ETV Bharat / state

गोड्डा के लिए राजनीतिक उठापटक से भरपूर रहा साल 2024, किसी का चमका सितारा तो किसी को मिली मायूसी - YEAR ENDER 2024

साल 2024 गोड्डा के लिए काफी दिलचस्प रहा. यहां राजनीतिक क्षेत्र में कई उलटफेर हुए. कुछ लोगों का भाग्य चमका, कुछ लोगों को मायूस किया.

YEAR ENDER 2024
ग्राफिक्स इमेज (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : 5 hours ago

गोड्डा: वर्ष 2024 गोड्डा के लिए कई राजनितिक घटनाक्रम को लेकर यादगार रहा. कई बड़े उलटफेर भी हुए. गोड्डा को कई राजनितिक तोहफे मिले तो साल के जाते जाते कई बड़े नेताओं को जोर का झटका भी दिया, जिससे उबरने में उन्हें सालों लग जाएंगे.

सबसे पहले बात करते हैं लोकसभा चुनाव की, जो इसी वर्ष हुए. टिकट को लेकर खास तौर पर इंडिया गठबंधन में खूब ड्रामा हुआ, जिसमें गठबंधन के तहत गोड्डा लोकसभा सीट कांग्रेस के हिस्से मे आयी. कई दिग्गज टिकट की दौड़ में शामिल हुए जिसमें फुरकान अंसारी, प्रदीप यादव और दीपिका पांडेय सिंह का नाम प्रमुखता से चलता रहा, लेकिन अंत में टिकट दीपिका पांडेय सिंह को मिला. वो पूजा पाठ कर मैदान में उतर गयीं और ताल ठोक अपनी चुनौती पेश करने लगी, लेकिन बात यहां खत्म नहीं हुई.

YEAR ENDER 2024
ग्राफिक्स इमेज (ETV Bharat)

प्रदीप यादव के समर्थकों ने कई जगहों पर दीपिका पांडेय का विरोध किया. आखिरकार आलाकमान को दिया हुआ टिकट वापस लेना पड़ा और फिर प्रदीप यादव को टिकट मिल गया. ऐसे में कमोबेश पार्टी दो गुटों में बंट गई, जिसका परिणाम भी देखने को मिला और भाजपा से हार झेलनी पड़ी. चौथी बार निशिकांत दुबे ने जीत दर्ज की और सांसद बने. इस बाऱ जीत का अंतर महज एक लाख रहा जो पिछली दफा से लगभग आधा था.

लोकसभा के अंतर्गत कुल 6 में से चार गोड्डा, पोड़ैयाहाट, जरमुंडी और देवघर में भाजपा को बढ़त मिली. वहीं महगामा और मधुपुर में कांग्रेस को बढ़त मिली. हलांकि इन सबके बीच भाजपा की भी अंदरूनी कलह सामने आयी, जब चर्चा उड़ी कि जेपी पटेल के साथ राज पालिवार झामुमो में शामिल हो रहे हैं. हलांकि ये बात गलत साबित हुईं, लेकिन सांसद निशिकांत दुबे और पूर्व मंत्री राज पालीवार के आपसी मतभेद खुल कर सामने आए.

इस जीत हार ने कई नेताओं की किस्मत भी खोल दी या यूं कहें कि कुछ लोग हार कर भी जीत गए. प्रदीप यादव के एक बयान की खूब चर्चा हुई, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर इस बार हारे तो राजनीति से संन्यास ले लूंगा. हलांकि जब विपक्ष इस मुद्दे पर बोला तो उन्हें भी कांग्रेस की ओर से किए पुराने वादे याद दिला दिए गए और पूछा कि पहले वह अपने तो वादे पूरे करे बाद में हमारी बात करें.

आलमगीर आलम के जेल जाने के बाद प्रदीप यादव को कांग्रेस विधायक दल का नेता बना प्रोन्नति दी गई. वहीं दीपिका पांडेय सिंह को अपने क्षेत्र में टिकट कटने के बावजूद कांग्रेस को बढ़त दिलाने के लिए पुरस्कार स्वरूप मंत्री हेमंत सरकार पार्ट टू में स्थान दिया गया.

अब सामने था विधानसभा चुनाव जहां गोड्डा जिले की तीनों सीट पर भाजपा का सुपड़ा साफ हो गया. एक मात्र सीट जो भाजपा के पास गोड्डा की थी वह भी छिन गई. पोड़ैयाहाट रिकॉर्ड 34 हजार मतों से प्रदीप यादव छठी बार चुनाव जीते तो गोड्डा की सीट भाजपा से राजद के संजय यादव ने 21हजार मतों से जीती. वहीं दीपिका पांडेय ने अपनी सीट दोबारा जीती और महगामा से भाजपा के अशोक भगत को हराया.

गोड्डा लोकसभा के अंतर्गत आने वाले अन्य सीट देवघर और मधुपुर में भी भाजपा को हार झेलनी पड़ी. वहीं जरमुंडी एक ऐसी सीट रही जहां से पूरे संथाल की 18 सीट में एक जीत भाजपा को नसीब हुई और यहां से देवेंद्र कुंवर जीते.

इस दौरान भाजपा की अंदरूनी कलह देवघर में सांसद निशिकांत दुबे और विधायक नारायण दास के बीच खूब दिखी, तो महगामा में भाजपाई आपस में खूब लड़ते दिखे. यहां एक बड़ी बात यह रही कि जिन सीटों पर पीएम मोदी की सभा हुईं वहां भाजपा जीती सीट भी हार गयी इनमें देवघर व गोड्डा भी शामिल है तो राहुल गांधी ने महगामा में चुनावी सभा की जहां उनके हेलीकाप्टर को घंटों रोका गया. यह बात राष्ट्रीय स्तर की सुर्खिया बनी लेकिन ये सीट कांग्रेस जीत गयी.

वैसे साल के समापन से चंद दिन पहले गोड्डा को और भी सौगात मिली. गोड्डा से हेमंत कैबिनेट में दो मंत्री शामिल हुए, जबकि गोड्डा लोकसभा क्षेत्र से 3 मंत्री बने हैं. राजद के गोड्डा विधायक संजय यादव को मंत्री बनाया गया है. वहीं दीपिका पांडेय सिंह को फिर से मंत्री बनाया गया है. वहीं प्रदीप यादव को कांग्रेस विधायक दल का नेता बनाया गया है. वहीं मधुपुर विधानसभा सीट से जेएमएम विधायक हफीजुल हसन एक बार फिर से मंत्री बने हैं.

ये भी पढ़ें:

लोकसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, राहुल को निलंबित करने की मांग

मंत्री बनने के बाद पहली बार गोड्डा पहुंचे संजय यादव, बोले- हमें पता है किस घर में चूल्हा जला है, निभाएंगे जिम्मेदारी

तीसरी बार विधायक बनने का मिला इनाम, राजद से संजय यादव बने मंत्री

गोड्डा: वर्ष 2024 गोड्डा के लिए कई राजनितिक घटनाक्रम को लेकर यादगार रहा. कई बड़े उलटफेर भी हुए. गोड्डा को कई राजनितिक तोहफे मिले तो साल के जाते जाते कई बड़े नेताओं को जोर का झटका भी दिया, जिससे उबरने में उन्हें सालों लग जाएंगे.

सबसे पहले बात करते हैं लोकसभा चुनाव की, जो इसी वर्ष हुए. टिकट को लेकर खास तौर पर इंडिया गठबंधन में खूब ड्रामा हुआ, जिसमें गठबंधन के तहत गोड्डा लोकसभा सीट कांग्रेस के हिस्से मे आयी. कई दिग्गज टिकट की दौड़ में शामिल हुए जिसमें फुरकान अंसारी, प्रदीप यादव और दीपिका पांडेय सिंह का नाम प्रमुखता से चलता रहा, लेकिन अंत में टिकट दीपिका पांडेय सिंह को मिला. वो पूजा पाठ कर मैदान में उतर गयीं और ताल ठोक अपनी चुनौती पेश करने लगी, लेकिन बात यहां खत्म नहीं हुई.

YEAR ENDER 2024
ग्राफिक्स इमेज (ETV Bharat)

प्रदीप यादव के समर्थकों ने कई जगहों पर दीपिका पांडेय का विरोध किया. आखिरकार आलाकमान को दिया हुआ टिकट वापस लेना पड़ा और फिर प्रदीप यादव को टिकट मिल गया. ऐसे में कमोबेश पार्टी दो गुटों में बंट गई, जिसका परिणाम भी देखने को मिला और भाजपा से हार झेलनी पड़ी. चौथी बार निशिकांत दुबे ने जीत दर्ज की और सांसद बने. इस बाऱ जीत का अंतर महज एक लाख रहा जो पिछली दफा से लगभग आधा था.

लोकसभा के अंतर्गत कुल 6 में से चार गोड्डा, पोड़ैयाहाट, जरमुंडी और देवघर में भाजपा को बढ़त मिली. वहीं महगामा और मधुपुर में कांग्रेस को बढ़त मिली. हलांकि इन सबके बीच भाजपा की भी अंदरूनी कलह सामने आयी, जब चर्चा उड़ी कि जेपी पटेल के साथ राज पालिवार झामुमो में शामिल हो रहे हैं. हलांकि ये बात गलत साबित हुईं, लेकिन सांसद निशिकांत दुबे और पूर्व मंत्री राज पालीवार के आपसी मतभेद खुल कर सामने आए.

इस जीत हार ने कई नेताओं की किस्मत भी खोल दी या यूं कहें कि कुछ लोग हार कर भी जीत गए. प्रदीप यादव के एक बयान की खूब चर्चा हुई, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर इस बार हारे तो राजनीति से संन्यास ले लूंगा. हलांकि जब विपक्ष इस मुद्दे पर बोला तो उन्हें भी कांग्रेस की ओर से किए पुराने वादे याद दिला दिए गए और पूछा कि पहले वह अपने तो वादे पूरे करे बाद में हमारी बात करें.

आलमगीर आलम के जेल जाने के बाद प्रदीप यादव को कांग्रेस विधायक दल का नेता बना प्रोन्नति दी गई. वहीं दीपिका पांडेय सिंह को अपने क्षेत्र में टिकट कटने के बावजूद कांग्रेस को बढ़त दिलाने के लिए पुरस्कार स्वरूप मंत्री हेमंत सरकार पार्ट टू में स्थान दिया गया.

अब सामने था विधानसभा चुनाव जहां गोड्डा जिले की तीनों सीट पर भाजपा का सुपड़ा साफ हो गया. एक मात्र सीट जो भाजपा के पास गोड्डा की थी वह भी छिन गई. पोड़ैयाहाट रिकॉर्ड 34 हजार मतों से प्रदीप यादव छठी बार चुनाव जीते तो गोड्डा की सीट भाजपा से राजद के संजय यादव ने 21हजार मतों से जीती. वहीं दीपिका पांडेय ने अपनी सीट दोबारा जीती और महगामा से भाजपा के अशोक भगत को हराया.

गोड्डा लोकसभा के अंतर्गत आने वाले अन्य सीट देवघर और मधुपुर में भी भाजपा को हार झेलनी पड़ी. वहीं जरमुंडी एक ऐसी सीट रही जहां से पूरे संथाल की 18 सीट में एक जीत भाजपा को नसीब हुई और यहां से देवेंद्र कुंवर जीते.

इस दौरान भाजपा की अंदरूनी कलह देवघर में सांसद निशिकांत दुबे और विधायक नारायण दास के बीच खूब दिखी, तो महगामा में भाजपाई आपस में खूब लड़ते दिखे. यहां एक बड़ी बात यह रही कि जिन सीटों पर पीएम मोदी की सभा हुईं वहां भाजपा जीती सीट भी हार गयी इनमें देवघर व गोड्डा भी शामिल है तो राहुल गांधी ने महगामा में चुनावी सभा की जहां उनके हेलीकाप्टर को घंटों रोका गया. यह बात राष्ट्रीय स्तर की सुर्खिया बनी लेकिन ये सीट कांग्रेस जीत गयी.

वैसे साल के समापन से चंद दिन पहले गोड्डा को और भी सौगात मिली. गोड्डा से हेमंत कैबिनेट में दो मंत्री शामिल हुए, जबकि गोड्डा लोकसभा क्षेत्र से 3 मंत्री बने हैं. राजद के गोड्डा विधायक संजय यादव को मंत्री बनाया गया है. वहीं दीपिका पांडेय सिंह को फिर से मंत्री बनाया गया है. वहीं प्रदीप यादव को कांग्रेस विधायक दल का नेता बनाया गया है. वहीं मधुपुर विधानसभा सीट से जेएमएम विधायक हफीजुल हसन एक बार फिर से मंत्री बने हैं.

ये भी पढ़ें:

लोकसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, राहुल को निलंबित करने की मांग

मंत्री बनने के बाद पहली बार गोड्डा पहुंचे संजय यादव, बोले- हमें पता है किस घर में चूल्हा जला है, निभाएंगे जिम्मेदारी

तीसरी बार विधायक बनने का मिला इनाम, राजद से संजय यादव बने मंत्री

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.