हजारीबाग: जिले में बिजली की समस्या को दूर करने के लिए टाटीझरिया प्रखंड में पावर सब स्टेशन बनाया जा रहा है, लेकिन 11 साल के बाद भी पावर सब स्टेशन अब तक बनकर तैयार नहीं हो पाया है. सब-स्टेशन के चारों तरफ चारदीवारी तो बना दी गई. बिजली के पोल भी लगा दिए गए, लेकिन अब तक तार नहीं लगाया गया है. आलम यह है कि पावर सब-स्टेशन में अब जानवर चरते नजर आते हैं.
झारखंड सरकार हर घर में 24 घंटे बिजली पहुंचाने का दावा तो कर रही है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. 11 साल पहले टाटीझरिया में पावर सब-स्टेशन बनने की प्रक्रिया शुरू हुई जो आज तक पूरी नहीं हुई. पावर सब-स्टेशन की चारदीवारी के अंदर बड़े-बड़े बिजली के पोल और एक कमरे में सामान बिखरा पड़ा है. पावर सब-स्टेशन का निर्माण कार्य पूरा नहीं होने से इलाके के लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. इलाके में कभी-कभी दो-दो दिनों तक बिजली गुल रहती है.
पावर सब स्टेशन चुनावी मुद्दा
टाटीझरिया के दुधमटिया में सब स्टेशन का निर्माण कार्य बहु प्रतिक्षित योजनाओं में से एक है, जिसकी मांग वर्षों से की जा रही है, जहां ट्रांसफार्मर और तार होने चाहिए थे वहां झाड़ियां उग आई है. अब यह सब-स्टेशन बस चुनावी मुद्दा बनकर रह गया है. चुनाव के समय में सभी दलों के नेता आते हैं और टाटीझरिया-दूधमटिया में प्रस्तावित बिजली सब-स्टेशन को चालू करवाने का वादा करते हैं, लेकिन उनके वादे आज तक पूरे नहीं हो पाए. चुनाव से पहले बिजली विभाग के ओर से थोड़ा काम किया जाता है तो लोगों मे उम्मीद जग जाती है कि अब जल्द ही सब स्टेशन चालू हो जाएगा, लेकिन इलाके के लोगों का 11 साल सिर्फ उम्मीद से ही गुजर गए. कभी वन विभाग की एनओसी तो कभी फंड का हवाला देकर काम बंद कर दिया जाता है.
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जनप्रतिनिधियों में इच्छा शक्ति की कमी
स्थानीय लोगों का कहना है कि जनप्रतिनिधियों की इच्छा शक्ति की कमी के कारण अब तक सब स्टेशन चालू नहीं हो पाया है, टाटीझरिया-दूधमटिया का प्रस्तावित विद्युत सब स्टेशन का भवन और चारदीवारी पिछले कई सालों से बनकर तैयार है, लेकिन यहां बिजली के तार, ट्रांसफार्मर, पोल और विद्युत उपकरण की बजाय मवेशी चराए जाते हैं, चारदीवारी और कंट्रोल रूम को बनाने में सरकार 29 लाख रुपये अब तक खर्च कर चुकी है पर उद्देश्य पूरा नहीं हो सका. सब स्टेशन का काम फिलहाल बंद है. इसके निर्माण कार्य में लगभग 1.24 करोड़ रूपये खर्च होने हैं.