गोड्डा: झारखंड के हेमंत मंत्रिमंडल के विस्तार 19 जनवरी को होने की संभावना है, लेकिन कांग्रेस की ओर से आधी आबादी का चेहरा कौन होगा ये बड़ा सवाल है. सभी चार उम्मीदवार पहली बार जीत कर आये हैं और युवा हैं. ऐसे में संभव है कि उम्र पर अनुभव को प्राथमिकता मिले. लेकिन इसका खुलासा कांग्रेस की सूची आने के बाद ही संभव है.
मंत्रिमंडल विस्तार पर टिकी सबकी नजरें
झारखंड में अब सबकी नजरें हेमंत सोरेन के मंत्रिमंडल विस्तार पर टिकी हुई है. लेकिन इस विस्तार में कांग्रेस की ओर पहली बार जीत कर आई सभी चार महिला विधायक में एक की जहग मंत्रिमंडल में तय माना जा रहा है. अगर चारों पर गौर करें तो उनमें कई समानताएं है. जैसे सभी चारों महिला पहली बार जीत कर विधायक बनी. वहीं उम्र के लिहाज सभी युवा हैं और उनकी उम्र 30 से 40 वर्ष के बीच है. जीते विधायकों के कांग्रेस में दाखिला की बात करें तो कुछ लोगों को राजनीति विरासत में मिली है. जैसे सबसे युवा विधायक अंबा प्रसाद पूर्व मंत्री योगेंद्र प्रसाद की बेटी है तो इनकी माता जिलाबदर हैं जो खुद भी विधायक रही है. ऐसे में दोनों के खिलाफ मामला दर्ज होने के कारण अंबा का राजनीति में प्रवेश हुआ है.
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दीपिका महगामा सीट से बनी विधायक
वहीं रघुकुल से ताल्लुकात रखने वाली पूर्णिमा सिंह के पति नीरज सिंह कांग्रेस से झरिया के उम्मीदवार रह चुके थे. उनकी हत्या हो गयी थी. वहीं दीपिका पांडेय सिंह की बात करें तो इनकी मां प्रतिभा पांडेय और पिता अरुण पांडेय कांग्रेस के संगठन से काफी लंबे समय से जुड़े हैं और चुनाव लड़ने के साथ ही कई सांगठनिक ओहदे पर रह चुके हैं. वही दीपिका पांडेय के ससुर अवध बिहारी सिंह महगामा विधानसभा से पांच बार विधायक दो बार मंत्री भी रह चुके हैं. दीपिका पांडेय सिंह ने उसी महगामा सीट से दर्ज की है. ममता देवी की बात करें तो वे आंगनबाड़ी सेविका थी, जिला परिषद का चुनाव जीती और एक साल पूर्व कांग्रेस से जुड़ी और उसने सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी की पत्नी को हराया है. काफी कुछ समानता के बाद इनमें कुछ चीजें हैं जो हर किसी की दावेदारी को मजबूत करती हैं.
15 सालों से कांग्रेस से जुड़ी हैं दीपिका
अंबा प्रसाद हाल में ही सक्रिय राजनीति में आई हैं, तो ममता देवी के कांग्रेस में आये एक साल से कुछ ज्यादा वक्त ही बीता है. वहीं पूर्णिमा सिंह पति की हत्या के बाद राजनीति में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं. वहीं दीपिका पांडेय सिंह पिछले 15 सालों से कांग्रेस से जुड़ी हैं. वो इससे पहले पांच वर्षों तक गोड्डा कांग्रेस के अध्यक्ष, प्रदेश कांग्रेस कमिटी की पदधारी होने के साथ ही फिलहाल आखिर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस महिला प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय सचिव हैं. ऐसे में दीपिका पांडेय सिंह की दावेदारी का ये सबसे मजबूत पक्ष है. दीपिका पांडेय कुर्मी जाति से आती हैं, इसके साथ ही गोड्डा जिले को मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व मिल जाएगा. इतना ही नहीं वे कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी के यूथ ब्रिगेड से जुड़ी हुई हैं.
कांग्रेस कोटे से दो ले चुके हैं मंत्रीपद की शपथ
फिलहाल कांग्रेस की सूची दिल्ली में राहुल गांधी के दरबार से जारी होने है. ऐसे में पूरी कांग्रेस दिल्ली में शिफ्ट हो गई है. वहीं कांग्रेस कोटे से फिलहाल दो लोग रामेश्वर उरांव और आलमगीर आलम मंत्रीपद की शपथ ले चुके हैं. इसके अलावा झाविमो के भी दो विधायक बंधु तिर्की के कांग्रेस में आने बात हो रही है. लेकिन कुल मिलाकर इतना तो तय माना जा रहा है कि आधी आबादी में उम्र पर अनुभव भारी पड़ने की संभावना प्रबल लग रही है.