हजारीबाग: जिले को एक और उपलब्धि मिली है. इस बार बाजार समिति ने पूरे देश में एफपीओ से डिजिटल भुगतान में पहला स्थान प्राप्त किया है. फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन से व्यापार करने और डिजिटल भुगतान में झारखंड के हजारीबाग कृषि बाजार समिति ने देश की मंडियों में पहला स्थान प्राप्त किया है. यह स्थिति वित्तीय वर्ष 2020-21 में हुए डिजिटल भुगतान के आंकड़ों के अनुसार है.
एफपीओ से डिजिटल भुगतान में पहला स्थान
हजारीबाग कृषि प्रधान क्षेत्र है. ऐसे में अगर कृषि के क्षेत्र में यह पूरे देश भर में सुर्खियां पाता है तो मान सम्मान में और भी अधिक वृद्धि होती है. इस बार हजारीबाग बाजार समिति ने पूरे देश में एफपीओ से डिजिटल भुगतान में पहला स्थान प्राप्त किया है. दूसरे स्थान पर तमिलनाडु के कमबम मंडी है. हजारीबाग बाजार समिति ने एफपीओ के माध्यम से 1करोड़ 11 लाख रुपए का व्यापार किया है. जिसमें 93 लाख 46 हजार से अधिक का भुगतान डिजिटल रूप में हुआ है.
किसानों ने हासिल किया मुकाम
एफपीओ यानी किसान उत्पादक संगठन किसानों का एक समूह होता है. जिसका उद्देश्य छोटे और मझोले किसानों को एक समूह में जोड़ना है. एफपीओ कृषि से जुड़े तमाम व्यावसायिक गतिविधियों को संचालित करता है. ऐसे में बाजार समिति के सचिव राकेश सिंह कहते हैं कि यह सब यहां के किसानों की जागरूकता का ही परिणाम है. मैंने किसानों को एक रास्ता दिखाया और किसानों ने उस रास्ते पर जा कर यह मुकाम हासिल किया है. मुख्य रूप से धान, टमाटर और तरबूज में यह कीर्तिमान स्थापित किया गया है.
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झारखंड में 19 मंडियां
पूरे देश में 1000 कृषि मंडी और झारखंड में 19 मंडियां ई-नाम से जुड़ी हैं. हजारीबाग में 8 एफपीओ से करीब ढ़ाई हजार किसान जुड़े हुए हैं. पूरे देश में ई-नाम से एफपीओ के माध्यम से व्यापार करने और डिजिटल भुगतान में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले कृषि बाजार समिति के सचिव ने कहा है कि आने वाले समय में हम लोग और भी अधिक एफपीओ का गठन करने की कोशिश कर रहे हैं. इस बाबत किसानों को भी जागरूक किया जा रहा है. वहीं बड़कागांव के एफपीओ संचालक का कहना है कि 650 से अधिक किसान हमारे ग्रुप में हैं. जो अपना उपजाया हुआ अनाज ऑनलाइन ई-नाम के जरिए बेच रहे हैं. हम लोगों को इससे फायदा भी हो रहा है और पैसा सीधे हमारे अकाउंट में आ रहा है.
अन्य बाजार समिति के लोग भी हो शामिल
एफपीओ संचालन को लेकर हजारीबाग ने जो कीर्तिमान स्थापित किया है. वह अन्य बाजार समिति के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन सकता है. जरूरत है अन्य बाजार समिति को हजारीबाग आकर प्रेरणा लेने की. साथ ही साथ जमीनी स्तर पर जाकर देखने की आखिर कैसे यह संगठन इतना अच्छा से काम कैसे कर रहा है.