जामताड़ाः पूरी तरह से जर्जर हो चुके भवन में जामताड़ा शहर के बीच सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चल रहा है. भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुका है, कभी-भी बड़ा हादसा होने की संभावना बनी हुई है. मरीज और स्वास्थ्यकर्मियों की जान हमेशा खतरे में रहती है.
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जर्जर हो चुकी भवन में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र
जामताड़ा स्वास्थ्य व्यवस्था का हाल ऐसा है कि जान हमेशा खतरे में बनी रहती है. बात इलाज की नहीं, यहां जर्जर भवन की बात हो रही है. जामताड़ा शहर के बीचोबीच चल रहे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुका है. इस भवन में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चल रहा है. जान को खतरे में डालकर स्वास्थ्यकर्मी यहां काम करने को मजबूर है.
क्या कहते हैं स्वास्थ्य कर्मीजर्जर भवन में काम कर रहे स्वास्थ्य कर्मी कहते हैं कि भवन काफी जर्जर है, जान का खतरा बना रहता है, कब गिर या दुर्घटना हो जाए ये कहा नहीं जा सकता है. कर्मी बताते हैं कि भवन खाली करने को कहा गया है, पर ये काम अब तक नहीं हो पाया है, जिससे लोग हमेशा डरे रहते हैं और खुद को खतरे में डालकर काम करने को मजबूर हैं. स्वास्थ्य सुविधा को देखते हुए पुराने सदर अस्पताल भवन में स्वास्थ्य केंद्र चल रहा है. बताया जाता है कि पुराना सदर अस्पताल भवन इंदिरा चौक स्थित पहले चल रहा था, जो शहर से 6 किलोमीटर दूर सदर अस्पताल के भवन निर्माण होने के बाद शहर में लोगों के हो रही परेशानी को देखते हुए पुराने सदर भवन में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शिफ्ट किया गया. जिससे आपातकालीन स्थिति में शहर के लोगों को तुरंत इलाज मिले. इसके अलावा पास के रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड में किसी भी तरह दुर्घटना होने पर तत्काल उनको यहां इलाज के लिए पहुंचाया जा सके.
भवन निर्माण विभाग ने समुदायिक केंद्र के भवन को पूरी तरह से जर्जर घोषित कर चुका है. इसे खाली करने का भी आदेश है. लेकिन नया भवन नहीं मिल रहा है. आलम यह है कि भवन निर्माण विभाग की ओर से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के भवन को पूरी तरह से जर्जर घोषित किए जाने एवं खाली करने के आदेश दिए जाने के बाद भी समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को भवन नहीं मिल पा रहा है. इसको दूसरी जगह शिफ्ट कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चलाया जा सके. इसके लिए संबंधित विभाग और प्रशासन कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रही है.
क्या कहते हैं अधिकारीइस बारे में प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर सुनील किस्कु ने बताया गया कि भवन जर्जर घोषित किया गया है और खाली करने को भी कहा गया है. लेकिन भवन नहीं मिल पा रहा है, ऐसे में खाली करना मुश्किल हो रहा है.