हजारीबाग: नौनिहालों को पढ़ाई करने के लिए आंगनबाड़ी केंद्र की स्थापना की गई है. अब यह आंगनबाड़ी केंद्र प्री नर्सरी स्कूल के रूप में जाना जा रहा है, जिसे सरकार पैसा खर्च करके अपडेट कर रही है, ताकि बच्चों को अच्छी पढ़ाई के साथ-साथ पौष्टिक भोजन भी मिले. चौपारण प्रखंड के बेढना बारा में एक ऐसा आंगनबाड़ी कैंद्र है, जहां मृत आत्मा की शांति के लिए शिलापट्ट लगाए जाते हैं. मानों आंगनबाड़ी नहीं, बल्कि श्मशान घाट हो.
हजारीबाग के चौपारण प्रखंड में आंगनबाड़ी केंद्र के आसपास मृत आत्मा की शांति के लिए उनके परिजनों ने शिलापट्ट निशानी के तौर पर बना दिया है. जिस आंगनबाड़ी केंद्र में नौनिहाल पढ़ाई करने के लिए पहुंचते हैं, वहां उन्हें चारों ओर मृत लोगों के नाम लगे पट को पार करके पहुंचना पड़ता है. ऐसे में स्थानीय लोगों का भी कहना है कि उन्हें इससे भय लगता है, क्योंकि जिला प्रशासन ने आंगनबाड़ी केंद्र बनाने के समय इस बात का ध्यान नहीं दिया. आज भी गांव के लोग यहां शिलापट लगाते हैं, जो उनके पूर्वजों की निशानी है.
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लोगों को रहता है अनहोनी होने का डर
वहीं, आंगनबाड़ी सेविका बताती है कि उनलोगों को यहां काफी डर लगता है. बच्चे भी अक्सर इन शिलापट्ट पर बैठ जाते हैं. ऐसे में कुछ अनहोनी होने का भी डर लगा रहता है. आने वाले समय में यहां पढ़ाई भी शुरू होने वाली है. ऐसे में भय लगा रहता है कि जिला प्रशासन को यहां से आंगनबाड़ी केंद्र को हटाकर कहीं और बनाना चाहिए. मामले में चौपारण सीडीपीओ ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्र के आसपास मृत लोगों के नाम के शिलापट लगाए जा रहे हैं, क्योंकि बगल में श्मशान है. उन्होंने कहा कि बहुत जल्द इसकी जांच कर करवाई की जाएगी, ताकि बच्चों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े.