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जिंदल कंपनी के खिलाफ लोगों ने किया परंपरागत हथियारों के साथ प्रदर्शन, 'जमीन लौटाओ-वापस जाओ' के लगाए नारे - etv news

गोड्डा में जिंदल कंपनी के खिलाफ लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया और अपनी जमीन लौटाने की मांग की. ग्रामीण परंपरागत हथियारों के साथ प्रदर्शन कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कंपनी पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया.

People protest against Jindal Company
People protest against Jindal Company
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 1, 2023, 6:37 PM IST

जानकारी देते संवाददाता रंजीत कुमार राठौर

गोड्डा: जिले के सुंदर पहाड़ी स्थित जिंदल कार्यालय के सामने शुक्रवार को स्थानीय रैयतों ने परंपरागत हथियारों के साथ प्रदर्शन किया. रैयत जिंदल कंपनी से अपनी जमीन लौटाने की मांग कर रहे हैं. प्रदर्शन के दौरान उन्होंने 'जिंदल जमीन लौटाओ और वापस जाओ' के नारे भी लगाए.

यह भी पढ़ें: कंपनियों को जमीन देने वाले रैयतों को बड़ी राहत देने की तैयारी, अधिग्रहण के नियम में होगा बदलाव!

दरअसल, एक दशक पहले जिंदल कंपनी ने तकरीबन 400 रैयतों की जमीन ली थी. उस समय कंपनी की ओर से कहा गया था कि वे इस इलाके में पॉवर प्लांट लगाएंगे. लेकिन केंद्र की सरकार बदली और जिंदल कंपनी का कॉल ब्लॉक एग्रीमेंट रद्द हो गया. कंपनी ने भूमि अधिगृहित तो कर ली लेकिन कोई प्लांट नहीं लगा सकी. अब तक लोगों को कंपनी द्वारा ये आश्वासन दिया जाता रहा है कि सरकार से वार्ता हो रही है, जल्द ही प्लांट लगेगा, वैगेरह-वैगेरह. लेकिन हाल फिलहाल में ये होता दिख नहीं रहा है.

वादे के नाम पर बस होती है औपचारिकता: ग्रामीणों का आरोप है कि जब तक जिंदल कंपनी को उम्मीद थी कि प्लांट लगेंगे तो स्थानीय लोगों की खूब खातिरदारी हुई. लेकिन निराश कंपनी ने ग्रामीणों से जो वादे किये थे, अब उसमें भी कटौती कर रही है. मुख्य रूप से स्वास्थ्य सेवा के नाम पर औपचरिकता होती है. वहीं शिक्षा व्यवस्था काफी पहले ही बंद हो चुका है. वहीं तीसरी पेंशन के नाम पर 1000 रुपए की राशि दी जाती थी, उसमें भी खूब गड़बड़ी है. अगर घर के वरीय सदस्य का निधन हो जाता है, तो नए उत्तराधिकार का नाम नहीं जुड़ता है. लोगों का ये भी आरोप है कि कुछ दबंग अथवा दलाल लोगों का काम तो बन जाता है, लेकिन आम आदमी को ठेंगा दिखा दिया जाता है.

ऐसे में लोग आक्रोशित हैं. उनका कहना है कि उनके खेत बर्बाद कर दिए गए. ऐसे में एग्रीमेंट के तहत 5 साल तक कोई प्लांट नहीं लगता है तो उनकी जमीन वापस होनी चाहिए. इसलिए वे प्रदर्शन कर रहे हैं. इसके साथ ही लोगों ने प्रबंधन पर झूठ बोलने और वादाखिलाफी का भी आरोप लगाया.ृ

जानकारी देते संवाददाता रंजीत कुमार राठौर

गोड्डा: जिले के सुंदर पहाड़ी स्थित जिंदल कार्यालय के सामने शुक्रवार को स्थानीय रैयतों ने परंपरागत हथियारों के साथ प्रदर्शन किया. रैयत जिंदल कंपनी से अपनी जमीन लौटाने की मांग कर रहे हैं. प्रदर्शन के दौरान उन्होंने 'जिंदल जमीन लौटाओ और वापस जाओ' के नारे भी लगाए.

यह भी पढ़ें: कंपनियों को जमीन देने वाले रैयतों को बड़ी राहत देने की तैयारी, अधिग्रहण के नियम में होगा बदलाव!

दरअसल, एक दशक पहले जिंदल कंपनी ने तकरीबन 400 रैयतों की जमीन ली थी. उस समय कंपनी की ओर से कहा गया था कि वे इस इलाके में पॉवर प्लांट लगाएंगे. लेकिन केंद्र की सरकार बदली और जिंदल कंपनी का कॉल ब्लॉक एग्रीमेंट रद्द हो गया. कंपनी ने भूमि अधिगृहित तो कर ली लेकिन कोई प्लांट नहीं लगा सकी. अब तक लोगों को कंपनी द्वारा ये आश्वासन दिया जाता रहा है कि सरकार से वार्ता हो रही है, जल्द ही प्लांट लगेगा, वैगेरह-वैगेरह. लेकिन हाल फिलहाल में ये होता दिख नहीं रहा है.

वादे के नाम पर बस होती है औपचारिकता: ग्रामीणों का आरोप है कि जब तक जिंदल कंपनी को उम्मीद थी कि प्लांट लगेंगे तो स्थानीय लोगों की खूब खातिरदारी हुई. लेकिन निराश कंपनी ने ग्रामीणों से जो वादे किये थे, अब उसमें भी कटौती कर रही है. मुख्य रूप से स्वास्थ्य सेवा के नाम पर औपचरिकता होती है. वहीं शिक्षा व्यवस्था काफी पहले ही बंद हो चुका है. वहीं तीसरी पेंशन के नाम पर 1000 रुपए की राशि दी जाती थी, उसमें भी खूब गड़बड़ी है. अगर घर के वरीय सदस्य का निधन हो जाता है, तो नए उत्तराधिकार का नाम नहीं जुड़ता है. लोगों का ये भी आरोप है कि कुछ दबंग अथवा दलाल लोगों का काम तो बन जाता है, लेकिन आम आदमी को ठेंगा दिखा दिया जाता है.

ऐसे में लोग आक्रोशित हैं. उनका कहना है कि उनके खेत बर्बाद कर दिए गए. ऐसे में एग्रीमेंट के तहत 5 साल तक कोई प्लांट नहीं लगता है तो उनकी जमीन वापस होनी चाहिए. इसलिए वे प्रदर्शन कर रहे हैं. इसके साथ ही लोगों ने प्रबंधन पर झूठ बोलने और वादाखिलाफी का भी आरोप लगाया.ृ

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