गुमला: जिले के डुमरी प्रखण्ड क्षेत्र में स्थित बाबा टांगीनाथ धाम में एक और प्राचीन शिवलिंग का प्रादुर्भाव हुआ है. कोरोना महामारी के इस दौर में लोग जहां डरे और सहमे हुए हैं, ग्रामीण रामशरण मलार झरना के किनारे खुदाई कर रहा था, खुदाई के क्रम में उसे शिवलिंग का एक छोटा सा अंश दिखा उत्सुकता वश उसने वहां पर और खुदाई करना शुरू किया तो आगे खुदाई करने पर उसे शिवलिंग का अरघा दिखाई पड़ने लगा. इसकी सूचना उसने अपने गांव के ग्रामीणों और बाबा टांगीनाथ धाम के मुख्य पुजारी रामकृपाल बैगा को दी.
जिसके बाद सभी लोगों ने मिलकर साफ-सफाई की. वहां पर अच्छे से धुलाई और सफाई के बाद बाबा टांगीनाथ धाम के मुख्य पुजारी रामकृपाल बैगा ने शिवलिंग की पूजा अर्चना की और ग्रामीणों में प्रसाद का वितरण किया. इसके साथ ही महादेव से इस महामारी काल में सबकी रक्षा करने की प्रार्थना की.
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मुख्य पुजारी रामकृपाल बैगा का कहना है कि जमीन में धसे रहने और जल के निरंतर संपर्क में रहने के कारण शिवलिंग क्षतिग्रस्त हो गया है, लेकिन इसका अरघा अभी भी सुरक्षित है. उनका कहना है कि इस शिवलिंग का कालक्रम क्या होगा यह शोध का विषय है. उन्होनें कहा कि गुमला प्रशासन और राज्य के पुरातात्विक विभाग से आग्रह करंगे की टांगीनाथ के शिवलिंगों और त्रिशूल के कालक्रम का सही जांच कर लोगों तक सही जानकारी लाने की कृपा की जाए.