गुमला: झारखंड में नक्सल बड़ी समस्या है इसे खत्म करने के लिए नक्सलियों के गढ़ में पुलिस सिविक एक्शन प्लान के तहत कार्यक्रम कर रही है. गुमला चैनपुर प्रखंड के घोर नक्सल प्रभावित सिविल गांव में अक्सर भाकपा माओवादी जनअदालत लगाते थे और अपनी फरमान सुनाते थे. उसी स्थान पर गुमला पुलिस और सीआरपीएफ 218 बटालियन ने ग्रामीणों के साथ बैठक की. इस दौरान मेडिकल शिविर लगा कर ग्रामीणों के स्वास्थ्य जांच कर नि:शुल्क दवा का वितरण किया गया. जरूरतमंदों के बीच कंबल, धोती, साड़ी, स्कूल बैग का वितरण किया गया.
सिविल गांव में अक्सर गोलियों की तड़तड़ाहट सुनाई देती थी. लेकिन अब इस गांव की फिजा बदली हुई दिख रही है. मंगलवार को गांव में गोलियों की आवाज की जगह नागपुरी गीत की धुन पर लोग नाचते-गाते नजर आए. कल तक जो ग्रामीण पुलिस और सीआरपीएफ को देखकर घरों में छिप जाते थे. आज उस गांव के लोग पुलिस के साथ नाचते गाते दिखे. ग्रामीण खुल कर पुलिस को अपनी समस्याएं बता रहे थे. पुलिस के अधियारियों ने भी ग्रामीणों को सुरक्षा का भरोसा दिया.
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दरअसल, पुलिस सिविक एक्शन प्लान के तहत कार्यक्रम एसपी डॉ एहतेशाम वकारीब और सीआरपीएफ 218 बटालियन के कमांडेंट अनिल मिंज सिविल गांव में पहुंचे थे. इस दौरान अधिकारियों ने ग्रामीणों को सुरक्षा का भरोसा दिया साथ ही नक्सलियों को संरक्षण नहीं देने और किसी प्रकार की भी सूचना तुरंत पुलिस को देने की अपील की, ताकि अगर गांव में नक्सली घुसे तो पुलिस उचित कार्रवाई कर सके. सिविक एक्शन प्लान के तहत ग्रामीणों का दु:ख-दर्द सुनने के बाद अधिकारियों ने सिविल गांव में गरीब परिवारों की मदद की और ग्रामीणों के बीच जरूरत की सामग्री का वितरण किया गया.
वहीं, खूंटी में फूदी स्थित कोबरा 209 बटालियन ने पुलिस सिविक एक्शन प्लान के तहत कार्यक्रम किया और जरूरतमंदों को चावल, दाल, तेल, मसाला, साबुन, मास्क और सैनिटाइजर का वितरण किया. इस दौरान गांव के बुजुर्गों के बीच कंबल और रेडियो का भी वितरण किया गया.