हजारीबाग: ऐसे तो प्राकृतिक सुंदरता के लिए पूरे सूबे में हजारीबाग जिला जाना जाता है, लेकिन मेरु स्थित बीएसएफ ट्रेनिंग सेंटर इसे पूरे देश भर में एक अलग पहचान देता है. यहां जवानों को ट्रेनिंग दी जाती है, जो देश की सीमा की सुरक्षा करते हैं. यही नहीं, देश की सर्वश्रेष्ठ सुरक्षा एजेंसी एनएसजी और एसपीजी की भर्ती में भी इस ट्रेनिंग सेंटर का महत्वपूर्ण योगदान रहता है.
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सीमा सुरक्षा बल भारत का प्रमुख अर्धसैनिक बल है. जो विश्व के सबसे बड़े सीमा रक्षक बल के रूप में जाना जाता है. इसका गठन 1 दिसंबर 1965 में हुआ था. जिसकी जिम्मेदारी भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर निरंतर निगरानी रखना है. इस समय बीएसएफ की 188 बटालियन है और ये लगभग 6350 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा करता है. ये दुर्गम रेगिस्तान नदी घाटियों और हिमाच्छादित प्रदेश है. इसके अलावा सीमा पर होने वाले अपराधों जैसे तस्करी, घुसपैठ और अन्य अवैध गतिविधियों को रोकने का जिम्मेदारी भी इस पर है. ऐसे में समझा जा सकता है कि बीएसएफ का कितना महत्व हमारे देश की सुरक्षा में है.
बीएसएफइस सेंटर की खासियत
हजारीबाग के मेरु में स्थित बीएसएफ का ट्रेनिंग सेंटर है. यहां जवानों को कई तरह की ट्रेनिंग दी जाती है. वर्तमान में बीएसएफ ट्रेनिंग सेंटर में 1509 नए कॉन्स्टेबल्स को ट्रेनिंग दी जा रही है, जो आने वाले दिनों में ट्रेनिंग पाकर देश के लिए अपनी सेवा देंगे. इसमें असम, पॉन्डिचेरी, तेलंगाना, केरल और जम्मू कश्मीर के जवान हैं. यह ट्रेनिंग 44 हफ्ते चलेगी. बीएसएफइस सेंटर की खासियत ये है कि पूरे देश भर में बम डिफ्यूज और कमांडो ट्रेनिंग के लिए जाना जाता है. यहां मित्र देश के पुलिस पदाधिकारी भी आकर ट्रेनिंग पाते हैं.
एनएसजी और एसपीजी जैसी सुरक्षा एजेंसी में प्रवेश पाने के लिए यहां ट्रेनिंग दी जाती है. ट्रेनिंग पाकर पदाधिकारी सुरक्षा एजेंसी का परीक्षा देते हैं. यहां से ट्रेनिंग पा चुके कई जवान इन दिनों देश के सबसे सशक्त सुरक्षा एजेंसी एनएसजी और एसपीजी में शामिल है. पदाधिकारी भी कहते हैं कि हमारी यही पहचान है. प्रशिक्षण प्राप्त करने युवकों को उच्च कोटि का प्रशिक्षण देना हमारा मुख्य टारगेट होता है. अपनी विशेष ट्रेनिंग के लिए हजारीबाग मेरु बीएसएफ की पहचान पूरे देश भर में हैं. ट्रेनिंग पाकर सुरक्षा देने वाले जवान के भरोसे ही हम चैन की नींद सोते हैं.