गोड्डा: जिले की शहरी आबादी को पेयजल नसीब नहीं है. कुछ इलाकों में पहले कझिया नदी से पानी सप्लाई होती थी. लेकिन अब कझिया नदी खुद प्यासी है, ऐसे में गोड्डा को पेयजल आपूर्ति के लिए 1.2 अरब की लागत से बननेवाली महत्वकांक्षी परियोजना को स्वीकृति मिली है. जिसके तहत गोड्डा शहर से 30 किलोमीटर दूर सुंदर जलाशय से आपूर्ति किया जाएगा.
दूर होगी पेयजल की समस्या
सुंदर जलाशय से गोड्डा शहर को जलापूर्ति किये जाने की स्वीकृति से गोड्डा नगर परिषद को इस बात की उम्मीद जगी की अब शहर को पीने के पानी के लिए तरसना नहीं होगा. क्योंकि गोड्डा के दो-तीन वार्ड को छोड़कर शहर के ज्यादातर क्षेत्र में शुद्द पेय जलापूर्ति नहीं होती है. गोड्डा नगर परिषद में 20 वार्ड हैं और यहां लगभग एक लाख की आबादी रहती है.
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जलापूर्ति में अभी और वक्त लगेगा
ऐसे में जलापूर्ति की बड़ी योजना को स्वीकृति के बाद जो समय सीमा निर्धारित हुई उसके तहत 2018 तक गोड्डा में जलापूर्ति शुरू हो जाना जाहिए था. लेकिन साल 2019 के 9 माह बीत चुके हैं. निर्माण कार्य मे लगे कारीगरों की मानें तो उनका कहना है कि सुंदर डैम में निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है लेकिन जलापूर्ति में दो साल का वक्त लग सकता है.
जनप्रतिनिधि लगा रहे एक-दूसरे पर आरोप
वहीं नगर परिषद के अध्यक्ष जितेंद्र मंडल कहते हैं के देरी के लिए पिछले जनप्रतिनिधि जिम्मेवार हैं. इसके साथ ही दो माह में पूरा होने की बात करते हैं जिसकी संभावना नहीं के बराबर हैं, क्योंकि जलापूर्ति पाइप लाइन का डिस्ट्रीब्यूशन अभी भी पूरा नहीं हुआ है.