जामताड़ाः दंबई से परेशान पांच दलित पीड़ित परिवार धरना देने को मजबूर हैं. सड़क के किनारे 3 दिन से अनिश्चितकालीन धरना पर बैठे वो न्याय की गुहार (pleaded for justice) लगा रहे हैं. लेकिन उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. दबंगों के खिलाफ धरना (protest against domineering) देते हुए उन्होंने जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगाया है. उन्होंने इलाके के दबंग रमजान मियां पर उनकी जमीन से बेदखल करने का आरोप लगाया है. उन्होंने प्रशासन से उसके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
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जामताड़ा के चिरूडीह गांव के दलित परिवार का धरना तीन दिन से जारी है. परिवार के सदस्य अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ अनुमंडल कार्यालय के पास अनिश्चितकालीन धरना पर बैठे हुए हैं. धरना दे रही महिलाओं का कहना है कि वो अपनी 7 एकड़ 20 डिसमिल जमीन को वापस दिलाने और आरोपी को शीघ्र गिरफ्तार करने की मांग कर रहे हैं. जब तक कार्रवाई नहीं होगी वो धरने पर बैठे रहेंगे.
क्या है पूरा मामलाः बताया जाता है कि 14 माह पूर्व दलित परिवार को गांव के दबंगों (महिला ने रमजान मियां नाम बताया) द्वारा जगह जमीन से कब्जा कर बेदखल कर दिया और उन्हें भगा दिया गया. पीड़ित परिवार सड़क पर आ गए और काफी आंदोलन करने के बाद इन परिवारों को प्रशासन द्वारा आश्वासन देकर इनको घर तक पहुंचाया गया. प्रशासन की ओर से कहा गया कि पूरी सुरक्षा की जिम्मेदारी ली जाएगी और जो 7 एकड़ जमीन है वह सब कागज वापस दिलाया जाएगा. साथ ही आरोपी के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी. परिवार द्वारा दबंगों के खिलाफ एससी एसटी थाना में मामला भी दर्ज किया गया है लेकिन आज तक गिरफ्तारी नहीं हो पाई है.
आश्वासन का घूंट पीते-पीते 14 माह बीत गए, ना उनकी जमीन वापस मिली और ना ही आरोपी के खिलाफ कोई कार्रवाई हो पाई. इसका नतीजा यह है कि आज दलित परिवार को अपनी जमीन पर खेती करने को नहीं मिल पा रहा है. पीड़ित परिवार के सदस्यों का कहना है कि गांव के दबंगों द्वारा फिर से उन्हें डराया धमकाया जा रहा है और खेती करने नहीं दिया जा रहा है. प्रशासन ने जो आश्वासन दिया था कि इंसाफ करेंगे, अब तक कुछ नहीं हुआ.