हजारीबाग: एक ओर जहां पूरा देश कोरोना महामारी का दंश झेल रहा है. इस महामारी से निपटने के लिए भारत सरकार और राज्य सरकार स्वास्थ्य सुविधा को बेहतर करने की जद्दोजहद कर रही है. लेकिन कई स्वास्थ्यकर्मी सरकार की कोशिशों को पलीता लगाने में जुटे हैं. हाल यह है कि बड़कागांव में लाखों रुपये की दवाई हहारो नदी के मंजिला बाला की झाड़ियों में फेंकी मिली हैं. फेंकी गई दवा में आयरन की गोली और ओआरएस के सैकड़ों पैकेट हैं. जानकारों की माने तो फेंकी गई दवाओं की कीमत लाखों रुपये है. इसमें नॉट फॉर सेल और स्वास्थ्य विभाग का लेबल लगा हुआ है.
इसे भी पढ़ें- गिरिडीह में जीवनरक्षक दवाओं की किल्लत खत्म, शहरी क्षेत्र में 24 घंटे चल रहीं हैं छह दुकान
पहले भी दवा की गई बर्बाद
बड़कागांव में यह कोई नया मामला नहीं है कि दवा मरीजों को वितरित न कर झाड़ियों, नदी और नालों फेंकी गई हो. कई बार पूर्व में भी झाड़ियों में सरकारी दवा फेंक दी जाती रही है. इससे पूर्व 11 महीना पहले भी लाखों रुपये की दवा बड़कागांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में ही जला देने का मामला प्रकाश में आया था. यह खबर मीडिया में बखूबी दिखाई गई थी.
उच्चस्तरीय जांच की मांग
फेंकी गई दवाओं का मामला सामने आने पर भाजपा जिला सोशल मीडिया प्रभारी शिवशंकर उर्फ शिबू मेहता और उदय मेहता ने कहा कि बड़कागांव अस्पताल के स्वास्थ्यकर्मियों की लापरवाही दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. दवा मरीजों के बीच नहीं बांटी गई और झाड़ियों में फेंक दी गई. जिससे सरकार को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है. आगे उन्होंने कहा कि इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए और संबंधित व्यक्ति को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए.
इस संबंध में बड़कागांव चिकित्सा प्रभारी डॉ. बीएन प्रसाद ने बताया कि मामला संज्ञान में आने के बाद इसकी जांच की जाएगी. कौन से सेंटर से दवा निकली है और क्यों फेंकी गई है.