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गोड्डा: कब बुझेगी नगरवासियों की 'प्यास', सुंदर जलाशय है आखिरी आस - जलापूर्ति योजना को मिली स्वीकृति

गोड्डा नगरवसियों की शुद्द पेयजल की समस्या खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. उनके इस समस्या को दूर करने के लिए सुंदर जलाशय से जलापूर्ति की स्वीकृति मिली है. लेकिन अब उसमें भी लगभग दो साल से ज्यादा का समय लग सकता है.

सुंदर डैम का नजारा
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Published : Sep 29, 2019, 9:01 PM IST

गोड्डा: जिले की शहरी आबादी को पेयजल नसीब नहीं है. कुछ इलाकों में पहले कझिया नदी से पानी सप्लाई होती थी. लेकिन अब कझिया नदी खुद प्यासी है, ऐसे में गोड्डा को पेयजल आपूर्ति के लिए 1.2 अरब की लागत से बननेवाली महत्वकांक्षी परियोजना को स्वीकृति मिली है. जिसके तहत गोड्डा शहर से 30 किलोमीटर दूर सुंदर जलाशय से आपूर्ति किया जाएगा.

दूर होगी पेयजल की समस्या
सुंदर जलाशय से गोड्डा शहर को जलापूर्ति किये जाने की स्वीकृति से गोड्डा नगर परिषद को इस बात की उम्मीद जगी की अब शहर को पीने के पानी के लिए तरसना नहीं होगा. क्योंकि गोड्डा के दो-तीन वार्ड को छोड़कर शहर के ज्यादातर क्षेत्र में शुद्द पेय जलापूर्ति नहीं होती है. गोड्डा नगर परिषद में 20 वार्ड हैं और यहां लगभग एक लाख की आबादी रहती है.

ये भी पढ़ें- धनबाद में दिखा फैशन का जलवा, बॉलीवुड एक्ट्रेस स्नेहा उलाल ने पहनाया विनर्स का ताज

जलापूर्ति में अभी और वक्त लगेगा
ऐसे में जलापूर्ति की बड़ी योजना को स्वीकृति के बाद जो समय सीमा निर्धारित हुई उसके तहत 2018 तक गोड्डा में जलापूर्ति शुरू हो जाना जाहिए था. लेकिन साल 2019 के 9 माह बीत चुके हैं. निर्माण कार्य मे लगे कारीगरों की मानें तो उनका कहना है कि सुंदर डैम में निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है लेकिन जलापूर्ति में दो साल का वक्त लग सकता है.

जनप्रतिनिधि लगा रहे एक-दूसरे पर आरोप
वहीं नगर परिषद के अध्यक्ष जितेंद्र मंडल कहते हैं के देरी के लिए पिछले जनप्रतिनिधि जिम्मेवार हैं. इसके साथ ही दो माह में पूरा होने की बात करते हैं जिसकी संभावना नहीं के बराबर हैं, क्योंकि जलापूर्ति पाइप लाइन का डिस्ट्रीब्यूशन अभी भी पूरा नहीं हुआ है.

गोड्डा: जिले की शहरी आबादी को पेयजल नसीब नहीं है. कुछ इलाकों में पहले कझिया नदी से पानी सप्लाई होती थी. लेकिन अब कझिया नदी खुद प्यासी है, ऐसे में गोड्डा को पेयजल आपूर्ति के लिए 1.2 अरब की लागत से बननेवाली महत्वकांक्षी परियोजना को स्वीकृति मिली है. जिसके तहत गोड्डा शहर से 30 किलोमीटर दूर सुंदर जलाशय से आपूर्ति किया जाएगा.

दूर होगी पेयजल की समस्या
सुंदर जलाशय से गोड्डा शहर को जलापूर्ति किये जाने की स्वीकृति से गोड्डा नगर परिषद को इस बात की उम्मीद जगी की अब शहर को पीने के पानी के लिए तरसना नहीं होगा. क्योंकि गोड्डा के दो-तीन वार्ड को छोड़कर शहर के ज्यादातर क्षेत्र में शुद्द पेय जलापूर्ति नहीं होती है. गोड्डा नगर परिषद में 20 वार्ड हैं और यहां लगभग एक लाख की आबादी रहती है.

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जलापूर्ति में अभी और वक्त लगेगा
ऐसे में जलापूर्ति की बड़ी योजना को स्वीकृति के बाद जो समय सीमा निर्धारित हुई उसके तहत 2018 तक गोड्डा में जलापूर्ति शुरू हो जाना जाहिए था. लेकिन साल 2019 के 9 माह बीत चुके हैं. निर्माण कार्य मे लगे कारीगरों की मानें तो उनका कहना है कि सुंदर डैम में निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है लेकिन जलापूर्ति में दो साल का वक्त लग सकता है.

जनप्रतिनिधि लगा रहे एक-दूसरे पर आरोप
वहीं नगर परिषद के अध्यक्ष जितेंद्र मंडल कहते हैं के देरी के लिए पिछले जनप्रतिनिधि जिम्मेवार हैं. इसके साथ ही दो माह में पूरा होने की बात करते हैं जिसकी संभावना नहीं के बराबर हैं, क्योंकि जलापूर्ति पाइप लाइन का डिस्ट्रीब्यूशन अभी भी पूरा नहीं हुआ है.

Intro:गोड्डा जिला मुख्यालय का शहरी इलाका जिसकी बड़ी आवादी को पीने के लिए पेय जल नसीब नही है।कुछ इलाको में पहले कझिया नदी पानी सप्लाई होती थी।लेकिन अब कझिया खुद प्यासी है उस नदी में पानी जी नही तो भला कैसे शहर को पेय जल आपूर्ति हो सके।ऐसे में गोड्डा को पेय जल आपूर्ति के लिहे 1अरब 2 करोड़ की लागत वाली महत्वकांक्षी परियोजना की स्वीकृति मिली जोसके तहत गोड्डा शहर को 30 किलोमीटर दूर सुंदर जलाशय से आपूर्ति किया जाना है।


Body:सूंदर जलाशय से गोड्डा शहर को जलापूर्ति किये जाने की स्वीकृति से गोड्डा नवर परिशद कदहेतर में इस बात की उम्मीद जगी की अब शहर को पीने कद पानी के लिए प्यासी नही रहनी होगी।क्योंकि गोड्डा के दो -तीन वार्ड को छोड़ दे शहर कर के ज्यादातर क्षेत्र में पेय जलापूर्ति नही होती है।गोड्डा नगर पंचायत 20 वार्ड है।औऱ लगभग एक लाख की आवादी प्रवास करती बै।ऐसे में जलापूर्ति की बड़ी योजना को स्वीकृति के बाद जो समय सीमा निर्धारित हुई उसके तहत 2018 तक गोड्डा को जलापूर्ति आरंभ हो जाना था।लेकिन वर्ष 2019 के भी 9 माह बीत चुके है।निर्माण कार्य मे लगे कारीगर की माने तो जनक कहना है कि सुंदर डैम में कूप। रमण का कार्य लगभग पूरा हो चुका है।लेकिन गोड्डा शहर को पेय जलापूर्ति में दो साल का वक्त लग सकता है।
वही नगर पंचायत के अध्यक्ष जितेन्द्र मंडल कहते है बिलंब के लिए पिछले जनप्रतिनिधि जिम्मेवार है।साथ ही दो माह में पूरा होने की बात करते है।जिसकी सभावना नही के बराबर है।क्योंकि जलापूर्ति हेतु पाइप लाइन का डिस्ट्रीब्यूशन अभी भी पूरा नही हुआ है।
bt-कारीगर
bt-जितेंद्र मंडल-नगर परिषद ,अध्यक्ष,गोड्डा


Conclusion:एक अरब से ज्यादा की योजना से नगर के लोगो को उम्मीद होन लाजिमी है।लेकिन इसकी रफ्तार ईरानी धीमी है कि शहर के लोगो का हलक सूखेगा ही।अब तो यही उम्मीद को सुंदर का स्वच्छ जल उनके घर तक पहुचे
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