गुमला: दक्षिणी कोयल नदी पर गुमला और बसिया प्रखंड को जोड़ने के लिए बने उच्च स्तरीय सड़क पुल का रविवार को विधानसभा अध्यक्ष डॉ. दिनेश उरांव और सांसद सुदर्शन भगत ने उद्घाटन किया. यह पुल गुमला और विधानसभा क्षेत्र के लिए लाइफ लाइन का काम करेगा.
राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री ग्राम सेतु योजना से इस पुल का निर्माण 9 करोड़ 39 लाख 80 लाख रुपये की लागत से करवाया है. वहीं, 313 मीटर लंबे इस पुल के उद्घाटन कार्यक्रम में गुमला के स्थानीय विधायक शिव शंकर उरांव को आमंत्रित नहीं किए जाने से एक अलग विवाद खड़ा हो गया है, क्योंकि उद्घाटन कार्यक्रम में स्थानीय सांसद सुदर्शन भगत और झारखंड विधानसभा के स्पीकर सह सिसई के विधायक दिनेश उरांव उपस्थित हुए, जो दोनों ही भाजपा के पार्टी से हैं.
साथ ही गुमला के विधायक शिवशंकर उरांव भी भाजपा पार्टी से हैं. स्थानीय विधायक को निमंत्रण नहीं देने से भाजपा के कई कार्यकर्ताओं में रोष है. वहीं, स्थानीय राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह भाजपा में गुटबाजी का परिचायक है. प्रोटोकोल के तहत इस उद्घाटन कार्यक्रम में स्थानीय विधायक को बुलाना चाहिए इस बात को पुल निर्माण कार्य में लगे ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल के कनीय अभियंता हरेराम महतो भी स्वीकार करते हैं.
उनका कहना है कि जनप्रतिनिधियों को बुलाने का निमंत्रण कार्यपालक अभियन्ता को देना चाहिए था, लेकिन इसमें भूल हुई है. वहीं, गुमला के उप विकास आयुक्त सह प्रभारी उपायुक्त हरि कुमार केसरी ने कहा कि इस पुल के बनने से बड़ी आबादी को फायदा होगा. डीडीसी श्री केसरी ने कहा कि इस पुल निर्माण में गुणवत्ता का ख्याल रखा गया है. शीलापट पर विधायक का नाम अंकित ना होने या नहीं बुलाने पर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. सांसद ने कहा कि पुल का आज उद्घाटन किया गया है. इस पुल के बन जाने से क्षेत्र की जनता को काफी लाभ मिलेगा.