जामताड़ा: जिला में मानसून ने दस्तक दे दी है और किसान खेती कार्य में भी जुट गए हैं. मौसम विभाग ने इस साल मानसून में अच्छी बारिश की उम्मीद जताई है. जिससे किसान भी अच्छी पैदावार की आस लगा रहे हैं. धान की खेती करने वाला संथाल परगना पूरी तरह मानसून पर ही निर्भर रहता है. ऐसे में कोरोना काल में जो आर्थिक तंगी सामने किसानों के सामने आई थी, उस बीच मानसून का समय पर दस्तक देना, किसानों को लिए एक शुभ समाचार है.
क्या कहते हैं किसान
समय पर मानसून आने से किसान काफी खुश हैं. उनका कहना है कि समय पर मानसून आने से वो खेतों में बीज तैयार करना शुरू कर दिया है. इसके अलावा मक्के की खेती भी कर रहे हैं. सरकार की ओर से किसानों को खेती के लिए अनुदान पर धान का बीज भी उपलब्ध कराया जा रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों में कई किसान ऐसे भी हैं जिन तक सरकार की ओर से अनुदान पर मिलने वाली बीज नहीं पहुंची है. इसका एक महत्वपूर्ण कारण ये है कि कई किसान जागरूकता के अभाव में सरकार की योजना का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं.
सीपीआईएम (CPIM) नेता सुजीत सिन्हा ने किसानों को खेती के लिए प्रति 1 हेक्टेयर 10 हजार रुपए देने की मांग की है. उन्होंने कहा कि इससे किसानों को बड़ी मदद मिलेगी. उन्होंने किसानों को अनुदान पर दिए जाने वाले धान के बीज समान रूप से नहीं मिलने का भी आरोप लगाया है.