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हजारीबागः कोरोना आपदा के बीच 231 घरों में गूंजी किलकारियां, वैकल्पिक व्यवस्था में मरीजों काे मिल रहीं सभी सुविधाएं

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Published : May 4, 2020, 2:34 PM IST

Updated : May 4, 2020, 3:41 PM IST

कोरोना संकट को देखते हुए मेडिकल कॉलेज को कोविड-19 अस्पताल घोषित किया गया है. ऐसे में श्रीनिवास डेंटल कॉलेज अस्पताल में ओपीडी चलाई जा रही हैं. इस वैकल्पिक व्यवस्था में भी अस्पताल प्रबंधन मरीजों को बेहतर से बेहतर सुविधाएं प्रदान कर रहा है. लॉकडाउन के दौरान कई घरों में खुशी आईं हैं.

किलकारियां,
किलकारियां,

हजारीबागः कोरोना महामारी को देखते हुऐ मेडिकल कॉलेज अस्पताल को कोविड-19 में घोषित किया गया है. ऐसे में यहां ओपीडी की सुविधा बंद कर दी गई है. विकल्प के तौर पर हजारीबाग के श्रीनिवास डेंटल कॉलेज अस्पताल में वैकल्पिक व्यवस्था प्रशासन की ओर से की गई है.

231 घरों में गूंजी किलकारियां.

यहां एहतियात के तौर पर पूरी व्यवस्था अस्पताल प्रबंधन द्वारा की गई हैं, तो दूसरी ओर अब तक लगभग 350 बच्चों का जन्म भी हो चुका है. हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल में को इन दिनों कोविड-19 अस्पताल के रूप में घोषित किया गया है. 8 अप्रैल से यहां ओपीडी की सुविधा बंद है. जिला प्रशासन की ओर से श्री निवास अस्पताल में वैकल्पिक व्यवस्था की गई है.

अगर अप्रैल माह की बात की जाए तो 231 बच्चों की नार्मल डिलीवरी से जन्म हुआ है वहीं 112 ऑपरेशन से. डॉ. स्नेहलता का का कहना है कि जब से वैकल्पिक व्यवस्था जिला प्रशासन की ओर से की गईं हैं, एहतियात के तौर पर विशेष इंतजाम किए हैं. कोई भी व्यक्ति या मरीज अस्पताल परिसर के अंदर प्रवेश करता है तो उसका थर्मल स्कैनर से जांच की जाती है.

यह भी पढ़ेंः लॉकडाउन तोड़ने वालों को पहचान कर पुलिस को बताएंगे पार्षद, बनाया गया विशेष SOP

अगर कोई लक्षण मिलते हैं तो वरीय अधिकारी को जानकारी देते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि हजारीबाग में 3 मरीज जब से पॉजिटिव आए हैं, उस क्षेत्र पर विशेष नजर रखी जा रही है.

ऐसे में बड़कागांव से एक महिला को डिलीवरी के लिए लाया गया था. महिला ने स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया है, लेकिन एहतियात के तौर पर उसका सैंपल जांच के लिए भेजा हैं और ऑपरेशन करने के समय पीपी किट का उपयोग किया, ताकि खुद को भी सुरक्षित रखा जा सके.

डॉक्टरों का यह भी कहना है कि अस्पताल प्रबंधन की ओर से सभी मरीजों को सैनिटाइजर और मास्क भी दिया है. मरीज अपने बेड पर भी मास्क लगाते हैं और जो भी उनसे मिलने आते हैं पहले उनको सैनिटाइज गेट पर ही किया जाता है तब प्रवेश दिया जाता है.

लॉकडाउन के दौरान भी कई घरों में खुशी आईं हैं. ऐसे में जिला प्रशासन सभी मरीजों को आश्वस्त किया है कि उनके इलाज में किसी भी तरह की कोताही नहीं बरती जाएगी वे भी अस्पताल प्रबंधन को मदद करें.

हजारीबागः कोरोना महामारी को देखते हुऐ मेडिकल कॉलेज अस्पताल को कोविड-19 में घोषित किया गया है. ऐसे में यहां ओपीडी की सुविधा बंद कर दी गई है. विकल्प के तौर पर हजारीबाग के श्रीनिवास डेंटल कॉलेज अस्पताल में वैकल्पिक व्यवस्था प्रशासन की ओर से की गई है.

231 घरों में गूंजी किलकारियां.

यहां एहतियात के तौर पर पूरी व्यवस्था अस्पताल प्रबंधन द्वारा की गई हैं, तो दूसरी ओर अब तक लगभग 350 बच्चों का जन्म भी हो चुका है. हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल में को इन दिनों कोविड-19 अस्पताल के रूप में घोषित किया गया है. 8 अप्रैल से यहां ओपीडी की सुविधा बंद है. जिला प्रशासन की ओर से श्री निवास अस्पताल में वैकल्पिक व्यवस्था की गई है.

अगर अप्रैल माह की बात की जाए तो 231 बच्चों की नार्मल डिलीवरी से जन्म हुआ है वहीं 112 ऑपरेशन से. डॉ. स्नेहलता का का कहना है कि जब से वैकल्पिक व्यवस्था जिला प्रशासन की ओर से की गईं हैं, एहतियात के तौर पर विशेष इंतजाम किए हैं. कोई भी व्यक्ति या मरीज अस्पताल परिसर के अंदर प्रवेश करता है तो उसका थर्मल स्कैनर से जांच की जाती है.

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अगर कोई लक्षण मिलते हैं तो वरीय अधिकारी को जानकारी देते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि हजारीबाग में 3 मरीज जब से पॉजिटिव आए हैं, उस क्षेत्र पर विशेष नजर रखी जा रही है.

ऐसे में बड़कागांव से एक महिला को डिलीवरी के लिए लाया गया था. महिला ने स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया है, लेकिन एहतियात के तौर पर उसका सैंपल जांच के लिए भेजा हैं और ऑपरेशन करने के समय पीपी किट का उपयोग किया, ताकि खुद को भी सुरक्षित रखा जा सके.

डॉक्टरों का यह भी कहना है कि अस्पताल प्रबंधन की ओर से सभी मरीजों को सैनिटाइजर और मास्क भी दिया है. मरीज अपने बेड पर भी मास्क लगाते हैं और जो भी उनसे मिलने आते हैं पहले उनको सैनिटाइज गेट पर ही किया जाता है तब प्रवेश दिया जाता है.

लॉकडाउन के दौरान भी कई घरों में खुशी आईं हैं. ऐसे में जिला प्रशासन सभी मरीजों को आश्वस्त किया है कि उनके इलाज में किसी भी तरह की कोताही नहीं बरती जाएगी वे भी अस्पताल प्रबंधन को मदद करें.

Last Updated : May 4, 2020, 3:41 PM IST
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