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पाकिस्तान से हुई गोलीबारी में गुमला का लाल हुआ शहीद, अंतिम यात्रा में उमड़ा जन सैलाब - गुमला में शहीद की अंतिम यात्रा

पाकिस्तान की ओर से 12 अक्टूबर को हुई गोलीबारी में गुमला के रहने वाले संतोष गोप शरीद हो गए. मंगलवार को जब उनके पार्थिव शरीर को उनके घर लाया गया तो पूरा माहौल गमगीन हो गया. शहीद संतोष गोप की अंतिम यात्रा में हजारों लोगों ने भाग लिया.

गुमला का संतोष गोप शहीद
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Published : Oct 15, 2019, 6:19 PM IST

Updated : Oct 16, 2019, 12:41 PM IST

गुमला : जम्मू कश्मीर के बारामूला जिला के रुस्तम पोस्ट में तैनात आर्मी जवान संतोष गोप शहीद हो गए. संतोष गोप गुमला जिला के बसिया थाना क्षेत्र के टेंगरा गांव के रहने वाले थे. शहीद होने के 3 दिन के बाद मंगलवार को जैसे ही उनका पार्थिव शरीर उनके गांव पहुंचा तो पूरे गांव में भारत माता की जय, शहीद संतोष गोप अमर रहे , हिंदुस्तान जिंदाबाद, पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे गूंजने लगे.

देखें पूरी खबर

शहीद जवान के पार्थिव शरीर को उनके साथी जवानों ने अपने कंधों पर लाकर जैसे ही घर के आंगन में पहुंचे, वैसे ही उनके परिजनों, ग्रामीणों और छोटे-छोटे बच्चों की चीत्कार से पूरा माहौल गमगीन हो गया. बच्चों के चीत्कार सुनकर वहां मौजूद जवानों के आंखों में भी आंसू छलक आए. उधर शहीद संतोष गोप की मां अपने बेटे की शहादत की खबर सुनकर बुरा हाल है. बार-बार वह अपने बेटे को याद कर बेहोश हो जा रही है.

पिता ने दी मुखाग्नि

शहीद संतोष गोप को जब उनके बूढ़े पिता अंतिम बार पानी देने के लिए आगे बढ़े तो उनके पैर लड़खड़ा गए. बूढ़े पिता ने लड़खड़ाते पैरों से चलकर और कांपते हाथों से अपने जिगर के टुकड़े को अंतिम विदाई दी. शहीद संतोष गोप को श्रद्धांजलि देने वालों का गांव में तांता लगा हुआ था.

शहीद की यात्रा में शामिल हुए हजारों लोग
घर के आंगन से जब शहीद की अंतिम यात्रा निकली तो उसमें हजारों लोग शामिल हए. शहीद संतोष गोप के अंतिम विदाई में सूबे के विधानसभा स्पीकर सह स्थानीय विधायक डॉक्टर दिनेश उरांव, स्थानीय सांसद सुदर्शन भगत, जिले के उपायुक्त शशि रंजन, एसपी अंजनी कुमार झा भी शामिल हुए.

12 अकटूबर को हुए थे घायल
बताया जाता है की संतोष गोप 12 अक्टूबर को पाकिस्तान की ओर से की गई गोलीबारी में घायल हो गए थे, जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. इसकी जानकारी परिवार वालों को कर्नल ने फोन पर दिया था, जिसके बाद से ही परिवार में मातम का माहौल है.

गुमला : जम्मू कश्मीर के बारामूला जिला के रुस्तम पोस्ट में तैनात आर्मी जवान संतोष गोप शहीद हो गए. संतोष गोप गुमला जिला के बसिया थाना क्षेत्र के टेंगरा गांव के रहने वाले थे. शहीद होने के 3 दिन के बाद मंगलवार को जैसे ही उनका पार्थिव शरीर उनके गांव पहुंचा तो पूरे गांव में भारत माता की जय, शहीद संतोष गोप अमर रहे , हिंदुस्तान जिंदाबाद, पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे गूंजने लगे.

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शहीद जवान के पार्थिव शरीर को उनके साथी जवानों ने अपने कंधों पर लाकर जैसे ही घर के आंगन में पहुंचे, वैसे ही उनके परिजनों, ग्रामीणों और छोटे-छोटे बच्चों की चीत्कार से पूरा माहौल गमगीन हो गया. बच्चों के चीत्कार सुनकर वहां मौजूद जवानों के आंखों में भी आंसू छलक आए. उधर शहीद संतोष गोप की मां अपने बेटे की शहादत की खबर सुनकर बुरा हाल है. बार-बार वह अपने बेटे को याद कर बेहोश हो जा रही है.

पिता ने दी मुखाग्नि

शहीद संतोष गोप को जब उनके बूढ़े पिता अंतिम बार पानी देने के लिए आगे बढ़े तो उनके पैर लड़खड़ा गए. बूढ़े पिता ने लड़खड़ाते पैरों से चलकर और कांपते हाथों से अपने जिगर के टुकड़े को अंतिम विदाई दी. शहीद संतोष गोप को श्रद्धांजलि देने वालों का गांव में तांता लगा हुआ था.

शहीद की यात्रा में शामिल हुए हजारों लोग
घर के आंगन से जब शहीद की अंतिम यात्रा निकली तो उसमें हजारों लोग शामिल हए. शहीद संतोष गोप के अंतिम विदाई में सूबे के विधानसभा स्पीकर सह स्थानीय विधायक डॉक्टर दिनेश उरांव, स्थानीय सांसद सुदर्शन भगत, जिले के उपायुक्त शशि रंजन, एसपी अंजनी कुमार झा भी शामिल हुए.

12 अकटूबर को हुए थे घायल
बताया जाता है की संतोष गोप 12 अक्टूबर को पाकिस्तान की ओर से की गई गोलीबारी में घायल हो गए थे, जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. इसकी जानकारी परिवार वालों को कर्नल ने फोन पर दिया था, जिसके बाद से ही परिवार में मातम का माहौल है.

Intro:गुमला : जम्मू कश्मीर के बारामूला जिला के रुस्तम पोस्ट में तैनात आर्मी का जवान संतोष गोप शहीद हो गए हैं । संतोष गोप गुमला जिला के बसिया थाना क्षेत्र के टेंगरा गांव के रहने वाले थे । शहीद होने के 3 दिन के बाद आज मंगलवार को जैसे ही संतोष गोप का पार्थिव शरीर उनके गांव पहुंचा तो पूरे गांव में भारत माता की जय, शहीद संतोष गोप अमर रहे , हिंदुस्तान जिंदाबाद पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारों से गूंज उठा ।
लेकिन जैसे ही शहीद का पार्थिव शरीर को आर्मी के जवान अपने कंधों में लेकर घर के आंगन में पहुंचे । वैसे ही शहीद के परिवार वालों ,ग्रामीणों और छोटे-छोटे बच्चों की चीत्कार से पूरा माहौल गमगीन हो गया । बच्चों का रोना देखकर हर किसी की आंखों में आंसू छलक गए । उधर शहीद संतोष गोप की मां की स्थिति काफी गंभीर हो गई । बार-बार वह बेहोश हो जा रही थी जिन्हें परिवार की महिलाओं और जिला परिषद की अध्यक्षा संभाल रही थी ।


Body:शहीद संतोष गोप को जब उनके बूढ़े पिता अंतिम बार पानी देने के लिए आगे बढ़े तो उनके पैर लड़खड़ा गए बूढ़े पिता लड़खड़ाते पैरों से चलकर आगे बढ़े और कांपते हाथों से अपने जिगर के टुकड़े को पानी दी । इसके साथ ही संतोष को कई सगे संबंधियों ने भी उन्हें अंतिम बार विदाई दे ।
घर के आंगन से जब शहीद की अंतिम यात्रा निकली तो उसमें हजारों लोग शामिल हो गए । अंतिम यात्रा के दौरान भी युवाओं ने शहीद संतोष गोप अमर रहे ,भारत माता की जय, पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगा रहे थे ।
शहीद संतोष गोप के अंतिम संस्कार कार्यक्रम में सूबे के विधान सभा स्पीकर सह स्थानीय विधायक डॉक्टर दिनेश उरांव, स्थानीय सांसद सुदर्शन भगत , जिले के उपायुक्त शशि रंजन , एसपी अंजनी कुमार झा भी शामिल हुए ।


Conclusion:बताया जाता है कि संतोष गोप उस समय घायल हो गए थे जब 12 अक्टूबर को शाम में पाकिस्तान की ओर से आर डी फायर किया गया था जिसमें वह घायल हो गए थे । संतोष को सेना के डॉक्टर काफी बचाने का प्रयास किया मगर संतोष को बचा नहीं पाए । फिर उसी रात करीब 10:00 बजे परिवार वालों को कर्नल के द्वारा फोन पर बताया गया कि आपका बेटा घायल है ,जिनका इलाज चल रहा है । मगर 13 अक्टूबर की सुबह में संतोष की शहादत की खबर परिवार वालों को दी गई थी ।
अंतिम संस्कार के दौरान आर्मी की ओर से आए अधिकारी ने बताया कि संतोष गोप की शहादत आर्मी के लिए काफी बड़ी क्षति है ।
बाईट : लक्ष्मण कुमार ( आर्मी अधिकारी )
Last Updated : Oct 16, 2019, 12:41 PM IST
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