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कभी लगता था यहां असामाजिक तत्वों का जमघट, अब राहगीरों की है शरणस्थली

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Published : Feb 2, 2019, 7:13 PM IST

शहर के इस इमारत में जुआड़ियों का कभी लगता था अड्डा. नगर परिषद के सकारात्मक पहल के बाद अब इस जगह की तस्वीर बदल गई है. इस जगह को शेल्टर होम नाम दिया गया है.

शेल्टर होम.

गोड्डा: शहर के बीचोबीच गांधी मैदान के समीप एक खंडहर सी इमारत कभी जुआड़ियों और शराबियों का अड्डा हुआ करता था. जहां आए दिन असामाजिक तत्वों द्वारा कोई न कोई गलत काम को अंजाम दिया जाता था. वहीं, नगर परिषद के सकारात्मक पहल के कारण इस जगह की तस्वीर बदल गई है.

शेल्टर होम.
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जिले के गांधी मैदान के एक इमारत में असमाजिक तत्वों का जमावड़ा लगने वाला जगह अब जरूरतमंदों के लिए जाना जा रहा है. दरअसल, नगर परिषद की सकारात्मक पहल के तहत इस भवन की तस्वीर बदल गई. इस इमारत की मरम्मत कर होटल की शक्ल दी गई है. जहां रहने सोने के पर्याप्त प्रबंध हैं.

नगर परिषद के कार्य को सबने सराहा
बताया जा रहा कि कोई भी राहगीर हो या जिले का जरूरतमंद व्यक्ति. अपनी पहचान बताकर इस भवन में नि:शुल्क ठहर सकता है. इस जगह को शेल्टर होम नाम दिया गया है. साथ ही ये सुविधा उन युवाओं के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है जो बाहर से परीक्षा देने आते है. वो भी इस शेल्टर होम का नि:शुल्क लाभ उठा सकते हैं. नगर परिषद के इस कार्य के बाद लोग इसकी प्रशंसा करते नजर आ रहे हैं.

ये जगह जरूरतमंदों शरणस्थली है
इस संबंध में नगर परिषद अध्यक्ष गुड्डू मंडल ने कहा कि गोड्डा आने वाला कोई व्यक्ति या फिर जरूरतमंद अब सड़क पर रात नही गुजारेंगे. इधर, खेल संघों से जुड़े सुरजीत झा ने कहा कि निश्चित ही शहर के लिए एक अच्छी पहल है. कभी यह गलत तत्वों का केंद्र होता अब ये जगह जरूरतमंदों की शरणस्थली है.

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गोड्डा: शहर के बीचोबीच गांधी मैदान के समीप एक खंडहर सी इमारत कभी जुआड़ियों और शराबियों का अड्डा हुआ करता था. जहां आए दिन असामाजिक तत्वों द्वारा कोई न कोई गलत काम को अंजाम दिया जाता था. वहीं, नगर परिषद के सकारात्मक पहल के कारण इस जगह की तस्वीर बदल गई है.

शेल्टर होम.
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जिले के गांधी मैदान के एक इमारत में असमाजिक तत्वों का जमावड़ा लगने वाला जगह अब जरूरतमंदों के लिए जाना जा रहा है. दरअसल, नगर परिषद की सकारात्मक पहल के तहत इस भवन की तस्वीर बदल गई. इस इमारत की मरम्मत कर होटल की शक्ल दी गई है. जहां रहने सोने के पर्याप्त प्रबंध हैं.

नगर परिषद के कार्य को सबने सराहा
बताया जा रहा कि कोई भी राहगीर हो या जिले का जरूरतमंद व्यक्ति. अपनी पहचान बताकर इस भवन में नि:शुल्क ठहर सकता है. इस जगह को शेल्टर होम नाम दिया गया है. साथ ही ये सुविधा उन युवाओं के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है जो बाहर से परीक्षा देने आते है. वो भी इस शेल्टर होम का नि:शुल्क लाभ उठा सकते हैं. नगर परिषद के इस कार्य के बाद लोग इसकी प्रशंसा करते नजर आ रहे हैं.

ये जगह जरूरतमंदों शरणस्थली है
इस संबंध में नगर परिषद अध्यक्ष गुड्डू मंडल ने कहा कि गोड्डा आने वाला कोई व्यक्ति या फिर जरूरतमंद अब सड़क पर रात नही गुजारेंगे. इधर, खेल संघों से जुड़े सुरजीत झा ने कहा कि निश्चित ही शहर के लिए एक अच्छी पहल है. कभी यह गलत तत्वों का केंद्र होता अब ये जगह जरूरतमंदों की शरणस्थली है.

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Intro:कभी यहाँ लगता था असामाजिक तत्वो का जमघट,अब बना राहगीरों की शरणस्थली,होटल जैसी सुविधाएं बिल्कुल मुफ्त


Body:गोड्डा शहर के बीचों बीच गांधी मैदान के समीप एक खंडहर सी इमारत कभी जुआड़ियों व शराबियो का अड्डा होता था।जहाँ आये दिन असामाजिक तत्वो द्वारा कोई न कोई गलत कारनामे अंजाम दिए जाते।इस कारण से ये जगह बदनाम सी थी।शहर को इस कारण कई की बदनामी झेलनी पड़ती थी।
लेकिन यह के हालात अब बदल गए है।नगर परिषद ने एक सकारात्मक पहल के तहत इस भवन का राण रोगन और मरम्मती कर होटल की शक्ल दे दी है।रहने सोने के पर्याप्त प्रबंध है।कोई भी राहगीर हो नगर अथवा जिले का जरूरत मंद व्यक्ति।अपनी सही पहचान बताकर निशुल्क इस भवन में ठहर सकता है।नाम दिया गया है शेल्टर होम।इस पहल की सराहना हो रही है वही चाहे परीक्षा हो अथवा खेल आयोजन यहाँ लोग ठहरते है ।
इस संबंध में नगर परिषद अध्यक्ष गुड्डू मंडल ने कहा कि गोड्डा आने वाले देर सबेर कोई भी ब्यक्ति हो या फिर जरूरत मंद अब सड़क पर रात नही गुजरेंगे।
वही खेल संघों से जुड़े सुरजीत झा ने कहा कि निश्चित ही शहर के लिए एक अच्छी पहल है,कभी यह गलत तत्वो का केंद्र होता अब ये जगह जरूरत मंदो शरणस्थली है
bt-गुड्डू मंडल-नगर परिषद अध्यक्ष
bt-सुरजीत झा-खेल संघ के पद धारी





Conclusion:नाईट शेल्टर जैसी पहल आज की जरूरत है हर जिले की जहाँ जरूरतमंद बगैर किसी शुल्क के रात गुजार सके।
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