गुमला: पल्स पोलियो अभियान की शुरुआत आगामी 19 जनवरी से होगी. यह अभियान 19, 20 और 21 जनवरी तक चलेगा. जिसको लेकर जिलास्तरीय टास्क फोर्स की एक महत्वपूर्ण बैठक गुमला जिला के विकास भवन में स्थित सभागार में आयोजित की गई.
डीसी ने की बैठक
बता दें कि इस बैठक में जिला के उपायुक्त और स्वास्थ विभाग के अधिकारी शामिल हुए. बैठक में तीन दिवसीय पोलियो टीकाकरण अभियान को सफलतापूर्वक संचालित करते हुए 5 वर्ष से कम उम्र के 1 लाख 50 हजार 388 बच्चों को पोलियो टीकाकरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
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19 जनवरी को टीकाकरण
19 जनवरी को टीकाकरण के लिए 798 पोलियो बूथ चयनित हैं. इसके साथ ही 20 और 21 जनवरी को घर-घर जाकर पोलियो ड्रॉप पिलाने के लिए 1208 टीम का गठन किया है. पोलियो अभियान की सफलता के लिए 21 ट्रांजिट प्वाइंट और 29 चलंत दल का गठन भी किया गया है. वहीं 2528 वैक्सिनेटर और 122 सुपरवाइजर की प्रतिनियुक्ति की गई है. जिलास्तर से सभी बीडीओ, सीओ और सीडीपीओ को अपने-अपने क्षेत्र में जाने और निरीक्षण का निर्देश दिया गया है.
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डीसी ने दिए कई निर्देश
वहीं, उपायुक्त ने स्वास्थ्य विभाग की ओर से संचालित कार्यक्रमों की समीक्षा करते हुए ऐनिमिया प्रभावित महिलाओं का सर्वे करने और जिले में संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए जागरूकता अभियान चलाने साथ ही जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य़ केंद्र, उप स्वास्थ्य केंद्र में भी प्रसव सुविधा उपलब्ध कराने के लिए न्यूनतम संसाधन की व्यवस्था का निर्देश दिया है. डीसी ने बैठक में डुमरी, विशुनपुर, भरनो प्रखंड में संस्थागत प्रसव की उपलब्धी संतोषजनक नहीं होने के कारण वैकल्पिक व्यवस्था उपलब्ध कर संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए जागरूकता अभियान चलाने का निर्देश दिया.
डुमरी प्रखंड में ममता वाहन उपलब्ध नहीं
बैठक में बताया गया कि डुमरी प्रखंड में ममता वाहन उपलब्ध नहीं रहने के कारण गर्भवती महिलाओं को संस्थागत प्रसव के लिए सरकारी अस्पतालों में लाना संभव नहीं हो पाता है. बैठक में यह भी बताया गया कि बसिया और डुमरी प्रखंड में डॉक्टरों की कमी है. इन दोनों प्रखंडस्तरीय अस्पतालों में मात्र तीन-डॉक्टर ही पदस्थापित हैं. एएनएम की संख्या भी स्वीकृत पदों की तुलना में कम है, इससे संस्थागत प्रसव का प्रतिशत कम है.
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विशुनपुर प्रखंड में संस्थागत प्रसव का लाभ नहीं
विशुनपुर प्रखंड के पाट क्षेत्रों सखुवापानी, जोभीपाट, डोभीपाट, बनारी, बनालात, जोरी में स्थानीय स्तर पर प्रसव की सुविधा उप स्वास्थ्य केंद्र में उपलब्ध नहीं है. इन क्षेत्रों की दूरी भी प्रखंड मुख्यालय से बहुत अधिक है, जिस कारण गर्भवती महिलाएं संस्थागत प्रसव का लाभ नहीं ले पाती हैं. बैठक में पाट क्षेत्रों में हिंडाल्को के माध्यम से वहां के अस्पताल में संस्थागत प्रसव के लिए कंपनी प्रबंधन के साथ वार्ता करने का निर्देश दिया गया है. साथ ही बनारी, बनालात, जोरी के उप स्वास्थ्य केंद्रों को विकसित कर यहां प्रसव की सुविधा बहाल करने का भी निर्देश दिया गया.