुल ₹99,000 बारी-बारी से निकाल लिया गया. इसे लेकर दोनों का मामला राजस्थान जयपुर साइबर थाना में दर्ज किया गया.

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14 लाख रुपए, मोबाइल, एटीएम, पासबुक भी बरामद

ठगी किए जाने का खुलासा होने पर राजस्थान पुलिस पहुंची जामताड़ा

दोनों ही मामलों में राजस्थान साइबर थाना की पुलिस अनुसंधान के दौरान जामताड़ा से साइबर ठगी के जाने का खुलासा होने पर साइबर अपराधी की तलाश में जामताड़ा पहुंची. साइबर थाना ने राजस्थान पुलिस के सहयोग से करमाटांड़ थाना क्षेत्र के पिनडारी गांव में छापामारी की, जहां से कलीम अंसारी नाम के शख्स के घर से ठगी का 14 लाख रुपए कैश समेत 18 सिम कार्ड, 18 मोबाइल, 3 बैंक के पासबुक बरामद किए गए. बताया जाता है कलीम अंसारी तो भागने में सफल रहा, लेकिन एक विकास मंडल का साइबर अपराधी पकड़ा गया. जामताड़ा पुलिस की ओर से साइबर अपराध के खिलाफ अब तक ये सबसे बड़ी कार्रवाई बताई जा रही है.

Jamtara cyber crime connection with Rajasthan
साइबर ठग गिरफ्तार


मामले का ऐसे हुआ खुलासा

मामले में खुलासा हुआ है कि जिस सिम से साइबर ठगी का काम किया गया, वो सिम पश्चिम बंगाल से फर्जी निर्गत किया गया है. इसका यूज जामताड़ा के साइबर अपराधी ने किया. बताया गया कि ठगी का पैसा 8 राज्यों के अलग-अलग बैंक के खातों में फर्जी नाम से ट्रांसफर किया गया और पैसे की निकासी की गई, जो कि पुलिस के लिए परेशानी बन गई है. साइबर ठग पूरे देश भर में अपना नेटवर्क फैला चुके हैं.

Jamtara cyber crime connection with Rajasthan
वरीय आईपीएस अधिकारी हुए साइबर ठगी का शिकार

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क्या कहते हैं संथाल परगना के डीआईजी

संथाल प्रगना और जामताड़ा में साइबर के गढ़ पर नकेल कसने को लेकर पुलिस कार्रवाई कर रही है. चर्चा करते हुए संथाल परगना के डीआईजी(DIG of Santhal Pargana) सुदर्शन मंडल का कहना था कि किसी तरह से बेवकूफ बनाकर लोगों को पैसा ठगने का काम साइबर अपराधी करते हैं. इसमें पढ़े-लिखे लोग यहां तक कि पुलिस पदाधिकारी और राजनेता भी शिकार हो रहे हैं. डीआईजी का कहना था पुलिस लगातार साइबर अपराध के खिलाफ कार्रवाई कर रही है. उन्होंने बैंक की भूमिका को साइबर अपराध रोकने में काफी महत्वपूर्ण बताया. पुलिसिया कार्रवाई में बैंक का सहयोग अपेक्षाकृत नहीं होने पर नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा कि बैंक यदि साथ दे तो काफी हद तक साइबर अपराध पर लगाम लग सकता है. डीआईजी ने बताया कि साइबर अपराध को रोकने को लेकर दो-तीन राज्यों को मिलाकर एक एक्सपर्ट पुलिस की टीम बनाई गई है, जो इसका अनुसंधान(research) साइबर को नकेल कसने का काम करेगी.

Last Updated : Jul 4, 2021, 10:53 PM IST
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