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भरनो पहुंचा 22 जंगली हाथियों का झुंड, खौफ में ग्रामीण

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Published : Oct 16, 2020, 10:40 PM IST

गुमला के भरनो और बेड़ो प्रखंड के सीमावर्ती क्षेत्र स्थित घाघरा जंगल में 22 जंगली हाथियों का झुंड पहुंचा है. हाथियों के पहुंचने से ग्रामीण दहशत में हैं. इस संबंध में वनपाल एंथोनी लकड़ा ने बताया कि हाथियों को दूसरी ओर खदेड़ने के लिए प्रयास शुरू कर दिया गया है.

Elephant herd reached in gumla, Elephants in Gumla, Elephant evolution in Gumla, गुमला पहुंचा हाथियों का झुंड, गुमला में हाथियों का उत्पात
हाथियों का उत्पात

गुमला: जिला अंतर्गत भरनो और बेड़ो प्रखंड के सीमावर्ती क्षेत्र स्थित घाघरा जंगल में 22 जंगली हाथियों के अचानक डेरा जमा लिए जाने से आसपास के गांवों में अफरातफरी का माहौल है. ग्रामीण एक बार फिर अपनी जान-माल की सुरक्षा को लेकर चिंता में पड़ गए हैं. इनमें से कुछ हाथी घाघरा जंगल और कुछ वनटोली जंगल में हैं.

दहशत में ग्रामीण
खेतों में धान की फसल लहलहा रही है. अब ग्रामीणों को जान माल के साथ फसल को रौंदे जाने और बर्बाद करने का डर सता रहा है. कई किसान फसल की कटाई भी कर रहे हैं. हाथियों के पहुंचने पर अब किसान खेतों की ओर जाने से भी कतराने लगे हैं.

ये भी पढ़ें- छिन्नमस्तिका मंदिर में शारदीय नवरात्र की तैयारी पूरी, शनिवार से शुरू होगी पूजा

हर वर्ष पहुंचता है हाथियों का झुंड
जंगली हाथियों का ये झुंड हर वर्ष धनकटनी के समय ही भरनो प्रखंड में दस्तक देता है. इसके बाद भारी बर्बादी का सिलसिला शुरू हो जाता है. इसी इलाके में बिजली के करंट लगने से पिछले वर्ष एक हाथी की मौत हो गई थी और एक हाथी कुएं में गिरा था. ग्रामीणों ने जंगली हाथियों के आने की सूचना वन विभाग तक पहुंचा दी है. इस संबंध में वनपाल एंथोनी लकड़ा ने बताया कि हाथियों को दूसरी ओर खदेड़ने के लिए प्रयास शुरू कर दिया गया है. ग्रामीणों के बीच पटाखे का भी वितरण किया गया है.

गुमला: जिला अंतर्गत भरनो और बेड़ो प्रखंड के सीमावर्ती क्षेत्र स्थित घाघरा जंगल में 22 जंगली हाथियों के अचानक डेरा जमा लिए जाने से आसपास के गांवों में अफरातफरी का माहौल है. ग्रामीण एक बार फिर अपनी जान-माल की सुरक्षा को लेकर चिंता में पड़ गए हैं. इनमें से कुछ हाथी घाघरा जंगल और कुछ वनटोली जंगल में हैं.

दहशत में ग्रामीण
खेतों में धान की फसल लहलहा रही है. अब ग्रामीणों को जान माल के साथ फसल को रौंदे जाने और बर्बाद करने का डर सता रहा है. कई किसान फसल की कटाई भी कर रहे हैं. हाथियों के पहुंचने पर अब किसान खेतों की ओर जाने से भी कतराने लगे हैं.

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हर वर्ष पहुंचता है हाथियों का झुंड
जंगली हाथियों का ये झुंड हर वर्ष धनकटनी के समय ही भरनो प्रखंड में दस्तक देता है. इसके बाद भारी बर्बादी का सिलसिला शुरू हो जाता है. इसी इलाके में बिजली के करंट लगने से पिछले वर्ष एक हाथी की मौत हो गई थी और एक हाथी कुएं में गिरा था. ग्रामीणों ने जंगली हाथियों के आने की सूचना वन विभाग तक पहुंचा दी है. इस संबंध में वनपाल एंथोनी लकड़ा ने बताया कि हाथियों को दूसरी ओर खदेड़ने के लिए प्रयास शुरू कर दिया गया है. ग्रामीणों के बीच पटाखे का भी वितरण किया गया है.

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