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साइबर अपराध के गढ़ जामताड़ा में प्रशासन की अनोखी पहल, खोले जा रहे हैं सामुदायिक पुस्तकालय

जामताड़ा जिला में साइबर अपराध को कम करने के लिए समुदाय पुस्तकालय खोल जा रहा है. नारायणपुर कर्माटांड़ के पंचायतों में सामुदायिक पुस्तकालय खोला गया है. जहां नौजवानों को शिक्षा दी जाएगी. वहीं जिला के उप विकास आयुक्त ने सामुदायिक पुस्तकालय खोलने के पीछे साइबर अपराध में भटके नौजवानों को मुख्यधारा में जोड़ने की बात कही है.

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सामुदायिक पुस्तकालय
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Published : Feb 6, 2021, 10:34 AM IST

जामताड़ा: जिला प्रशासन साइबर अपराध को लेकर हो रहे छवि को साफ करने को लेकर अनोखी पहल शुरू की है. जिला प्रशासन साइबर अपराध के गढ़ में मुख्यधारा से जोड़ने को लेकर समुदायिक पुस्तकालय खोल रहा है. समुदायिक पुस्तकालय के माध्यम से भटके के नौजवानों को मुख्यधारा में लाने और गांव में लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक करने का काम किया जा रहा है.

देखे पूरी खबर
साइबर के गढ़ में जिला प्रशासन की अनोखी पहल जिला प्रशासन ने साइबर के गढ़ में सामुदायिक पुस्तकालय खोलने का काम कर रही हैं. साइबर के गढ़ में समुदायक पुस्तकालय खोल गांव के बच्चों को शिक्षा के प्रति जागरूक करने और भटके हुए नौजवानों को मुख्यधारा में लाने का प्रयास किया जा रहा है, जिसकी शुरुआत जामताड़ा प्रखंड के चैगायड़ीह गांव से की गई है.खोला गया है सामुदायिक पुस्तकालयजामताड़ा जिला के करमाटांड़ नारायणपुर प्रखंड पूरी तरह से साइबर का गढ़ माना जाता है. जहां पर पंचायतों में प्रशासन की तरफ से समुदायिक पुस्तकालय खोला गया है. पुस्तकालय सरकारी भवन में जो अधूरे पड़े हुए थे. उसे रंग रोगन कर अच्छे ढंग से पुस्तकालय का रूप दिया जा रहा है. जहां पर बेंच टेबल चैयर पुस्तक मैगजीन और पढ़ने लिखने की सारी व्यवस्था की गई है. जहां गांव के बच्चे अपने समय के अनुसार पुस्तकालय भवन में जाकर आपस में चर्चा कर पढ़ लिख सकते हैं और ज्ञान अर्जित भी कर सकते हैं.समुदायिक पुस्तकालय को गांव के लोग कर रहे हैं सराहनाजिला प्रशासन की तरफ से साइबर के गढ़ में खोले जा रहे समुदाय पुस्तकालय और हर पंचायत में पंचायत पुस्तकालय खोलने के काम को गाव के लोगों ने काफी सराहा है. गांव के लोगों का कहना है कि प्रशासन से इस पहल से शिक्षा का अलख जगेगा. साथ ही जो साइबर को लेकर जामताड़ा बदनाम है उससे यह जामताड़ा को मुक्ति मिलेगी.जामताड़ा में कुल 118 पंचायत जामताड़ा जिला में कुल 118 पंचायत है. जहां पर प्रशासन की तरफ से सामुदायिक पुस्तकालय खोलने की योजना है. समुदायिक पुस्तकालय भवन को संचालन के लिए प्रशासन की तरफ से प्रखंड स्तर और पंचायत स्तर पर कमेटी बनाई जा रही है. कमेटी ग्राम के लोगों की तरफ से ही तय किया जाता है, जिसके लिए संचालन का जिम्मा दिया जाता है. गांव के लोग ही पुस्तकालय भवन का संचालन करेंगे. पुस्तकालय भवन के रंग रोगन और पुस्तक की व्यवस्था बेंच टेबल प्रशासन की तरफ से स्थानीय विधायक निधि के साथ-साथ सीएसआर फंड से किया जा रहा है.इसे भी पढ़ें-मैन्युफैक्चरिंग हब की दिशा में झारखंड का पहला कदम, आदित्यपुर में बन रहा इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर



पुस्तकालय में शिक्षकों को 1 दिन बच्चों को पढ़ाने की व्यवस्था
जिला प्रशासन की तरफ से साइबर के गढ़ में सामुदायिक पुस्तकालय खोलकर न सिर्फ साइबर के भटके नौजवानों को मुख्यधारा में जोड़ने के लिए जागरूक करने का काम किया जा रहा है. बल्कि शिक्षा के अलख जगाने और जागरूकता पैदा करने को लेकर सामुदायिक पुस्तकालय में शिक्षकों को 1 दिन बच्चों को पढ़ाने के लिए भी प्रतिनियुक्त किया जा रहा है. इसकी व्यवस्था की जा रही है. साथ ही सरकार की तरफ से जो योजनाएं लागू की गई है उसकी जानकारी पुस्तकालय में देने की योजना है.


भटके नौजवानों को मुख्यधारा में जोड़ने का उद्देश्य
जिला प्रशासन की तरफ से साइबर के गढ़ में खोले जा रहे समुदायिक पुस्तकालय भवन के पीछे मुख्य उद्देश्य की जानकारी देते हुए जिला के उप विकास आयुक्त ने बताया कि सामुदायिक पुस्तकालय खोलने के पीछे एकमात्र उद्देश्य साइबर को लेकर जो जामताड़ा की छवि धूमिल हुई है उसे सुधारना है. समाज से भटके नौजवानों को मुख्य धारा से जोड़ना है. उप विकास आयुक्त नमन प्रयास लाकड़ा ने बताया कि साइबर को लेकर जामताड़ा की जो छवि धुमिल हुई है. समुदायिक पुस्तकालय के माध्यम से छवि धूमिल को सुधारने का प्रयास किया जा रहा है और समुदाय पुस्तकालय के माध्यम से गांव में जागरूकता लाने का प्रयास किया जा रहा है. ताकि साइबर अपराध के क्षेत्र में जो भटके नौजवान है. वह मुख्यधारा से जुड़े और शिक्षा के क्षेत्र में अपनी नौकरी पैसे और रोजगार आदि में जुड़े.

जामताड़ा: जिला प्रशासन साइबर अपराध को लेकर हो रहे छवि को साफ करने को लेकर अनोखी पहल शुरू की है. जिला प्रशासन साइबर अपराध के गढ़ में मुख्यधारा से जोड़ने को लेकर समुदायिक पुस्तकालय खोल रहा है. समुदायिक पुस्तकालय के माध्यम से भटके के नौजवानों को मुख्यधारा में लाने और गांव में लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक करने का काम किया जा रहा है.

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साइबर के गढ़ में जिला प्रशासन की अनोखी पहल जिला प्रशासन ने साइबर के गढ़ में सामुदायिक पुस्तकालय खोलने का काम कर रही हैं. साइबर के गढ़ में समुदायक पुस्तकालय खोल गांव के बच्चों को शिक्षा के प्रति जागरूक करने और भटके हुए नौजवानों को मुख्यधारा में लाने का प्रयास किया जा रहा है, जिसकी शुरुआत जामताड़ा प्रखंड के चैगायड़ीह गांव से की गई है.खोला गया है सामुदायिक पुस्तकालयजामताड़ा जिला के करमाटांड़ नारायणपुर प्रखंड पूरी तरह से साइबर का गढ़ माना जाता है. जहां पर पंचायतों में प्रशासन की तरफ से समुदायिक पुस्तकालय खोला गया है. पुस्तकालय सरकारी भवन में जो अधूरे पड़े हुए थे. उसे रंग रोगन कर अच्छे ढंग से पुस्तकालय का रूप दिया जा रहा है. जहां पर बेंच टेबल चैयर पुस्तक मैगजीन और पढ़ने लिखने की सारी व्यवस्था की गई है. जहां गांव के बच्चे अपने समय के अनुसार पुस्तकालय भवन में जाकर आपस में चर्चा कर पढ़ लिख सकते हैं और ज्ञान अर्जित भी कर सकते हैं.समुदायिक पुस्तकालय को गांव के लोग कर रहे हैं सराहनाजिला प्रशासन की तरफ से साइबर के गढ़ में खोले जा रहे समुदाय पुस्तकालय और हर पंचायत में पंचायत पुस्तकालय खोलने के काम को गाव के लोगों ने काफी सराहा है. गांव के लोगों का कहना है कि प्रशासन से इस पहल से शिक्षा का अलख जगेगा. साथ ही जो साइबर को लेकर जामताड़ा बदनाम है उससे यह जामताड़ा को मुक्ति मिलेगी.जामताड़ा में कुल 118 पंचायत जामताड़ा जिला में कुल 118 पंचायत है. जहां पर प्रशासन की तरफ से सामुदायिक पुस्तकालय खोलने की योजना है. समुदायिक पुस्तकालय भवन को संचालन के लिए प्रशासन की तरफ से प्रखंड स्तर और पंचायत स्तर पर कमेटी बनाई जा रही है. कमेटी ग्राम के लोगों की तरफ से ही तय किया जाता है, जिसके लिए संचालन का जिम्मा दिया जाता है. गांव के लोग ही पुस्तकालय भवन का संचालन करेंगे. पुस्तकालय भवन के रंग रोगन और पुस्तक की व्यवस्था बेंच टेबल प्रशासन की तरफ से स्थानीय विधायक निधि के साथ-साथ सीएसआर फंड से किया जा रहा है.इसे भी पढ़ें-मैन्युफैक्चरिंग हब की दिशा में झारखंड का पहला कदम, आदित्यपुर में बन रहा इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर



पुस्तकालय में शिक्षकों को 1 दिन बच्चों को पढ़ाने की व्यवस्था
जिला प्रशासन की तरफ से साइबर के गढ़ में सामुदायिक पुस्तकालय खोलकर न सिर्फ साइबर के भटके नौजवानों को मुख्यधारा में जोड़ने के लिए जागरूक करने का काम किया जा रहा है. बल्कि शिक्षा के अलख जगाने और जागरूकता पैदा करने को लेकर सामुदायिक पुस्तकालय में शिक्षकों को 1 दिन बच्चों को पढ़ाने के लिए भी प्रतिनियुक्त किया जा रहा है. इसकी व्यवस्था की जा रही है. साथ ही सरकार की तरफ से जो योजनाएं लागू की गई है उसकी जानकारी पुस्तकालय में देने की योजना है.


भटके नौजवानों को मुख्यधारा में जोड़ने का उद्देश्य
जिला प्रशासन की तरफ से साइबर के गढ़ में खोले जा रहे समुदायिक पुस्तकालय भवन के पीछे मुख्य उद्देश्य की जानकारी देते हुए जिला के उप विकास आयुक्त ने बताया कि सामुदायिक पुस्तकालय खोलने के पीछे एकमात्र उद्देश्य साइबर को लेकर जो जामताड़ा की छवि धूमिल हुई है उसे सुधारना है. समाज से भटके नौजवानों को मुख्य धारा से जोड़ना है. उप विकास आयुक्त नमन प्रयास लाकड़ा ने बताया कि साइबर को लेकर जामताड़ा की जो छवि धुमिल हुई है. समुदायिक पुस्तकालय के माध्यम से छवि धूमिल को सुधारने का प्रयास किया जा रहा है और समुदाय पुस्तकालय के माध्यम से गांव में जागरूकता लाने का प्रयास किया जा रहा है. ताकि साइबर अपराध के क्षेत्र में जो भटके नौजवान है. वह मुख्यधारा से जुड़े और शिक्षा के क्षेत्र में अपनी नौकरी पैसे और रोजगार आदि में जुड़े.

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