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होलिका दहन के दौरान सैकड़ों लोग रहे मौजूद, मारवाड़ी समुदाय ने रीति रिवाज से की पूजा अर्चना

गांधी मैदान में होली से एक दिन पहले होलिका दहन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जहां काफी संख्या में लोग मौजूद रहे. होलिका दहन से पहले विधि विधान के तहत पूजा आर्चना की गई. कार्यक्रम में भारी संख्या में मारवाड़ी समाज के साथ-साथ अन्य समुदाय के लोगों ने भाग लिया. रीति-रिवाज के अनुसार मारवाड़ी समाज के लोग होलिका दहन की आग को लेकर अपने घर तक गए.

होलिका दहन
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Published : Mar 21, 2019, 9:39 AM IST

जामताड़ा: जिले के ऐतिहासिक गांधी मैदान में होली से एक दिन पहले होलिका दहन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जहां काफी संख्या में लोग मौजूद रहे.

होलिका दहन

होलिका दहन से पहले विधि विधान के तहत पूजा आर्चना की गई. कार्यक्रम में भारी संख्या में मारवाड़ी समाज के साथ-साथ अन्य समुदाय के लोगों ने भाग लिया. रीति-रिवाज के अनुसार मारवाड़ी समाज के लोग होलिका दहन की आग को लेकर अपने घर तक गए.

इस दौरान आचार्य ने होलिका दहन के महत्व को बताते हुए कहा कि बुराई पर अच्छाई की जीत को लेकर होलिका दहन की जाती है. वहीं मारवाड़ी समुदाय के लोगों ने बताया कि होलिका दहन में लोग घर से उपला और चना लेकर आते हैं. होलिका दहन के बाद आग घर ले जाते हैं.

जामताड़ा: जिले के ऐतिहासिक गांधी मैदान में होली से एक दिन पहले होलिका दहन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जहां काफी संख्या में लोग मौजूद रहे.

होलिका दहन

होलिका दहन से पहले विधि विधान के तहत पूजा आर्चना की गई. कार्यक्रम में भारी संख्या में मारवाड़ी समाज के साथ-साथ अन्य समुदाय के लोगों ने भाग लिया. रीति-रिवाज के अनुसार मारवाड़ी समाज के लोग होलिका दहन की आग को लेकर अपने घर तक गए.

इस दौरान आचार्य ने होलिका दहन के महत्व को बताते हुए कहा कि बुराई पर अच्छाई की जीत को लेकर होलिका दहन की जाती है. वहीं मारवाड़ी समुदाय के लोगों ने बताया कि होलिका दहन में लोग घर से उपला और चना लेकर आते हैं. होलिका दहन के बाद आग घर ले जाते हैं.

Intro:जामताड़ा में होलिका दहन का कार्यक्रम काफी धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ किया गया। जामताड़ा के ऐतिहासिक गांधी मैदान में होलिका दहन किया गया।


Body:जामताड़ा के ऐतिहासिक गांधी मैदान में होली के पूर्व होलिका दहन का कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जहां काफी संख्या में महिला पुरुष भक्तजन इस होलिका दहन कार्यक्रम में भाग लिये। विधि विधान के तहत पूजन पाठ करने के पश्चात होलिका दहन किया गया । काफी संख्या में मारवाड़ी समाज अन्य समुदाय के लोगों ने इस होलिका दहन कार्यक्रम में भाग लेकर बुराई पर अच्छाई की जीत की खुशी मनाई और जश्न मनाया और भक्त प्रल्हाद की जय कारा लगाए। रीति-रिवाज के अनुसार मारवाड़ी समाज के लोगों ने होलिका दहन के आग को लेने के लिए उनमें काफी आस्था देखी गई। होलिका के आग लेकर वह घर ले जाते हैं सारे घर में दिखाते हैं। तत्पश्चात चना को सेक कर प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं ।आचार्य पंडित इस होलिका दहन के कार्यक्रम महत्व के बारे में जानकारी देते हुए कहते है कि बुराई पर अच्छाई की जीत को लेकर होलिका दहन किया जाता है। तत्पश्चात दूसरे दिन होली मनाई जाती है ।समुदाय के लोगों का कहना था होलिका दहन में घर से गोयठा ले कर आते हैं और चना लेकर आते हैं। होलिका दहन के बाद आग को घर ले जाते हैं और घर में दिखाते हैं और उसको प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं।
बाईट पुरोहित
बाईट एस गुटगुटिया स्थानीय निवासी


Conclusion:बुराई पर अच्छाई की जीत और सच का विजय होलिका दहन का प्रतिरूप है ।जिसका की जामताड़ा में होलिका दहन कार्यक्रम करने के बाद लोगों ने खुशी मनाई और पूजा पाठ कर एक दूसरे को बधाई भी दी।
संजय तिवारी ईटीवी भारत जामताड़ा
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