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गोड्डाः ईद-मिलाद-उन-नबी के मौके पर विचार गोष्ठी का आयोजन, स्कूली बच्चों ने लिया हिस्सा

गोड्डा में ईद-ए-मिलाद-उन-नबी के मौके पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया. इस दौरान जिला स्तरीय जिला स्तरीय वाद विवाद सह क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जहां स्कूली छात्र-छत्राओं ने अपने विचार व्यक्त किए.

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Published : Nov 2, 2020, 9:11 AM IST

eid milad ul nabi in godda
विचार गोष्ठी का आयोजन

गोड्डाः जिले में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक फाउंडेशन के तत्वावधान में आयोजित ईद-ए-मिलाद-उन-नबी के मौके पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया. इस दौरान स्कूली बच्चों के साथ प्रबुद्ध लोगों ने अपने विचार रखे. कहा कि पैगंबर मोहम्मद हर उस दौर में दूत बन कर अवतरित हुए जब समाज में बुराई कुरीति बढ़ने लगी और आज उनकी मूर्ति की पूजा नहीं बल्कि उनके विचारों को जीवन में अंगीकार करने की जरूरत हैं.

इसे भी पढ़ें- मदरसा शिक्षा आलिम और फाजिल की परीक्षा लेने से जैक ने किया इनकार, विद्यार्थियों ने किया प्रदर्शन

क्विज प्रतियोगिता का आयोजन

गोड्डा में ईद-ए-मिलाद-उन नबी के मौके पर जिला स्तरीय जिला स्तरीय वाद-विवाद सह क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. इस दौरान जहां स्कूली छात्र-छत्राओं ने अपने विचार व्यक्त किए. वहीं, समाज के प्रबुद्ध लोगों ने भी अपने विचारों को सबके समक्ष रखा. इस मौके पर सभी धर्म और सम्प्रदाय के लोगों ने ये माना कि पैगंबर मोहम्मद का जन्म उस वक्त फैली समाज की कुरीतियों को खत्म करने के लिए था. हर दौर में जब कुछ गलत हुआ तो कोई देवदूत बनकर समाज को सही दिशा देने का काम किया, चाहे वे प्रभु राम हो या फिर महात्मा बुद्ध या प्रभु ईसामसीह या फिर पैगंबर मोहम्मद.

गोड्डा के सामाजिक कार्यकर्ता और विचारक चिंतामणि ने इस मौके पर कहा कि जब-जब कुकृत्य और बुराई बढ़ी है, तब-तब कोई न कोई दूत इस धरती पर अवतरित हुआ है. उसी श्रृंखला में एक पैगंबर मोहम्मद भी है. उन्होंने उस वक्त जो उचित होना चाहिए था उसी का निर्वहन किया.

गोड्डाः जिले में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक फाउंडेशन के तत्वावधान में आयोजित ईद-ए-मिलाद-उन-नबी के मौके पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया. इस दौरान स्कूली बच्चों के साथ प्रबुद्ध लोगों ने अपने विचार रखे. कहा कि पैगंबर मोहम्मद हर उस दौर में दूत बन कर अवतरित हुए जब समाज में बुराई कुरीति बढ़ने लगी और आज उनकी मूर्ति की पूजा नहीं बल्कि उनके विचारों को जीवन में अंगीकार करने की जरूरत हैं.

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क्विज प्रतियोगिता का आयोजन

गोड्डा में ईद-ए-मिलाद-उन नबी के मौके पर जिला स्तरीय जिला स्तरीय वाद-विवाद सह क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. इस दौरान जहां स्कूली छात्र-छत्राओं ने अपने विचार व्यक्त किए. वहीं, समाज के प्रबुद्ध लोगों ने भी अपने विचारों को सबके समक्ष रखा. इस मौके पर सभी धर्म और सम्प्रदाय के लोगों ने ये माना कि पैगंबर मोहम्मद का जन्म उस वक्त फैली समाज की कुरीतियों को खत्म करने के लिए था. हर दौर में जब कुछ गलत हुआ तो कोई देवदूत बनकर समाज को सही दिशा देने का काम किया, चाहे वे प्रभु राम हो या फिर महात्मा बुद्ध या प्रभु ईसामसीह या फिर पैगंबर मोहम्मद.

गोड्डा के सामाजिक कार्यकर्ता और विचारक चिंतामणि ने इस मौके पर कहा कि जब-जब कुकृत्य और बुराई बढ़ी है, तब-तब कोई न कोई दूत इस धरती पर अवतरित हुआ है. उसी श्रृंखला में एक पैगंबर मोहम्मद भी है. उन्होंने उस वक्त जो उचित होना चाहिए था उसी का निर्वहन किया.

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