जामताड़ा: चिरेका द्वारा निर्मित 7500वां विद्युत रेल इंजन का सोमवार को राष्ट्र को समर्पित किया गया. भारत सरकार रेलवे बोर्ड के पदेन सचिव और चिरेका महाप्रबंधक ने संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.
चिरेका निर्मित 7500वें विद्युत रेल इंजन का लोकार्पण
चित्तरंजन रेल इंजन कारखाना (चिरेका) हमेशा से ही भारत के प्रमुख रेल इंजन निर्माताओं की सूची में अग्रणी रहा है. पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान चिरेका ने रेल इंजन निर्माण के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर किसी भी रेल इंजन कारखाना की तुलना में दुनिया में सबसे बड़ा विद्युत रेल इंजन निर्माता के रूप में अपनी पहचान बना चुका है. पिछले सभी कीर्तिमान को पीछे छोड़ते हुए चिरेका ने 1961-62 की शुरुआत काल से 25 जनवरी को अबतक 7500वें विद्युत रेल इंजन का उत्पादन करके फिर एक नया इतिहास रचने में सफल रहा. इसका लोकार्पण रेलवे बोर्ड और भारत सरकार के पदेन सचिव सतीश कुमार कश्यप, महाप्रबंधक/चिरेका की उपस्थिति में चिरेका के परिभ्रमण के दौरान, लोको साइडिंग से ऐतिहासिक 7500वें विद्युत रेल इंजन (33023) को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस अवसर पर मुख्य रूप से प्रमुख विभागाध्यक्ष, पर्यवेक्षक और कर्मचारी उपस्थित रहे.
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कारखाने का प्रगति रिपोर्ट और शॉप का निरीक्षण
चिरेका निर्मित 7500वें विद्युत रेल इंजन का लोकार्पण करने के दौरान रेलवे बोर्ड के पदेन सचिव ने चिरेका के प्रगति रिपोर्ट और व्हील शॉप कारखाने का परिभ्रमण किया कार्य की समीक्षा भी की. बताया जाता है कि रेलवे बोर्ड के सचिव ने कारखाना के लोको अस्सेंबली, टीएम शेल, बोगी, व्हील शॉप का निरीक्षण सह परिभ्रमण किया. महाप्रबंधक के संग चिरेका के प्रगति रिपोर्ट और वर्तमान और अगले वित्तीय वर्ष के उत्पादन कार्यक्रम की समीक्षा की.
चितरंजन रेल इंजन कारखाना जामताड़ा जिला के मिहिजाम सीमा पर स्थित है, जो एशिया का सबसे बड़ा रेल इंजन बनाने वाला कारखाना है. जो अपने स्थापना काल से ही आधुनिक विद्युत रेल इंजन उत्पादन कर ना सिर्फ अपनी सफलता की ऊंचाई की ओर निरंतर अग्रसर है. बल्कि रेलवे के विकास में और राष्ट्र के निर्माण में अपनी अहम भूमिका भी निभाता रहा है.