जामताड़ा: पूर्व कृषि मंत्री और भाजपा के विधायक रणधीर सिंह ने हेमंत सरकार पर निशाना साधा है. रणधीर सिंह ने हेमंत सरकार की सभी योजनाओं को टांय- टांय फिस बताया. साथ ही उन्होंने झारखंड सरकार पर तुष्टिकरण का नीति अपनाने और एक वर्ग विशेष समुदाय को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया है. उन्होंने मंत्री बादल पत्रलेख को बहरुपिया मंत्री बताया है.
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पूर्व कृषि मंत्री रणधीर सिंह ने कहा है कि राज्य सरकार किसानों के लिए कुछ भी नहीं कर रही है. किसानों के हित के लिए केंद्र की भाजपा सरकार ही काम कर रही है. राज्य सरकार ने किसानों के फसल को जिस दर पर खरीदना चाहिए था वह खरीद नहीं पाई. सरकार ने किसानों से जो भी फसल खरीदी है उसका भी अब तक भुगतान नहीं हो सका है.
पूर्व की रघुवर सरकार की तारीफ
रणधीर सिंह ने कहा कि पूर्व में रघुवर सरकार में किसानों के हित के लिए जो काम हुए उस योजना को हेमंत सरकार ने बंद कर दिया. हेमंत सरकार में शुरुआत की गई पशुधन योजना आज टांय-टांय फिस हो गया है. भाजपा की सरकार में 90% अनुदान पर किसानों को मुर्गी पालन और गौ पालन के लिए राशि दी जाती थी. लेकिन इस सरकार में 50% अनुदान पर योजना का लाभ दिया जा रहा है. उन्होंने हेमंत सरकार की ऋृण माफी योजना को भी फ्लॉप बताते हुए कहा कि पूरे राज्य में जितने किसान हैं उसका ऋृण माफ नहीं हो पाया है.
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कृषि मंत्री बादल पत्रलेख को बताया बहरुपिया
पूर्व कृषि मंत्री रणधीर सिंह ने वर्तमान कृषि मंत्री बादल पत्रलेख को बहरुपिया मंत्री बताया. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में किसानों के ग्रोथ के लिए अलग से कृषि बजट बनाया गया था. जिससे किसानों को काफी लाभ मिला. बीजेपी सरकार में पंपसेट भी बांटा गया. वहीं झारखंड के किसानों को बेहतर कृषि कार्य के लिए पुरस्कृत किया गया.
हेमंत सरकार पर तुष्टिकरण का आरोप
रणधीर सिंह ने हेमंत सरकार पर एक विशेष समुदाय को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाते हुए कहा कि वर्तमान सरकार में तुष्टिकरण नीति अपनाई जा रही है. उर्दू को अनिवार्य किया जा रहा है. उन्होंने कहा की हेमंत सरकार ने 1 साल में 5 लाख नौजवानों को रोजगार देने का वादा किया था. जो वादा आज तक पूरा नहीं हो सका. सरकार के 2 साल हो गए. लेकिन राज्य के एक भी युवाओं को रोजगार नहीं मिला.