जामताड़ा: कुछ करने की इच्छा लगन और जज्बा हो तो आदमी क्या नहीं कर सकता. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है जामताड़ा की करमी देवी ने. करमी देवी अपनी मेहनत से खेती कर आत्मनिर्भर बन रही है और दूसरों को भी प्रेरित कर रही है.
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नारायणपुर प्रखंड के शिवपुर गांव की रहने वाली पहाड़िया महिला समाज की करमी देवी जो पहले दूसरे के यहां मेहनत मजदूरी कर अपना जीवन यापन करती थी, आज खुद की जमीन पर खेती कर आत्मनिर्भर बन रही है और खेती से ही अपना परिवार चला रही है. उनका पूरा परिवार अब खेती में ही जुट गया है. करमी देवी ना सिर्फ अपनी खेती कर रही हैं बल्कि समूह बनाकर खेती करने के लिए अन्य महिलाओं को प्रेरित भी कर रही हैं.
करमी देवी बताती हैं कि पहले उन्होंने प्रशिक्षण लिया उसके बाद खेती करना शुरू किया और घर में ही अपने पति और बेटे के साथ मिलकर खेती कर रही हैं. उन्होंने बताया कि खेती से अच्छी आमदनी हो जाती है.
विदेश भ्रमण कर चुकी हैं करमी देवी
करमी देवी खेती के अच्छे गुण और तकनीकी शिक्षा प्रशिक्षण के लिए इज़राइल भी जा चुकी है. विदेश जाकर करमी देवी ने खेती करने की अच्छी तकनीक का प्रशिक्षण लिया. करमी इज़राइल जैसी खेती करना चाहती हैं, वह झारखंड को भी इजराइल जैसा देखना चाहती है, लेकिन उचित सुविधा उपलब्ध नहीं है. फिलहाल जो सरकारी सुविधा मिल रही है उसी से वह खेती कर रही है.
करमी देवी का कहना है कि उन्होंने अब फूल की खेती का प्रशिक्षण लिया है और अब वह फूल की भी खेती करेंगी. करमी अपने साथ गांव की महिलाओं को भी खेती से जोड़ रही हैं और खेती करने के लिए प्रेरित कर रही हैं.
करमी देवी की तरक्की को देख गांव की महिलाएं भी गौरवांवित हो रही हैं. पहाड़िया जाति समुदाय में जो काफी पिछड़ा और गरीब तबका का समाज है. ऐसे समाज में करमी देवी ने आगे आकर खेती से अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत कर रही है. गांव की महिलाओं का कहना है कि करमी को ऐसे आगे बढ़ता देख उन्हें भी काफी खुशी होती है. बरहाल करमी देवी ने यह साबित कर दिया है कि मेहनत इच्छाशक्ति और लगन हो तो महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ सकती है.