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yaas cyclone effect: हजारीबाग में तूफान का कहर, बर्बाद हुए 50 करोड़ के टमाटर - हजारीबाग में यास तूफान में टमाटर बर्बाद

कोरोना के बाद अब यास तूफान (yaas cyclone) ने किसानों की कमर तोड़कर रख दी है. यास तूफान के कारण हजारीबाग में हजारों एकड़ में फैली टमाटर की खेती बर्बाद हो गई. जिससे किसान काफी चिंतित है.

yaas cyclone effect on tomato farming in hazaribag
यास तूफान में टमाटर बर्बाद
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Published : May 29, 2021, 3:58 PM IST

हजारीबागः यास तूफान (yaas cyclone) अपना कहर बरसा कर चला गया. हजारीबाग में यास तूफान (yaas cyclone) का बुरा प्रभाव देखने को मिला है. दरअसल जिले में हजारों एकड़ में लगी फसल बर्बाद हो गई. सबसे अधिक नुकसान टमाटर की खेती को हुआ. हजारीबाग में किराए की जमीन लेकर टमाटर की खेती करने की परंपरा रही है. यहां का टमाटर देश के कोने-कोने तक पहुंचता है. प्रति एकड़ टमाटर लगाने में 1 लाख रुपये खर्चा होते है. ऐसे में यहां 50 हजार एकड़ में टमाटर की खेती विभिन्न जगहों पर होती है.

देखें पूरी खबर

इसे भी पढ़ें- सिमडेगा: यास तूफान से नुकसान का डीसी ने लिया जायजा, मदद का दिया भरोसा

हजारों एकड़ में फैली टमाटर की खेती बर्बाद
खासकर हजारीबाग और सीमावर्ती चतरा जिला में खेती की जाती है. टमाटर की खेती में मुनाफा भी है. इस कारण बढ़-चढ़कर किसान खेती भी करते हैं. लेकिन इस बार इस तूफान ने टमाटर की खेती को नष्ट कर दिया. हजारों एकड़ में फैली टमाटर की खेती बर्बाद हो गई है. टमाटर पानी के कारण फट गया है और उसका पौधा टूट गया. किसानों का कहना है कि टमाटर इस बार बर्बाद हो गया. उन लोगों का यह भी कहना है कि किराए की जमीन पर खेती करते है, इसलिए सरकार की ओर से भी किसी भी तरह की मदद नहीं मिलती. 6 एकड़ में लगाई गई फसल जिसमें 6 लाख रुपये पूंजी भी लगी थी. वह बर्बाद हो गई. अनुमान लगाया जा रहा है कि 50 करोड़ रुपये का नुकसान सिर्फ टमाटर का हजारीबाग जिले में हुआ है.

टमाटर की फसल खराब होने के बाद किसान टूटा हुआ टमाटर औने पौने दाम में भी बेचने को विवश है. किसानों का कहना है कि अब टमाटर को तोड़ना महंगा साबित होगा. क्योंकि मजदूरों की मजदूरी भी नहीं निकलेगी. ऐसे में हम लोग टमाटर खेत में ही छोड़ देंगे.

हजारीबागः यास तूफान (yaas cyclone) अपना कहर बरसा कर चला गया. हजारीबाग में यास तूफान (yaas cyclone) का बुरा प्रभाव देखने को मिला है. दरअसल जिले में हजारों एकड़ में लगी फसल बर्बाद हो गई. सबसे अधिक नुकसान टमाटर की खेती को हुआ. हजारीबाग में किराए की जमीन लेकर टमाटर की खेती करने की परंपरा रही है. यहां का टमाटर देश के कोने-कोने तक पहुंचता है. प्रति एकड़ टमाटर लगाने में 1 लाख रुपये खर्चा होते है. ऐसे में यहां 50 हजार एकड़ में टमाटर की खेती विभिन्न जगहों पर होती है.

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हजारों एकड़ में फैली टमाटर की खेती बर्बाद
खासकर हजारीबाग और सीमावर्ती चतरा जिला में खेती की जाती है. टमाटर की खेती में मुनाफा भी है. इस कारण बढ़-चढ़कर किसान खेती भी करते हैं. लेकिन इस बार इस तूफान ने टमाटर की खेती को नष्ट कर दिया. हजारों एकड़ में फैली टमाटर की खेती बर्बाद हो गई है. टमाटर पानी के कारण फट गया है और उसका पौधा टूट गया. किसानों का कहना है कि टमाटर इस बार बर्बाद हो गया. उन लोगों का यह भी कहना है कि किराए की जमीन पर खेती करते है, इसलिए सरकार की ओर से भी किसी भी तरह की मदद नहीं मिलती. 6 एकड़ में लगाई गई फसल जिसमें 6 लाख रुपये पूंजी भी लगी थी. वह बर्बाद हो गई. अनुमान लगाया जा रहा है कि 50 करोड़ रुपये का नुकसान सिर्फ टमाटर का हजारीबाग जिले में हुआ है.

टमाटर की फसल खराब होने के बाद किसान टूटा हुआ टमाटर औने पौने दाम में भी बेचने को विवश है. किसानों का कहना है कि अब टमाटर को तोड़ना महंगा साबित होगा. क्योंकि मजदूरों की मजदूरी भी नहीं निकलेगी. ऐसे में हम लोग टमाटर खेत में ही छोड़ देंगे.

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