हजारीबाग: कोरोना संक्रमित मरीज जब स्वस्थ होता है और अपने घर जाता है तो उसके चेहरे की खुशी देखने लायक होती है. अगर कोई बच्चा हो तो उसकी खुशी दोगुनी हो जाती है. कुछ ऐसा ही हजारीबाग में देखने को मिला. जब 10 साल का बच्चा स्वस्थ होकर अपने घर चला गया. जाने के दौरान बच्चे ने कहा कि अब घर में मजा आएगा. दिल्ली से आने के बाद यह बच्चा अपने घर नहीं गया और सीधे हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाया. जहां उसका इलाज चल रहा था. इसके साथ उसकी मां भी थी. वह भी स्वस्थ होकर पहले ही घर जा चुकी है.
ये भी पढ़ें: मानसून ने झारखंड में दी दस्तक, झारखंड के अधिकतर हिस्सों में छाए रहेंगे बादल
हजारीबाग में स्वस्थ मरीजों का रिकवरी रेट 84 प्रतिशत हो गया है. ऐसे में हजारीबाग के डॉक्टर काफी उत्साहित हैं. उनका कहना है कि हम लोगों के लिए यह उत्साह भरा पल है कि जो भी मरीज आ रहे हैं उन्हें हम स्वस्थ करके भेज रहे हैं. जहां एक ओर डॉक्टरों का अथक प्रयास है तो दूसरी ओर हमारे मरीज भी काफी अधिक सकारात्मक सोच वाले हैं. इसका भी हमें परिणाम मिल रहा है. वही जो भी मरीज आए हैं उनका इम्यून सिस्टम काफी अच्छा है. इस कारण एक भी व्यक्ति की यहां मृत्यु नहीं हुई है. हजारीबाग में संक्रमित मरीजों का रिकवरी रेट काफी अच्छा है. इसका श्रेय यहां के डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों को जाता है. समाज के हर एक तबके को डॉक्टरों के उत्साह को बढ़ाने की जरूरत है.