गोड्डा: जिले में दो दिन पूर्व निजी चाइल्ड हॉस्पिटल में आग लगने की घटना ने पूरे सन्न कर दिया था. जिसमे भर्ती लगभग दो दर्जन नवजात और प्रसव करने आई महिला को मुश्किल से निकाला गया था. बावजूद कई बच्चे आंशिक रूप से झुलस गए थे. इस घटना के बाद प्रशासनिक महकमा नींद से जागा है और अन्य अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था और पंजीकरण की जांच की बात कह रहा है.
गोड्डा में हॉस्पिटल का संचालन
इसी कड़ी में ईटीवी भारत ने निजी अस्पतालों की पड़ताल की, जिसमे शहर के आसनबनी स्थित नामचीन हॉस्पिटल सुदर्शन नर्सिंग होंम को गोड्डा सिविल सर्जन ने छह महीने पहले ही प्रतिबंधित करते हुए बंद कर दिया है. बावजूद इसके ये हॉस्पिटल चल रहा है. हॉस्पिटल में पोड़ैयाहाट की महिला मरीज को ये कहकर भर्ती कराया गया को उनका आयुष्मान भारत के तहत मुफ्त में इलाज किया जाएगा. लेकिन उनसे भर्ती के इलाज के नाम पर 80 हजार वसूल लिए गए. बावजूद उनके हलात में कोई सुधार नहीं हुआ. फिर इसकी शिकायत विधायक प्रदीप यादव से की और फिर उनकी शिकायत पर सिवील सर्जन से की. इसके बाद अस्पताल बंद करवा दिया गया. इनके पूर्व में कई शिकायत सामने आए हैं.
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गोड्डा सिविल सर्जन शिव प्रसाद
इस बाबत अस्पताल संचालक का कहना उनके तरफ से सारे कागजात जमा कर दिए गए हैं. ऐसे में उनका काम पूरी हो गया है. वहीं, मामले पर सिविल सर्जन शिव प्रसाद मानते है कि अस्पताल बंद कराया गया है, वहां इलाज नहीं होना चाहिए. साथ ही कहा कि जब शिकायत आएगी तो कार्रवाई की जाएगी.