जामताड़ा: झामुमो विधायक सीता सोरेन का सरकार के खिलाफ बयानबाजी के बाद झारखंड में सियासत तेज हो गई है. बीजेपी विधायक और पूर्व कृषि मंत्री रधीर सिंह ने सीता सोरेन का समर्थन करते हुए हेमंत सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि सरकार से सत्ता पक्ष हो या विपक्ष कोई खुश नहीं है.
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सीता सोरेन को बीजेपी का समर्थन
हेमंत सरकार के खिलाफ सीता सोरेन के बयान का बीजेपी समर्थन कर रही है. बीजेपी विधायक रंधीर सिंह ने कहा कि जनता के मुद्दे को लेकर आवाज उठाना गलत नहीं है. उन्होंने कहा कि वे सीता सोरेन के साथ हैं. इसके साथ ही उन्होंने वर्तमान सरकार को सभी मोर्चे पर फेल बताते हुए कहा कि इस सरकार से कोई खुश नहीं है. उन्होंने सत्ता पक्ष के विधायक दीपिका पांडे और झाबुआ विधायक लोबिन हेंब्रम का भी नाम लिया और कहा इन्होंने भी सरकार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की थी. ऐसे में सीता सोरेन विरोध कर रही है तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है.
जनता को विधायक से उम्मीद
बीजेपी विधायक रंधीर सिंह का कहना था कि एक विधायक से क्षेत्र की जनता को काफी उम्मीद रहती हैं. अगर विधायक से जनता की अपेक्षा पूरी नहीं हो पाएगी तो विधायक जनता के सामने किस मुंह से जाएंगे. उन्होंने कहा विपक्ष के विधायक विकास कार्यों को लेकर बहाना बना सकते हैं लेकिन सत्ता पक्ष के विधायक जनता को क्या जवाब देंगे. विधायक रंधीर सिंह ने बताया कि वर्तमान सरकार में सत्ता पक्ष के विधायकों की बात नहीं सुनी जाती है.
रांची की मेयर ने भी किया था समर्थन
अपने सरकार के खिलाफ दिए बयान के बाद सीता सोरेन का रांची की मेयर आशा लकड़ा ने भी समर्थन किया था. उन्होंने सीता सोरेन के उठाए सवाल को जायज बताते हुए कहा कि वर्तमान सरकार ने ऐसा कोई काम नहीं किया है कि उसे कोई भी नंबर दिया जाए. आशा लकड़ा ने कहा था कि चाहे बेरोजगारों को रोजगार का मामला हो या फिर बेरोजगारी भत्ता, कई ऐसे मुद्दे हैं जिसका वादा कर हेमंत सोरेन की सरकार बनी थी. लेकिन वादे आज भी वादे ही हैं.
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सीता सोरेन ने क्या दिया था बयान
बता दें कि जेएमएम सुप्रीमो शिबू सोरेन की बड़ी बहू और जामा से विधायक सीता सोरेन ने न सिर्फ झारखंड मुक्ति मोर्चा पर हमला बोला था, बल्कि हेमंत सोरेन सरकार के कामकाज पर भी नाखुशी जाहिर की थी. उन्होंने हेमंत सोरेन के कामकाज को 10 में से एक नंबर भी नहीं दिया. उन्होंने पार्टी पर दलालों का कब्जा और सरकार में नौकरशाह के हावी होने का भी आरोप लगाया. उनके इसी आरोप के बाद झारखंड में हेमंत सरकार विरोधियों के निशाने पर आ गई है.