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त्रासदी काल में खुद को अपडेट कर रहा स्वास्थ्य विभाग, हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल में लगेगा 12 वेंटिलेटर - हजारीबाग मेडिकल कॉलेज खुद को अपडेट कर रहा

कोरोना संक्रमण के कारण पूरा सिस्टम धराशायी हो रहा है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग खुद को दुरुस्त करने में भी जुटा हुआ है. हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल जिसे कोविड अस्पताल के रूप में चिन्हित किया गया है. वो भी खुद को अपडेट करने में लगा हुआ है. जिला प्रशासन इस पर पहल करते हुए अस्पताल में 12 वेंटिलेटर लगाने जा रहा है.

12 ventilators will be installed in Hazaribag Medical College Hospital
हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल
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Published : Jun 16, 2020, 11:50 AM IST

हजारीबाग: त्रासदी काल इंसान को बहुत कुछ सिखा जाती है. कोरोना ने भी पूरे देश को यह सीख दे दिया है कि हमें अपने स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त रखने की जरूरत है, ताकि अच्छी स्वास्थ्य सेवा हम अपने लोगों को दे सकें. ऐसे में हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल भी खुद को अपडेट कर रहा है. आने वाले समय में 12 वेंटीलेटर अस्पताल में लगाए जाएंगे. इससे 12 आईसीयू बेड का एक यूनिट तैयार किया जाएगा.

देखें पूरी खबर
कोरोना संक्रमण के कारण पूरा सिस्टम धराशायी हो रहा है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग खुद को दुरुस्त करने में भी जुटा हुआ है. हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल जिसे कोविड अस्पताल के रूप में चिन्हित किया गया है. वो भी खुद को अपडेट करने में लगा हुआ है. जिला प्रशासन ने इस पर पहल करते हुए अस्पताल में 12 वेंटिलेटर लगाने का फैसला किया है. 4 वेंटीलेटर डीएमएफटी फंड से पहले ही आ चुका है. अब 8 वेंटिलेटर सार्वजनिक उपक्रम और नवरत्न कंपनी एनटीपीसी ने हजारीबाग मेडिकल कॉलेज को प्रदान की गई है. इसके साथ ही एनटीपीसी हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल के आईसीयू में सेंट्रलाइज ऑक्सीजन पाइप लाइन लगवाने जा रहा है. 12 वेंटिलेटर लग जाने के बाद हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल में आईसीयू की सेवा शुरू कर दी जाएगी.

ये भी पढ़ें- बच्चों की पढ़ाई की भरपाई के लिए सरकार गंभीर, विभाग कर रहा मंथन

हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल में चतरा, कोडरमा और रामगढ़ जिले के मरीज आते हैं. ऐसे में एक भी वेंटिलेटर की सुविधा नहीं थी. 12 वेंटीलेटर मिल जाने के बाद मरीजों को अच्छी स्वास्थ्य सेवा मिल पाएगी. इस बाबत एनटीपीसी लगभग 59 लाख रुपए का वेंटिलेटर अस्पताल प्रबंधन को दिया है. इसे लेकर मेडिकल वार्ड के पहले तल्ले में 12 बेड भी तैयार किया जा रहा है. सारे मशीन भी आ चुके हैं और वहां ऑक्सीजन पाइप लगाने की व्यवस्था की जा रही है. इस बाबत दो डॉक्टर्स को यह जिम्मेवारी दी गई है कि वह अपनी देखरेख में वेंटीलेटर लगवाएं. डॉक्टरों का कहना है कि यह सुविधा मिल जाने के बाद हजारीबाग के मरीज को बाहर भेजने की जरूरत नहीं होगी और हम अच्छे स्वास्थ्य सुविधा दे पाएंगे.

हजारीबाग: त्रासदी काल इंसान को बहुत कुछ सिखा जाती है. कोरोना ने भी पूरे देश को यह सीख दे दिया है कि हमें अपने स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त रखने की जरूरत है, ताकि अच्छी स्वास्थ्य सेवा हम अपने लोगों को दे सकें. ऐसे में हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल भी खुद को अपडेट कर रहा है. आने वाले समय में 12 वेंटीलेटर अस्पताल में लगाए जाएंगे. इससे 12 आईसीयू बेड का एक यूनिट तैयार किया जाएगा.

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कोरोना संक्रमण के कारण पूरा सिस्टम धराशायी हो रहा है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग खुद को दुरुस्त करने में भी जुटा हुआ है. हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल जिसे कोविड अस्पताल के रूप में चिन्हित किया गया है. वो भी खुद को अपडेट करने में लगा हुआ है. जिला प्रशासन ने इस पर पहल करते हुए अस्पताल में 12 वेंटिलेटर लगाने का फैसला किया है. 4 वेंटीलेटर डीएमएफटी फंड से पहले ही आ चुका है. अब 8 वेंटिलेटर सार्वजनिक उपक्रम और नवरत्न कंपनी एनटीपीसी ने हजारीबाग मेडिकल कॉलेज को प्रदान की गई है. इसके साथ ही एनटीपीसी हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल के आईसीयू में सेंट्रलाइज ऑक्सीजन पाइप लाइन लगवाने जा रहा है. 12 वेंटिलेटर लग जाने के बाद हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल में आईसीयू की सेवा शुरू कर दी जाएगी.

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हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल में चतरा, कोडरमा और रामगढ़ जिले के मरीज आते हैं. ऐसे में एक भी वेंटिलेटर की सुविधा नहीं थी. 12 वेंटीलेटर मिल जाने के बाद मरीजों को अच्छी स्वास्थ्य सेवा मिल पाएगी. इस बाबत एनटीपीसी लगभग 59 लाख रुपए का वेंटिलेटर अस्पताल प्रबंधन को दिया है. इसे लेकर मेडिकल वार्ड के पहले तल्ले में 12 बेड भी तैयार किया जा रहा है. सारे मशीन भी आ चुके हैं और वहां ऑक्सीजन पाइप लगाने की व्यवस्था की जा रही है. इस बाबत दो डॉक्टर्स को यह जिम्मेवारी दी गई है कि वह अपनी देखरेख में वेंटीलेटर लगवाएं. डॉक्टरों का कहना है कि यह सुविधा मिल जाने के बाद हजारीबाग के मरीज को बाहर भेजने की जरूरत नहीं होगी और हम अच्छे स्वास्थ्य सुविधा दे पाएंगे.

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