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बीजेपी नेताओं के बदले सुर, 5 नहीं 15 साल कि गिनाई उपलब्धियां

झारखंड विधानसभा चुनाव में जीत के लिए सभी पार्टियों ने अपनी कमर कस ली है. इसी क्रम में शनिवार को बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा महगामा में चुनावी सभा को संबोधित करने पहुंचे.

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सभा में जेपी नड्डा और अर्जुन मुंडा
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Published : Dec 15, 2019, 8:49 AM IST

गोड्डा: झारखंड विधानसभा चुनाव का विभिन्न दौर जैसे-जैसे समाप्त होता जा रहा है वैसे-वैसे सभी पार्टियां जीत के लिए लगातार कमर कस रही है तो वहीं नेताओं के बीच जुबानी जंग तेज होती जा रही है. हालांकि गोड्डा में महगामा से बीजेपी प्रत्याशी अशोक भगत के समर्थन में आयोजित जनसभा में अलग ही नजारा देखने को मिला. इस दौरान सभा को संबोधित करने आए केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा और जेपी नड्डा ने विपक्ष पर एक बार भी हमला नहीं बोला बल्कि केवल अपने सरकार के कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाई.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें: अमित शाह ने बोला कांग्रेस-जेएमएम पर हमला, कहा- सीएबी के नाम पर मुसलमानों को डरा रहे वे लोग


सबने गिनाई अर्जुन मुंडा की उपलब्धि
चुनावी सभा में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने अपने पूरे भाषण के दौरान एक बार भी विपक्ष का नाम नहीं लिया और केंद्र की विकास योजनाओं के साथ अपने कार्यकाल के दौरान किए गए पुराने कार्यों की उपलब्धियां गिनाई तो वहीं जेपी नड्डा ने जहां रघुवर दास के कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाई तो झारखंड को संवारने में अर्जुन मुंडा के योगदान को श्रेय देना नहीं भूले. अब देखना यह है कि बीजेपी नेताओं के ये बदलते तेवर राजनीति के भविष्य में क्या संकेत छुपाए बैठे हैं.

गोड्डा: झारखंड विधानसभा चुनाव का विभिन्न दौर जैसे-जैसे समाप्त होता जा रहा है वैसे-वैसे सभी पार्टियां जीत के लिए लगातार कमर कस रही है तो वहीं नेताओं के बीच जुबानी जंग तेज होती जा रही है. हालांकि गोड्डा में महगामा से बीजेपी प्रत्याशी अशोक भगत के समर्थन में आयोजित जनसभा में अलग ही नजारा देखने को मिला. इस दौरान सभा को संबोधित करने आए केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा और जेपी नड्डा ने विपक्ष पर एक बार भी हमला नहीं बोला बल्कि केवल अपने सरकार के कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाई.

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सबने गिनाई अर्जुन मुंडा की उपलब्धि
चुनावी सभा में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने अपने पूरे भाषण के दौरान एक बार भी विपक्ष का नाम नहीं लिया और केंद्र की विकास योजनाओं के साथ अपने कार्यकाल के दौरान किए गए पुराने कार्यों की उपलब्धियां गिनाई तो वहीं जेपी नड्डा ने जहां रघुवर दास के कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाई तो झारखंड को संवारने में अर्जुन मुंडा के योगदान को श्रेय देना नहीं भूले. अब देखना यह है कि बीजेपी नेताओं के ये बदलते तेवर राजनीति के भविष्य में क्या संकेत छुपाए बैठे हैं.

Intro:चुनावी सभा मे एक पक्ष दूसरे पर जुबानी तीर न चलाये ऐसा कम ही देखने को मिलता है।लेकिन इससे उलट झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री व वर्तमान में केंद्रीय जनजाति कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा का अलग ही अंदाज़ देखने को मिला।जहा उन्होंने एक भी बार बिपक्ष पर कोई हमला नही बोला।वही साथ मे पार्टी कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा झारखंड के विकास की गाथा गाते वक़्त रघुबर के अर्जुन का नाम लेना नही भूले।जबकि पहले ऐसा कभी नही देखने को मिलता था।


Body:झारखंड के संथाल परगना क्षेत्र में आदिवासियों के वोट को केंद्र में रखकर अपने स्टार प्रचारक पूर्व मुख्यमंत्री व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा को भाजपा के नेता अब निकल पड़े है।इसी कड़ी में महगामा विधान सभा के काला डुमरिया में एक चुनावी सभा अर्जुन मुंडा एक दम से अलग अंदाज में दिखे।जब मंच पर लोगो को संबोधन के लिए आये तो लगा कि वे आम नेता की तरह बिपक्ष पर तीखे हमले करेंगे।लेकिन पूरे भाषण के दौरान उन्होंने एक बार किसी बिपक्ष का नाम नही लिया।सिर्फ केंद्र की विकास योजनाओं के अपने किये पुराने कार्यो को गिनाया।वही नरेंद्र मोदी के नेतृत्व का गुंगगन किया।अगर गिनती के लिहाज सी भी देखे तो सिर्फ एक दफा बोले कि कांग्रेस के समय मे पहले कितना काम हुआ इसका आकलन आप पर छोड़ते है।
संभव है इसके पीछे की वजह रही हो कि वर्तमान में भाजपा के नेतृत्व द्वारा हर मंच पर पिछले 5 साल के स्थायी सरकार का तो जिक्र होता है लेकिन अर्जुन मुंडा समेत शुरुआती भाजपा के 10 साल के उपलब्धियों को गिनाना भूल जाते है।
भारतीय जनता पार्टी के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के भी सुर भी बदले दिखे ।पांच दिन पहले जब वे गोड्डा में कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे तो एक बार भी मंच से अर्जुन मुंडा का नाम नही लिया था।लेकिन महगामा की सभा मे एक बार भी ऐसा नही हुआ जब जेपी नड्डा ने रघुबर दस्य के साथ अर्जुन मुंडा का नाम नही लिया।
अर्जुन मुंडा की संभवतः कुछ मजबूरियां रही होगी।क्योंकि उन्होंने अपने कार्यकाल में सबके साथ जोड़ तोड़ कर बड़ी मुश्किल से सरकार चलाई।जहा उनके साथ घोर विरोधी रहे झामुमो भी रहे।उनके कार्यकाल में हेमंत सोरेन उपमुख्यमंत्री भी रहे।ऐसे में वे कैसे तो किसे कोसे।इतना ही नही उन्होंने एक बार मंच से रघुबर दास का नाम भी नही बोला।
अर्जुन मुंडा को स्थानीय तीन बार के विधायक अशोक भगत का मंच से अर्जुन मुंडा का भरपूर साथ मिला और हर बड़ी योजना सड़क,पुल ,सिल्क क्लस्टर सबके लिये उन्होंने अर्जुन मुंडा के मुख्यमंत्रत्व काल को श्रेय दिया।
bt-अर्जुन मुंडा-पूर्व मुख्यमंत्री,केंद्रीय मंत्री
bt-जेपी नड्डा-कार्यकारी अध्यक्ष,bjp
bt-अशोक भगत-विधायक,प्रत्याशी


Conclusion:राजनीति के ये बदले तेवर अपने आप भविष्य के कई संकेत लिए हुए है।जिसके केंद्र में झारखंड के चुनावी परिणाम होगा।अगर बहुमत का आंकड़ा पार होता है तब तो सब ठीक है।अगर कुछ सीटे कम हो गयी तो तो फिर भाजपा को एक अर्जुन की जरूरत पड़ सकती है ये बात सबको पता है।
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