हजारीबागः जिला के बड़कागांव, चुरचू, आंगो, केरेडारी, विष्णुगढ़ के कई ठिकानों पर इन दिनों अवैध कोयला का खदान संचालित है. यहां से अवैध कोयला का कारोबार धड़ल्ले से जारी है. आलम यह है कि अब कोयला की चोरी की बात आम जनता भी करने लगे है. स्थानीय जिला प्रशासन कोयला चोरी को रोकने में नाकामयाब साबित हो रही है या कहा जाए तो कोयला चोरी में उनकी मौन सहमति है. ऐसे में विगत जिला मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर दूर आंगो थाना क्षेत्र के सिसामो गांव में रांची मुख्यालय के हस्तक्षेप के बाद छापेमारी की गयी, जहां से 500 टन कोयला जब्त किया गया.
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हजारीबाग में अवैध कोयला का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है. कई इलाकों में अवैध कोयला डंप कर वहां से माफिया काली कमाई करने में जुटे हैं. वहीं हजारीबाग में अवैध खदान से कोयला की चोरी भी भारी मात्रा में की जा रही है. ईटीवी भारत की टीम ग्राउंड जीरो की पूरी तस्वीर से आपको रूबरू करवा रही है, जहां अवैध कोयला का डंप किया गया था. जिला के आंगो थाना अंतर्गत कोयला का अवैध उत्खनन हो रहा है. जहां लगभग 100 ट्रेक्टर कोयला ढोने के लिए लगाए गए हैं. कोयला उत्खनन क्षेत्र से निकाल कर सीसामो जंगल में डंप किया जाता है.
इलाके के सीसामो जंगल को अवैध कोयला का डंप एरिया बनाया गया है. यहां से ट्रक के जरिए कोयला बिहार और उत्तर प्रदेश के मंडी में भेजा जाता है. इस अवैध कारोबार में सफेदपोश नेता से लेकर वर्दीधारियों की भी संलिप्तता बताई जा रही है. हजारीबाग में जिस तरह से कोयला का बदस्तूर गोरखधंधा चल रहा है और स्थानीय पुलिस अवैध उत्खनन को रोकने का दावा करती रही है. लेकिन इन दावों के बीच में भी अवैध व्यापार चल रहा है. ऐसे में इसकी गुप्त सूचना रांची मुख्यालय की मिली तो पूरी पोल खुल गयी.
रांची की टीम ने हजारीबाग में आकर इन इलाकों में छापेमारी की. जिसमें 500 टन कोयला जंगल से जब्त किया गया. वहीं इस छापेमारी को लेकर स्थानीय पुलिस प्रशासन का कहना है कि उनके द्वारा कोयला छापेमारी कर जब्त किया गया है. ऐसे में यह सवाल खड़ा होता है कि थाना से महज 7 किलोमीटर की दूरी में कोयला का अवैध व्यापार चल रहा था और ट्रैक्टर कोयला ढोने में लगाए गए थे. इसकी जानकारी प्रशासन तक क्यों नहीं पहुंची और समय रहते कार्रवाई क्यों नहीं की गयी.
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इसको लेकर ग्रामीणों का कहना है कि पिछले कई महीनों से यहां कोयला डंप किया जा रहा है. कोयला डंप एक जगह नहीं बल्कि जंगल के कई इलाकों में किया जा रहा है. रात के वक्त बड़े-बड़े ट्रक आते हैं और कोयला ट्रकों से ले जाते हैं. कौशल सिंह और अर्जुन सिंह पर कोयला चोरी और अवैध उत्खनन को लेकर मामला दर्ज किया गया है. पुलिस कोयला जब्त कर थाना ले आई है और आगे की कार्रवाई चल रही है.
स्थानीय लोगों का कहना है कि ग्रामीणों के द्वारा अवैध उत्खनन का कार्य कराया जाता है. गांव के लोग जिनके पास ट्रैक्टर है वह कोयला ढोने का काम करते हैं. एक ट्रिप पर 4 हजार रुपया मिलता है. 1 ट्रैक्टर से दो से तीन ट्रिप कोयला ढोता है. ऐसे में ट्रैक्टर मालिकों का भी कमाई क्षेत्रों में बढ़ गयी है. अवैध कोयला डंप घनघोर जंगल के बीच में किया जा रहा है ताकि इसकी सूचना किसी और को ना हो. जब कोयला ढुलाई का वक्त आता है तो सभी का मोबाइल भी जब्त कर लिया जाता है.