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गुमला में शहीद संतोष उरांव की अंतिम यात्रा, तुरियादिह गांव में डीसी और एसपी ने दी श्रद्धांजलि

Tribute to martyred Jawan Santosh Oraon in Gumla. चाईबासा में आईईडी ब्लास्ट में शहीद जवान संतोष उरांव का पैतृक गांव गुमला में अंतिम संस्कार किया गया. तुरियादिह गांव में डीसी और एसपी ने श्रद्धांजलि दी.

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गुमला में शहीद जवान संतोष उरांव को श्रद्धांजलि
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Nov 18, 2023, 3:34 PM IST

Updated : Nov 18, 2023, 3:47 PM IST

गुमला में शहीद जवान संतोष उरांव को श्रद्धांजलि

गुमलाः पश्चिमी सिंहभूम जिला में गोईलकेरा थाना क्षेत्र के हाथीबेड़ा जंगल में आईईडी ब्लास्ट में शहीद जवान संतोष उरांव का पार्थिव शरीर शनिवार को उनके पैतृक गांव लाया गया. जहां गुमला डीसी करण सत्यार्थी और एसपी हरविंदर सिंह तुरियादिह गांव पहुंच शहीद जवान को श्रद्धा सुमन अर्पित किया. गांव का पूरा वातावरण गमगीन हो गया और लोगों की आंखों से आंसू बहते नजर आए.

इसे भी पढ़ें- शहीद जवान संतोष उरांव को राज्यपाल-सीएम ने दी श्रद्धांजलि, नम हुई सभी की आंखें

गुमला जिले के घाघरा थाना क्षेत्र के ग्राम तुरियाडीह गांव निवासी सीआरपीएफ जवान संतोष उरांव ने देश की सेवा में अपने जीवन का सर्वोच्च बलिदान दिया. चाईबासा के गोईलकेरा थाना क्षेत्र में नक्सलियों के द्वारा लगाए गए आईईडी के विस्फोट में संतोष उरांव शुक्रवार को शहीद हो गए. तुरियादिह गांव में शहीद जवान की अंतिम यात्रा में भारी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ी. इसके अलावा शासन प्रशासन के आला अधिकारी भी इस यात्रा में शामिल हुए. शहीद जवान को अंतिम सलामी भी दी गई. वहीं अंतिम दर्शन पाने को लेकर हजारों की संख्या में लोग पहुंचे. इसके साथ ही सीआरपीएफ के भी कई अधिकारी गांव पहुंचे.

शहीद संतोष उरांव अपने पीछे माता, पत्नी दो बच्चे छोड़ गये हैं. शहीद जवान के छोटे भाई सतराम उरांव ने बताया कि उनके भाई ने 2014 में सीआरपीएफ में योगदान देना शुरू किया था. 2017 में उनका विवाह हुआ था. सीआरपीएफ 133 बटालियन में नौकरी लगने के बाद संतोष अपने परिवार रांची के साथ दलादिलली चौक में रहते थे. खूंटी में उनकी पोस्टिंग थी और एक माह पूर्व वे नक्सलियों के विरुद्ध चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत पश्चिमी सिंहभूम गए थे. एक माह बाद छुट्टी में घर गये और महीने भर बाद लौटने की बात कहकर वह ड्यूटी के लिए निकले थे. भाई सतराम उरांव ने बताया कि 4 नवंबर 2023 को वे घर आये थे, जिसके बाद 14 नवंबर 2023 को वह दोबारा ड्यूटी पर वापस लौट गये.

डीसी और एसपी ने शहीद हुए जवान की माता और उनकी पत्नी व भाई को ढांढस बंधाया और हरसंभव मदद का भरोसा दिया. साथ ही आर्थिक सहयोग के रूप में एक लाख का चेक भी जिला प्रशासन द्वारा दिया गया. शहीद जवान के छोटे भाई सतराम उरांव ने अपने भाई की प्रतिमा घाघरा में लगवाने की बात कही. जिस पर डीसी और एसपी ने कहा कि जल्द ही यह प्रक्रिया पूरी की जाएगी. किसी भी तरह की परेशानी में हरसंभव मदद का आश्वासन जिला प्रशासन द्वारा दिया गया है.

गुमला में शहीद जवान संतोष उरांव को श्रद्धांजलि

गुमलाः पश्चिमी सिंहभूम जिला में गोईलकेरा थाना क्षेत्र के हाथीबेड़ा जंगल में आईईडी ब्लास्ट में शहीद जवान संतोष उरांव का पार्थिव शरीर शनिवार को उनके पैतृक गांव लाया गया. जहां गुमला डीसी करण सत्यार्थी और एसपी हरविंदर सिंह तुरियादिह गांव पहुंच शहीद जवान को श्रद्धा सुमन अर्पित किया. गांव का पूरा वातावरण गमगीन हो गया और लोगों की आंखों से आंसू बहते नजर आए.

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गुमला जिले के घाघरा थाना क्षेत्र के ग्राम तुरियाडीह गांव निवासी सीआरपीएफ जवान संतोष उरांव ने देश की सेवा में अपने जीवन का सर्वोच्च बलिदान दिया. चाईबासा के गोईलकेरा थाना क्षेत्र में नक्सलियों के द्वारा लगाए गए आईईडी के विस्फोट में संतोष उरांव शुक्रवार को शहीद हो गए. तुरियादिह गांव में शहीद जवान की अंतिम यात्रा में भारी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ी. इसके अलावा शासन प्रशासन के आला अधिकारी भी इस यात्रा में शामिल हुए. शहीद जवान को अंतिम सलामी भी दी गई. वहीं अंतिम दर्शन पाने को लेकर हजारों की संख्या में लोग पहुंचे. इसके साथ ही सीआरपीएफ के भी कई अधिकारी गांव पहुंचे.

शहीद संतोष उरांव अपने पीछे माता, पत्नी दो बच्चे छोड़ गये हैं. शहीद जवान के छोटे भाई सतराम उरांव ने बताया कि उनके भाई ने 2014 में सीआरपीएफ में योगदान देना शुरू किया था. 2017 में उनका विवाह हुआ था. सीआरपीएफ 133 बटालियन में नौकरी लगने के बाद संतोष अपने परिवार रांची के साथ दलादिलली चौक में रहते थे. खूंटी में उनकी पोस्टिंग थी और एक माह पूर्व वे नक्सलियों के विरुद्ध चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत पश्चिमी सिंहभूम गए थे. एक माह बाद छुट्टी में घर गये और महीने भर बाद लौटने की बात कहकर वह ड्यूटी के लिए निकले थे. भाई सतराम उरांव ने बताया कि 4 नवंबर 2023 को वे घर आये थे, जिसके बाद 14 नवंबर 2023 को वह दोबारा ड्यूटी पर वापस लौट गये.

डीसी और एसपी ने शहीद हुए जवान की माता और उनकी पत्नी व भाई को ढांढस बंधाया और हरसंभव मदद का भरोसा दिया. साथ ही आर्थिक सहयोग के रूप में एक लाख का चेक भी जिला प्रशासन द्वारा दिया गया. शहीद जवान के छोटे भाई सतराम उरांव ने अपने भाई की प्रतिमा घाघरा में लगवाने की बात कही. जिस पर डीसी और एसपी ने कहा कि जल्द ही यह प्रक्रिया पूरी की जाएगी. किसी भी तरह की परेशानी में हरसंभव मदद का आश्वासन जिला प्रशासन द्वारा दिया गया है.

Last Updated : Nov 18, 2023, 3:47 PM IST

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