हजारीबाग: जिला प्रशासन और सीसीएल के बीच में 61 आंगनबाड़ी केंद्र को मॉडर्न आंगनबाड़ी केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए एमओयू हुआ है. अब ग्रामीण क्षेत्र के आंगनबाड़ी स्कूल को विकसित किया जाएगा. इसका लाभ समाज के वैसे तबके को होगा जो अपने बच्चे को आंगनबाड़ी पढ़ाई के लिए भेजते हैं. इसके पहले भी हजारीबाग जिला में कई आंगनबाड़ी को डीएमएफटी फंड के जरिए मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र के रूप में विकसित किया जा चुका है.
उपायुक्त डॉ. भुवनेश प्रताप सिंह की अध्यक्षता में बुधवार को उपायुक्त कार्यालय में जिला स्तरीय सीएसआर समिति की बैठक संपन्न हुई. बैठक में हज़ारीबाग़ जिलान्तर्गत 12 परियोजनाओं के कुल 61 आंगनवाड़ी केंद्रों को मॉडल आंगनवाड़ी केंद्र के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया गया. इस संबंध में उपायुक्त हजारीबाग की उपस्थिति में एसडी एंड सीएसआर, सीसीएल, रांची के महाप्रबंधक अनिल कुमार सिंह और उपायुक्त के प्रतिनिधि के रूप में जिला समाज कल्याण पदाधिकारी शिप्रा सिन्हा के बीच एमओयू समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान हुआ.
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इस अवसर पर उपायुक्त ने बताया कि सीएसआर के तहत 61 आंगनबाड़ी केंद्रों को मॉडल आंगनवाड़ी केंद्र के रूप में विकसित कराए जाने के लिए सीसीएल द्वारा प्रति केंद्र 1.50 लाख रुपये की राशि उपलब्ध कराई जाएगी. इसका लाभ समाज के वैसे तबके को होगा जो आंगनबाड़ी में अपने नौनिहाल को शिक्षा लेने के लिए भेजते हैं. इस मौके पर सीसीएल की ओर से मुख्य प्रबंधक, सीएसआर एस.एस.लाल और जिला प्रशासन की तरफ से जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी संजय प्रसाद हजारीबाग मौजूद थे.