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क्या कांग्रेस कोटे से मंत्रिमंडल में होगी 'आधी आबादी' की एंट्री, मंत्रिमंडल विस्तार पर टिकी नजरें

झारखंड में अब सबकी नजरें हेमंत सोरेन के मंत्रिमंडल विस्तार पर टिकी हुई है. कांग्रेस की ओर पहली बार जीत कर आई सभी चार महिला विधायक में एक की जहग मंत्रिमंडल में तय मानी जा रही है.अगर चारों पर गौर करें तो उनमें कई समानताएं हैं. जैसे सभी चारों महिला पहली बार जीत कर विधायक बनी.

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Published : Jan 15, 2020, 7:43 PM IST

cabinet expansion, मंत्रिमंडल विस्तार
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गोड्डा: झारखंड के हेमंत मंत्रिमंडल के विस्तार 19 जनवरी को होने की संभावना है, लेकिन कांग्रेस की ओर से आधी आबादी का चेहरा कौन होगा ये बड़ा सवाल है. सभी चार उम्मीदवार पहली बार जीत कर आये हैं और युवा हैं. ऐसे में संभव है कि उम्र पर अनुभव को प्राथमिकता मिले. लेकिन इसका खुलासा कांग्रेस की सूची आने के बाद ही संभव है.

देखें पूरी खबर

मंत्रिमंडल विस्तार पर टिकी सबकी नजरें
झारखंड में अब सबकी नजरें हेमंत सोरेन के मंत्रिमंडल विस्तार पर टिकी हुई है. लेकिन इस विस्तार में कांग्रेस की ओर पहली बार जीत कर आई सभी चार महिला विधायक में एक की जहग मंत्रिमंडल में तय माना जा रहा है. अगर चारों पर गौर करें तो उनमें कई समानताएं है. जैसे सभी चारों महिला पहली बार जीत कर विधायक बनी. वहीं उम्र के लिहाज सभी युवा हैं और उनकी उम्र 30 से 40 वर्ष के बीच है. जीते विधायकों के कांग्रेस में दाखिला की बात करें तो कुछ लोगों को राजनीति विरासत में मिली है. जैसे सबसे युवा विधायक अंबा प्रसाद पूर्व मंत्री योगेंद्र प्रसाद की बेटी है तो इनकी माता जिलाबदर हैं जो खुद भी विधायक रही है. ऐसे में दोनों के खिलाफ मामला दर्ज होने के कारण अंबा का राजनीति में प्रवेश हुआ है.

ये भी पढ़ें- राज्य की जनता का ख्याल रखते हुए निर्धारित होगी स्थानीय नीति, जनता को घबराने की नहीं है जरूरत: कांग्रेस

दीपिका महगामा सीट से बनी विधायक
वहीं रघुकुल से ताल्लुकात रखने वाली पूर्णिमा सिंह के पति नीरज सिंह कांग्रेस से झरिया के उम्मीदवार रह चुके थे. उनकी हत्या हो गयी थी. वहीं दीपिका पांडेय सिंह की बात करें तो इनकी मां प्रतिभा पांडेय और पिता अरुण पांडेय कांग्रेस के संगठन से काफी लंबे समय से जुड़े हैं और चुनाव लड़ने के साथ ही कई सांगठनिक ओहदे पर रह चुके हैं. वही दीपिका पांडेय के ससुर अवध बिहारी सिंह महगामा विधानसभा से पांच बार विधायक दो बार मंत्री भी रह चुके हैं. दीपिका पांडेय सिंह ने उसी महगामा सीट से दर्ज की है. ममता देवी की बात करें तो वे आंगनबाड़ी सेविका थी, जिला परिषद का चुनाव जीती और एक साल पूर्व कांग्रेस से जुड़ी और उसने सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी की पत्नी को हराया है. काफी कुछ समानता के बाद इनमें कुछ चीजें हैं जो हर किसी की दावेदारी को मजबूत करती हैं.

15 सालों से कांग्रेस से जुड़ी हैं दीपिका
अंबा प्रसाद हाल में ही सक्रिय राजनीति में आई हैं, तो ममता देवी के कांग्रेस में आये एक साल से कुछ ज्यादा वक्त ही बीता है. वहीं पूर्णिमा सिंह पति की हत्या के बाद राजनीति में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं. वहीं दीपिका पांडेय सिंह पिछले 15 सालों से कांग्रेस से जुड़ी हैं. वो इससे पहले पांच वर्षों तक गोड्डा कांग्रेस के अध्यक्ष, प्रदेश कांग्रेस कमिटी की पदधारी होने के साथ ही फिलहाल आखिर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस महिला प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय सचिव हैं. ऐसे में दीपिका पांडेय सिंह की दावेदारी का ये सबसे मजबूत पक्ष है. दीपिका पांडेय कुर्मी जाति से आती हैं, इसके साथ ही गोड्डा जिले को मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व मिल जाएगा. इतना ही नहीं वे कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी के यूथ ब्रिगेड से जुड़ी हुई हैं.

कांग्रेस कोटे से दो ले चुके हैं मंत्रीपद की शपथ
फिलहाल कांग्रेस की सूची दिल्ली में राहुल गांधी के दरबार से जारी होने है. ऐसे में पूरी कांग्रेस दिल्ली में शिफ्ट हो गई है. वहीं कांग्रेस कोटे से फिलहाल दो लोग रामेश्वर उरांव और आलमगीर आलम मंत्रीपद की शपथ ले चुके हैं. इसके अलावा झाविमो के भी दो विधायक बंधु तिर्की के कांग्रेस में आने बात हो रही है. लेकिन कुल मिलाकर इतना तो तय माना जा रहा है कि आधी आबादी में उम्र पर अनुभव भारी पड़ने की संभावना प्रबल लग रही है.

गोड्डा: झारखंड के हेमंत मंत्रिमंडल के विस्तार 19 जनवरी को होने की संभावना है, लेकिन कांग्रेस की ओर से आधी आबादी का चेहरा कौन होगा ये बड़ा सवाल है. सभी चार उम्मीदवार पहली बार जीत कर आये हैं और युवा हैं. ऐसे में संभव है कि उम्र पर अनुभव को प्राथमिकता मिले. लेकिन इसका खुलासा कांग्रेस की सूची आने के बाद ही संभव है.

देखें पूरी खबर

मंत्रिमंडल विस्तार पर टिकी सबकी नजरें
झारखंड में अब सबकी नजरें हेमंत सोरेन के मंत्रिमंडल विस्तार पर टिकी हुई है. लेकिन इस विस्तार में कांग्रेस की ओर पहली बार जीत कर आई सभी चार महिला विधायक में एक की जहग मंत्रिमंडल में तय माना जा रहा है. अगर चारों पर गौर करें तो उनमें कई समानताएं है. जैसे सभी चारों महिला पहली बार जीत कर विधायक बनी. वहीं उम्र के लिहाज सभी युवा हैं और उनकी उम्र 30 से 40 वर्ष के बीच है. जीते विधायकों के कांग्रेस में दाखिला की बात करें तो कुछ लोगों को राजनीति विरासत में मिली है. जैसे सबसे युवा विधायक अंबा प्रसाद पूर्व मंत्री योगेंद्र प्रसाद की बेटी है तो इनकी माता जिलाबदर हैं जो खुद भी विधायक रही है. ऐसे में दोनों के खिलाफ मामला दर्ज होने के कारण अंबा का राजनीति में प्रवेश हुआ है.

ये भी पढ़ें- राज्य की जनता का ख्याल रखते हुए निर्धारित होगी स्थानीय नीति, जनता को घबराने की नहीं है जरूरत: कांग्रेस

दीपिका महगामा सीट से बनी विधायक
वहीं रघुकुल से ताल्लुकात रखने वाली पूर्णिमा सिंह के पति नीरज सिंह कांग्रेस से झरिया के उम्मीदवार रह चुके थे. उनकी हत्या हो गयी थी. वहीं दीपिका पांडेय सिंह की बात करें तो इनकी मां प्रतिभा पांडेय और पिता अरुण पांडेय कांग्रेस के संगठन से काफी लंबे समय से जुड़े हैं और चुनाव लड़ने के साथ ही कई सांगठनिक ओहदे पर रह चुके हैं. वही दीपिका पांडेय के ससुर अवध बिहारी सिंह महगामा विधानसभा से पांच बार विधायक दो बार मंत्री भी रह चुके हैं. दीपिका पांडेय सिंह ने उसी महगामा सीट से दर्ज की है. ममता देवी की बात करें तो वे आंगनबाड़ी सेविका थी, जिला परिषद का चुनाव जीती और एक साल पूर्व कांग्रेस से जुड़ी और उसने सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी की पत्नी को हराया है. काफी कुछ समानता के बाद इनमें कुछ चीजें हैं जो हर किसी की दावेदारी को मजबूत करती हैं.

15 सालों से कांग्रेस से जुड़ी हैं दीपिका
अंबा प्रसाद हाल में ही सक्रिय राजनीति में आई हैं, तो ममता देवी के कांग्रेस में आये एक साल से कुछ ज्यादा वक्त ही बीता है. वहीं पूर्णिमा सिंह पति की हत्या के बाद राजनीति में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं. वहीं दीपिका पांडेय सिंह पिछले 15 सालों से कांग्रेस से जुड़ी हैं. वो इससे पहले पांच वर्षों तक गोड्डा कांग्रेस के अध्यक्ष, प्रदेश कांग्रेस कमिटी की पदधारी होने के साथ ही फिलहाल आखिर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस महिला प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय सचिव हैं. ऐसे में दीपिका पांडेय सिंह की दावेदारी का ये सबसे मजबूत पक्ष है. दीपिका पांडेय कुर्मी जाति से आती हैं, इसके साथ ही गोड्डा जिले को मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व मिल जाएगा. इतना ही नहीं वे कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी के यूथ ब्रिगेड से जुड़ी हुई हैं.

कांग्रेस कोटे से दो ले चुके हैं मंत्रीपद की शपथ
फिलहाल कांग्रेस की सूची दिल्ली में राहुल गांधी के दरबार से जारी होने है. ऐसे में पूरी कांग्रेस दिल्ली में शिफ्ट हो गई है. वहीं कांग्रेस कोटे से फिलहाल दो लोग रामेश्वर उरांव और आलमगीर आलम मंत्रीपद की शपथ ले चुके हैं. इसके अलावा झाविमो के भी दो विधायक बंधु तिर्की के कांग्रेस में आने बात हो रही है. लेकिन कुल मिलाकर इतना तो तय माना जा रहा है कि आधी आबादी में उम्र पर अनुभव भारी पड़ने की संभावना प्रबल लग रही है.

Intro:झारखंड के हेमंत मंत्रिमंडल के बिस्तर 19 जनवरी को तय हुआ है।लेकिन कांग्रेस की ओर से आधी आवादी का चेहरा कौन होगा ये बड़ा सवाल है।सभी चार उम्मीदवार पहली बार जीत कर आये है और युवा है ऐसे में संभव है कि उम्र पर अनुभव को प्राथमिकता मिले।लेकिन इसका खुलासा कांग्रेस की सूची आने के बाद ही संभव हैBody:झारखण्ड में अब सबकी नजर हेमंत सोरेन के मंत्रिमंडल विस्तार पर सबकी नजर अटकी हुई है।लेकिन इस बिस्तार में कांग्रेस की ओर पहली बार जीत कर आई सभी चार महिला विधायक में एक को मंत्रिमंडल में जगह माना जा रहा है।
लेकिन सवाल की आखिर कौन हेमंत मंत्रिमंडल की शोभा बनेंगे ये चयन कॉंग्रेस के लिए भी थोड़ा मुश्किल है।अगर चारो पर गौर करे उनमें कई समानताएं है।जैसे सभी चारो महिला पहली बार जीत कर विधायक बनी।वही उम्र के लिहाज सभी युवा है और उनकी उम्र 30 से 40 वर्ष के बीच है ।जीते विधायक की कांग्रेस में दाखिला की बात करे तो कुछ लोगो को इनमें राजनीति विरासत में मिली है । जैसी सबसे युवा विधायक अम्बा प्रसाद पूर्व मंत्री योगेंद्र प्रसाद की बेटी है जो जेल में है तो इनकी माता जिला बदर है जो खुद भी विधायक रही है।ऐसे में दोनो के बिरुद्ध मामला दर्ज होने के कारण अम्बा का राजनीति में प्रवेश हुआ है।वही रघुकुल से ताल्लुकात रखने वाली पूर्णिमा सिंह के पति नीरज सिंह कांग्रेस से उम्मीदवार झरिया से रह चुके थे।उनकी हत्या हो गयी थी।ये बिदित है लंबे समय बाद रघुकुल ने सिंह मेंशन के उम्मीदवार जेल में बंद विधायक संजीव सिंह की पत्नी अर्थात जेठानी को हराकर जीत दर्ज की है।झरिया में लंबे समय से इन्ही परिवारों का राजनीतिक बर्चस्व रहा हैं
वही दीपिका पांडेय सिंह की बात करे तो इनकी माँ प्रतिभा पांडेय व पिता अरुण पांडेय कांग्रेस के संगठन से काफी लंबे समय से जुड़ी है और चुनाव लड़ने के साथ ही कई सांगठनिक ओहदे पर रह चुके है। वही दीपिका पांडेय के ससुर अवध बिहारी सिंह महगामा विधान सभा से पांच बार विधायक दो बार मंत्री बिहार सरकार में रह चुके है।दीपिका पांडेय सिंह ने उसी महगामा सीट से दर्ज की है।
ममता देवी की बात करे तो वे आंगनबाड़ी सेविका थी जिला परिषद का चुनाव जीती और एक साल पूर्व कांग्रेस से जुड़ी और उसने सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी की पत्नी को हराया है।
काफी कुछ समानता के बाद इनमें कुछ चीजें है जो किसी की दावेदारी को मजबूत करती है वो है अनुभव और सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वही मंत्रिमंडल में एंट्री दिलाने कारगर हथियार हो सकता है।
अम्बा प्रसाद हाल में ही सक्रिय राजनीति में आई है,तो ममता देवी के कांग्रेस में आये एक साल से कुछ ज्यादा वक्त ही बीता है।वही पूर्णिमा सिंह पति की हत्या के बाद राजनीति में सक्रिय भूमिका निभा रही है।वही दीपिका पांडेय सिंह पिछले 15 सालों से कांग्रेस के संतान से जुड़ी है।वो इससे ओहले पांच वर्षों तक गोड्डा कांग्रेस के अध्यक्ष,प्रदेश कांग्रेस कमिटी की पदधारी होने के साथ ही फिलहाल आखिर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस महिला प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय सचिव है।ऐसे में दीपिका पांडेय सिंह की दावेदारी का ये सबसे मजबूत पक्ष है।वही दीपिका पांडेय को मंत्रिमंडल में शामिल करने से महिला के साथ अगड़ी व पिछड़ी जाति का प्रतिनिधत्व भी हो जाएगा।क्योंकि उनके कुर्मी जाति से आते है।इसके साथ ही गोड्डा जिले को मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व मिल जाएगा।इतना ही नही दीपिका पांडेय सिंह कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी के युथ ब्रिगेड से जुड़ी हुई है।
फिलहाल कांग्रेस की सूची दिल्ली में राहुल गांधी के दरबार से जारी होने है।ऐसे में पूरी कांग्रेस दिल्ली में शिफ्ट हो गयी है।वही कांग्रेस कोटे से फिलहाल दो लोग रामेश्वर उरांव व आलमगीर आलम शामिल हो चुके है और तीन सीट मिलने की वात हो रही है इसी में जातिगत समीकरण साधने के साथ ही महिला भागीदारी का भी हिसाब रखना है।इसके अलावा झाविमो के भी दो बिधायक बंधु तिर्की के कांग्रेस में आने बात हो रही है ।तब मंत्रिमंडल की हिस्सेदारी में थोड़ा िलट फेर संभव है
लेकिन कुल मिला इतना तो तय माना जा रहा है कि आधी आवादी में उम्र पर अनुभव भारी पड़ने क़्क़ संभावना प्रबल लग रही है।लेकिन राजनीति कब कौन किस उचाई को प्राप्त कर ले और कौन चूक जाए ये कहना मुश्किल है।Conclusion:कंवरेस की ओर से आधी आवादी का चेहरा बनने का हेमंत मंत्रिमंडल में अवसर किसे मिलना है इसका फैसला कांग्रेस आलाकमान की सूचि आने के बाद ही सामने आएगा।लेकिन चर्चा और दावे के साथ अनुमानों का दौर खूब चल रहा है।इसका अंतिम रूप से खुलासा 19 जनवरी को ही होगा
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